दिल्ली में अब पूरे साल ओजोन बन रही समस्या, क्लीन एयर पर जोर देने की जरूरत

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दिल्ली में अब पूरे साल ओजोन बन रही समस्या, क्लीन एयर पर जोर देने की जरूरत

हाइलाइट्स

  • सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) की एक नई रिपोर्ट में किया गया है दावा
  • ओजोन एक रिएक्टिव गैस है, ऐसे में क्लीन एयर प्रोग्राम में इस पर ध्यान देने की जरूरत
  • लुटियन जोन और वेस्ट दिल्ली में ओजोन का स्तर कम, साउथ और ईस्ट दिल्ली में सबसे अधिक

नई दिल्ली
ओजोन की समस्या अब दिल्ली-एनसीआर में सभी सीजन के दौरान देखने को मिल रही है। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) की एक नई रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। सीएसई की एग्जिक्यूजिव डायरेक्टर अनुमिता राय चौधरी ने कहा कि ओजोन अब पूरे साल की समस्या है। इसलिए क्लीन एयर प्रोग्राम में इस पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ओजोन एक रिएक्टिव गैस है, इसके संपर्क में कम समय रहने पर भी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं, जिसके लिए व्यक्ति को एडमिट तक करना पड़ सकता है। इसलिए इससे निपटने के लिए एक अलग अप्रोच की जरूरत है।

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ओजोन की मात्रा तय मानकों से अधिक
सीएसई अर्बन लैब टीम के प्रोग्राम मैनेजर अविकल सोमवंशी ने बताया कि आकलन से पता चला है कि ऐसे दिनों की संख्या बढ़ रही है जब ओजोन की मात्रा तय मानकों से अधिक है। यह सर्दियों के दौरान भी बढ़ रही हैं, जिसकी वजह से सर्दियों का स्मॉग अधिक जहरीला बन रहा है। यह असेसमेंट गर्मियों के लिए मार्च से जून, सर्दियों के लिए अक्टूबर से फरवरी और मॉनसून के लिए जुलाई से सितंबर के बीच 2018 से 2021 के आंकड़ों पर किया गया है।

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साउथ और ईस्ट दिल्ली में ओजोन लेवल सबसे अधिक
सीएसई के आकलन के मुताबिक ओजोन के बढ़ने की वजह हाइपर लोकल हैं। इसलिए दो पड़ोसी जगहों के बीच भी इसके स्तर में काफी अंतर देखने को मिल रहा है। मसलन 27 अप्रैल 2021 को राजधानी के कई स्टेशनों के बीच काफी अधिक वैरिएशन मिला। इस दिन यमुना के आसपास, लुटियन जोन और वेस्ट दिल्ली में ओजोन का स्तर कम था। लेकिन वहीं साउथ, सेंट्रल और नार्थ दिल्ली में इसकी मात्रा अधिक दर्ज की गई। जबकि साउथ और ईस्ट दिल्ली में यह सबसे अधिक थी।

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एनसीआर में गुरुग्राम में सबसे अधिक बढ़ोतरी
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2020 में 290 दिन कम से कम एक जगह पर ओजोन का स्तर तय मानकों से अधिक मिला है। जबकि 2019 में यह 30 दिन और 2018 में 26 दिन था। 2021 में अभी तक यह संख्या 21 दिन है। जबकि एनसीआर में गुरुग्राम में सबसे अधिक बढ़ोतरी देखने को मिली है। यहां 2020 में 201 दिन ओजोन तय मानकों से अधिक रहा। यह 2019 के मुकाबले 300 प्रतिशत अधिक है। वहीं नोएडा में यह बढ़ोतरी 54 प्रतिशत रही। फरीदाबाद में कोई बदलाव नहीं हुआ जबकि गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा में 28 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। अगर छह स्टेशनों के आधार पर तुलना की जाए तो यह बढ़ोतरी 2019 की तुलना में 2020 में 30 प्रतिशत रही।

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