अफगानिस्तान में तालिबान राज से खुश हुआ अमेरिका का जानी दुश्मन ईरान, कहा- अब आएगी शांति

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अफगानिस्तान में तालिबान राज से खुश हुआ अमेरिका का जानी दुश्मन ईरान, कहा- अब आएगी शांति

अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद दुनिया के कई देशों से चिंता जताई है। लेकिन एक देश ऐसा है जो यहां पर तालिबान के राज से बेहद खुश है। यह देश है अमेरिका का जानी दुश्मन ईरान। अफगानिस्तान में अमेरिका की विफलता पर ईरान का कहना है कि इससे अफगानिस्तान में शांति स्थापित होने में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि अमेरिकी फौजों की वापसी की घोषणा के बाद से ही अफगानिस्तान में तालिबान सक्रिय हो गया था। वहीं अब अफगानिस्तान में तालिबान का शासन भी स्थापित हो गया है।

ईरान चाहता है अफगानिस्तान में स्थायित्व
बता दें कि पूर्व में अमेरिका ईरान पर इस बात का आरोप लगा चुका है कि वह तालिबान लड़ाकों की मदद करता है। हालांकि ईरान ने हमेशा इस बात से इंकार किया है और वह अफगान सरकार को समर्थन देने की बात कहता रहा है। शायद यही वजह है कि ईरानी राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी ने अफगानिस्तान में अमेरिका की हार पर खुशी जताई है। ईरानी टीवी ने राष्ट्रपति रईसी के हवाले से कहा है कि अमेरिकी सेना की हार और अफगानिस्तान से उनका हटना, अफगानिस्तान में बेहतर जिंदगी, सुरक्षा और शांति बहाली में मदद करने वाला है। रईसी ने कहा है कि ईरान अफगानिस्तान में स्थायित्व चाहता है। पड़ोसी देश होने के नाते ईरान सभी ग्रुप्स को अफगानिस्तान में आमंत्रित करता है ताकि एक राष्ट्रीय समझौते पर बात हो सके। 

अफगान शरणार्थियों की कर रहे मदद
शिया मुस्लिमों वाला देश ईरान सुन्नी मुस्लिमों वाले तालिबान का लंबे अरसे से दुश्मन रहा है। लेकिन पिछले कुछ साल में यह खुलकर तालिबान नेताओं से मुलाकात कर रहा है। जुलाई में तेहरान ने तत्कालीन अफगान सरकार और उच्च स्तरीय तालिबान राजनीतिक कमेटी के बीच मीटिंग की मेजबानी की थी। तेल उत्पादक देश ईरान अफगानियों के लिए एक बड़ा मददगार रहा है। चाहे वहां पर नौकरी करने की बात रही हो या फिर शरण लेने की। मौजूदा हालात में एक बार फिर ईरान ने अफगान के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है। रविवार को ईरान ने कहा कि उसने अफगान शरणार्थियों के लिए तीन प्रांतों में अस्थायी सुविधाएं मुहैया कराई हैं। 



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