आरपीएससी में भ्रष्टाचार व्याप्त, सांसद बेनीवाल ने की सीबीआई जांच की मांग
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने आरएएस भर्ती परीक्षा में शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के रिश्तेदारों के चयन को लेकर सवाल उठाए और मामले की सीबीआई जांच की मांग की।
जयपुर।
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने आरएएस भर्ती परीक्षा में शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के रिश्तेदारों के चयन को लेकर सवाल उठाए और मामले की सीबीआई जांच की मांग की।
बेनीवाल ने प्रेस वार्ता में कहा कि आरपीएससी के वर्तमान अध्यक्ष जब डीजीपी थे, तब उन्होंने गहलोत सरकार के संकट के समय विधायकों व सांसदो के फ़ोन टेप किए। जिसका सरकार ने उन्हें आरपीएससी अध्यक्ष बनाकर तोहफा दिया। हाल ही में आरपीएससी में एक कार्मिक को एसीबी ने रिश्वत के मामले मे गिरफ्तार किया। उसकी तह तक जाएंगे तो अध्यक्ष की भूमिका भी सामने आ सकती है। उन्होने पूर्व के अध्यक्ष रहे ललित के पंवार, दीपक उप्रेती, सीआर चौधरी, हबीब ख़ाँ गौरान, एम एल कुमावत सहित कई सदस्यों पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में उनके रिश्तेदारो को अवैध रूप से आरएएस बना दिया गया था। ऐसे मे राजस्थान लोक सेवा आयोग की साख बचाने के लिए वर्तमान अध्यक्ष सहित आधा दर्जन पूर्व के अध्यक्षों के कार्यकाल की जांच सीबीआई से करवाने की ज़रूरत है।
परिवहन घोटाले के समय भाजपा गायब क्यों हुई
बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान में जिन भाजपा के नेताओं को आरपीएससी में अचानक अनियमितता नज़र आने लगी वो उस समय क्यों खामोश हो गए जब परिवहन घोटाला हुआ और परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरीयावास पर आरोप लगे।
भाजपा भी धड़ों में बंटी हुई है
सांसद ने कहा कांग्रेस कि आपसी गुटबाजी के कारण राजस्थान की सरकार का तंत्र विफल व नाकाम हो गया और कांग्रेस के साथ भाजपा की कई गुटों में बंट गई। एकतरफ जहां आरपीएससी में भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा के नेता आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ भाजपा के ही नेता जो इसके अध्यक्ष भी रहे चुके हैं वो आरपीएससी को सही बता रहे है ऐसे मे भाजपा का भी अपने नेताओं पर कोई नियंत्रण नहीं है।
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने आरएएस भर्ती परीक्षा में शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के रिश्तेदारों के चयन को लेकर सवाल उठाए और मामले की सीबीआई जांच की मांग की।
जयपुर।
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने आरएएस भर्ती परीक्षा में शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के रिश्तेदारों के चयन को लेकर सवाल उठाए और मामले की सीबीआई जांच की मांग की।
बेनीवाल ने प्रेस वार्ता में कहा कि आरपीएससी के वर्तमान अध्यक्ष जब डीजीपी थे, तब उन्होंने गहलोत सरकार के संकट के समय विधायकों व सांसदो के फ़ोन टेप किए। जिसका सरकार ने उन्हें आरपीएससी अध्यक्ष बनाकर तोहफा दिया। हाल ही में आरपीएससी में एक कार्मिक को एसीबी ने रिश्वत के मामले मे गिरफ्तार किया। उसकी तह तक जाएंगे तो अध्यक्ष की भूमिका भी सामने आ सकती है। उन्होने पूर्व के अध्यक्ष रहे ललित के पंवार, दीपक उप्रेती, सीआर चौधरी, हबीब ख़ाँ गौरान, एम एल कुमावत सहित कई सदस्यों पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में उनके रिश्तेदारो को अवैध रूप से आरएएस बना दिया गया था। ऐसे मे राजस्थान लोक सेवा आयोग की साख बचाने के लिए वर्तमान अध्यक्ष सहित आधा दर्जन पूर्व के अध्यक्षों के कार्यकाल की जांच सीबीआई से करवाने की ज़रूरत है।
परिवहन घोटाले के समय भाजपा गायब क्यों हुई
बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान में जिन भाजपा के नेताओं को आरपीएससी में अचानक अनियमितता नज़र आने लगी वो उस समय क्यों खामोश हो गए जब परिवहन घोटाला हुआ और परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरीयावास पर आरोप लगे।
भाजपा भी धड़ों में बंटी हुई है
सांसद ने कहा कांग्रेस कि आपसी गुटबाजी के कारण राजस्थान की सरकार का तंत्र विफल व नाकाम हो गया और कांग्रेस के साथ भाजपा की कई गुटों में बंट गई। एकतरफ जहां आरपीएससी में भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा के नेता आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ भाजपा के ही नेता जो इसके अध्यक्ष भी रहे चुके हैं वो आरपीएससी को सही बता रहे है ऐसे मे भाजपा का भी अपने नेताओं पर कोई नियंत्रण नहीं है।