करोड़ों का आसामी निकला एमपी एग्रो का जिला प्रबंधक, ईमानदारी का बोर्ड टांग कर जमा की अकूत संपत्ति
हाइलाइट्स
- एमपी एग्रो के जिला प्रबंधक पद पर धार में पदस्थ है रमेश चंद्र पाटीदार
- कार्रवाई के समय अपने पैतृक गांव में था जिला प्रबंधक
- भ्रष्ट अधिकारी ने अपने ऑफिस में लगा रखा था ईमानदारी का बोर्ड
- अधिकारी पर गबन के कई आरोप, छह महीने से नजर रख रही थी ईओडब्ल्यू
भोपाल/शाजापुर/धार
मध्य प्रदेश में भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला लगातार जारी है। शुक्रवार को ईओडब्ल्यू ने एमपी एग्रो के धार जिला प्रबंधक रमेश चंद्र पाटीदार (Ramesh Chandra Patidar News) के ठिकानों पर छापेमारी की तो वह करोड़ों का आसामी निकला। इंदौर, भोपाल, धार और शाजपुर में उसके ठिकानों पर हुई कार्रवाई (EOW raid on MP Agro Manager) में तीन करोड़ रुपये से ज्यादा की अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ है। इनमें 52 बीघा जमीन, फार्म हाउस, हॉस्पिटल, दो कार, प्लॉट, गहने और अन्य सामान शामिल हैं।
ताज्जुब यह कि रमेश चंद्र पाटीदार दूसरों को ईमानदारी का पाठ पढ़ाकर खुद काली कमाई करने में मशगूल था। उसने अपने ऑफिस में ईमानदारी का अर्थ लिखा बोर्ड टांग रखा था। इस पर लिखा था ‘ ईमानदारी का अर्थ है- हजार मनकों में से अलग चमकने वाला हीरा’।
मिली तीन करोड़ से ज्यादा की संपत्ति
ईओडब्ल्यू के एसपी धनंजय शाह ने बताया कि अभी तक की जांच में करीब तीन करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति मिली है। इसमें जमीन, मकान, फ्लैट और गाड़ियां शामिल हैं। जिला प्रबंधक के पास मोहन बड़ाेदिया गांव में एक अस्पताल, आलोक नगर में एक घर, धार के त्रिमूर्ति नगर में एक घर और भोपाल के चूना भट्टी चिनार हिल्स में फ्लैट है। मोहन बड़ोदिया में पैतृक मकान, दो कारें, ट्रैक्टर-ट्रॉली और कुछ दो पहिया वाहन भी हैं। घर से बेशकीमती जमीनों के दस्तावेज भी मिले हैं।
गबन के कई आरोप
जिला प्रबंधक के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की कई शिकायतें मिली थीं। इसके बाद ईओडब्ल्यू ने उसके खिलाफ कार्रवाई की। एसपी ने बताया कि पाटीदार ने अपने कार्यकाल में ऋण पुस्तिका और अनुदान में भी गबन किए हैं। इसकी जांच की जा रही है। एसपी ने बताया कि पिछले छह महीने से विभाग की नजर प्रबंधक पर थी। कार्रवाई के दौरान वह धार में नहीं था। कुछ दिनों के लिए अवकाश लेकर पैतृक गांव शाजापुर के मोहन बड़ोदिया आया था।
5 मकान समेत 52 बीघा जमीन
कार्रवाई के बारे में जानकारी देते हुए डीएसपी अनिरुद्ध वाधिया ने बताया कि जिला प्रबंधक के धार, इंदौर, भोपाल, शाजापुर समेत पैतृक गांव में 5 मकान मिले हैं। करीब 52 बीघा जमीन मिली है। पांच बैंक और एक लॉकर की जानकारी मिली है। सोने-चांदी के गहने भी मिले हैं। इनकी कीमत करीब 40 लाख रुपये है।
13 साल से धार में पदस्थ
रमेश चंद्र पाटीदार करीब 13 साल से लगातार धार में ही पदस्थ है। उसका ऑफिस भी प्राइवेट भवन में संचालित हो रहा है। शाजापुर में उसने चर मंजिला हॉस्पिटल बनाकर उसे किराए पर दिया हुआ है। अधिकारियों को फार्म हाउस का भी पता चला है।
ईमानदारी का बोर्ड ऑफिस में लगा
ईओडब्ल्यू की टीम धार के कोर्ट रोड स्थित जिला प्रबंधक के ऑफिस में पहुंची। ऑफिस की बिल्डिंग के मुख्य कमरे में ईमानदारी का बोर्ड भी उसने लगा रखा है। उस पर लिखा है कि ‘ईमानदार होने का अर्थ है- हजार मनकों में से अलग चमकने वाला हीरा।’
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हाइलाइट्स
- एमपी एग्रो के जिला प्रबंधक पद पर धार में पदस्थ है रमेश चंद्र पाटीदार
- कार्रवाई के समय अपने पैतृक गांव में था जिला प्रबंधक
- भ्रष्ट अधिकारी ने अपने ऑफिस में लगा रखा था ईमानदारी का बोर्ड
- अधिकारी पर गबन के कई आरोप, छह महीने से नजर रख रही थी ईओडब्ल्यू
मध्य प्रदेश में भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला लगातार जारी है। शुक्रवार को ईओडब्ल्यू ने एमपी एग्रो के धार जिला प्रबंधक रमेश चंद्र पाटीदार (Ramesh Chandra Patidar News) के ठिकानों पर छापेमारी की तो वह करोड़ों का आसामी निकला। इंदौर, भोपाल, धार और शाजपुर में उसके ठिकानों पर हुई कार्रवाई (EOW raid on MP Agro Manager) में तीन करोड़ रुपये से ज्यादा की अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ है। इनमें 52 बीघा जमीन, फार्म हाउस, हॉस्पिटल, दो कार, प्लॉट, गहने और अन्य सामान शामिल हैं।
ताज्जुब यह कि रमेश चंद्र पाटीदार दूसरों को ईमानदारी का पाठ पढ़ाकर खुद काली कमाई करने में मशगूल था। उसने अपने ऑफिस में ईमानदारी का अर्थ लिखा बोर्ड टांग रखा था। इस पर लिखा था ‘ ईमानदारी का अर्थ है- हजार मनकों में से अलग चमकने वाला हीरा’।
मिली तीन करोड़ से ज्यादा की संपत्ति
ईओडब्ल्यू के एसपी धनंजय शाह ने बताया कि अभी तक की जांच में करीब तीन करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति मिली है। इसमें जमीन, मकान, फ्लैट और गाड़ियां शामिल हैं। जिला प्रबंधक के पास मोहन बड़ाेदिया गांव में एक अस्पताल, आलोक नगर में एक घर, धार के त्रिमूर्ति नगर में एक घर और भोपाल के चूना भट्टी चिनार हिल्स में फ्लैट है। मोहन बड़ोदिया में पैतृक मकान, दो कारें, ट्रैक्टर-ट्रॉली और कुछ दो पहिया वाहन भी हैं। घर से बेशकीमती जमीनों के दस्तावेज भी मिले हैं।
गबन के कई आरोप
जिला प्रबंधक के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की कई शिकायतें मिली थीं। इसके बाद ईओडब्ल्यू ने उसके खिलाफ कार्रवाई की। एसपी ने बताया कि पाटीदार ने अपने कार्यकाल में ऋण पुस्तिका और अनुदान में भी गबन किए हैं। इसकी जांच की जा रही है। एसपी ने बताया कि पिछले छह महीने से विभाग की नजर प्रबंधक पर थी। कार्रवाई के दौरान वह धार में नहीं था। कुछ दिनों के लिए अवकाश लेकर पैतृक गांव शाजापुर के मोहन बड़ोदिया आया था।
5 मकान समेत 52 बीघा जमीन
कार्रवाई के बारे में जानकारी देते हुए डीएसपी अनिरुद्ध वाधिया ने बताया कि जिला प्रबंधक के धार, इंदौर, भोपाल, शाजापुर समेत पैतृक गांव में 5 मकान मिले हैं। करीब 52 बीघा जमीन मिली है। पांच बैंक और एक लॉकर की जानकारी मिली है। सोने-चांदी के गहने भी मिले हैं। इनकी कीमत करीब 40 लाख रुपये है।
13 साल से धार में पदस्थ
रमेश चंद्र पाटीदार करीब 13 साल से लगातार धार में ही पदस्थ है। उसका ऑफिस भी प्राइवेट भवन में संचालित हो रहा है। शाजापुर में उसने चर मंजिला हॉस्पिटल बनाकर उसे किराए पर दिया हुआ है। अधिकारियों को फार्म हाउस का भी पता चला है।
ईमानदारी का बोर्ड ऑफिस में लगा
ईओडब्ल्यू की टीम धार के कोर्ट रोड स्थित जिला प्रबंधक के ऑफिस में पहुंची। ऑफिस की बिल्डिंग के मुख्य कमरे में ईमानदारी का बोर्ड भी उसने लगा रखा है। उस पर लिखा है कि ‘ईमानदार होने का अर्थ है- हजार मनकों में से अलग चमकने वाला हीरा।’