कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने इस्तीफे की खबर को बताया अफवाह, कहा- यह सच नहीं

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कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने इस्तीफे की खबर को बताया अफवाह, कहा- यह सच नहीं

कर्नाटक में भाजपा के कुछ विधायकों के बागी तेवर ने काफी समय से मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को मुश्किलों में डाल रखा है। कर्नाटक में जारी सियासी गहमागहमी की धमक अब दिल्ली तक पहुंच गई है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफे को लेकर भी अटकलों का बाजार गर्म है। हालांकि, इन अटकलों पर खुद येदियुरप्पा ने चुप्पी तोड़ी है। मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने इस्तीफे की अफवाहों को खारिज करते हुए कहा कि यह बिल्कुल सच नहीं है। हालांकि, अब येदियुरप्पा ने चुप्पी तोड़ी है और इस बात से साफ इनकार कर दिया है। येदियुरप्पा ने अपने इस्तीफे की अफवाहों को खारिज करते हुए कहा है कि यह बिल्कुल सच नहीं है।

नेतृत्व परिवर्तन पर नहीं दिया जवाब

राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें तेज हैं और ऐसे में प्रधानमंत्री और केंद्रीय नेताओं से मिलने के लिए उनके दिल्ली पहुंचने से इन अटकलों को और बल मिला है। लेकिन, राज्य में नेतृत्व परिवर्तन के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया। इसे टालते हुए उन्होंने हंसते हुए पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं नहीं जानता। आप ही बता दो।’’

दरअसल, कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ही कुछ बागी नेता मुख्यमंत्री और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं और इस वजह से पार्टी की किरकिरी भी हो रही है। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने ऐसे नेताओं को चेतावनी दी है लेकिन इसके बावजूद आरोपों का यह सिलसिला जारी है।

जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे येदियुरप्पा

दिल्ली में प्रधानमंत्री से लगभग 20 मिनट की इस मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से मेकेदातु बांध परियोजना सहित राज्य के विकास से जुड़ी लंबित परियोजनाओं के जल्द क्रियान्वयन का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि- मैं राजनाथ सिंह जी, अमित शाह जी, जेपी नड्डा जी से बात करूंगा और मेकेदातु परियोजना की अनुमति लेने के लिए जल संसाधन मंत्री से भी मिलूंगा।

येदियुरप्पा की कुर्सी पर खतरा?

कर्नाटक से दिल्ली का मुख्यमंत्री का यह दौरा ऐसे समय में हुऐ है जब उनके शेष दो साल के कार्यकाल के लिए अपने पद पर बने रहने को लेकर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं। ऐसी भी अटकलें हैं कि येदियुरप्पा किसी भी असंतोष को शांत करने के लिए विद्रोहियों को समायोजित करने के लिए कैबिनेट फेरबदल के लिए केंद्र का आशीर्वाद लेंगे।



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