कहानी उत्तर प्रदेश की: जब बलिया के ‘बाबू साहब’ ने पाकिस्तानी PM नवाज शरीफ से कहा-ये शर्त पूरा करिए और ले जाइए कश्मीर

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कहानी उत्तर प्रदेश की: जब बलिया के ‘बाबू साहब’ ने पाकिस्तानी PM नवाज शरीफ से कहा-ये शर्त पूरा करिए और ले जाइए कश्मीर

Authored by | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Nov 21, 2021, 4:00 AM

बलिया के रहने वाले चंद्रशेखर यूं तो कभी यूपी के सीएम नहीं बने, लेकिन वो 1991 में देश के पीएम पद पर आसीन जरूर हो गए। राज्यसभा के उपसभापति और कभी चंद्रशेखर के मीडिया सलाहकार रहे हरिवंश कहते हैं कि अगर चंद्रशेखर को कुछ वक्त और मिलता तो देश के तमाम मसले हल हो जाते।

 


लखनऊ/रसड़ा

1991 का साल था। दिल्ली की रायसीना हिल्स पर बने प्रधानमंत्री कार्यालय में यूपी के गांव का एक शख्स सरपरस्त बनकर देश की सत्ता को संभालने आया था। बलिया में जिला मुख्यालय से करीब 65 किलोमीटर दूर इब्राहिमपट्टी गांव से पहली बार कोई शख्स देश की सत्ता के सर्वोच्च पद पर बैठने पहुंचा था। इस शख्स का नाम चंद्रशेखर था, जो उस वक्त देश में समाजवादी विचारधारा के सबसे बड़े नेताओं में एक कहे जाते थे।

चंद्रशेखर युवा तुर्क के नाम से मशहूर थे। खांटी जुबान, बढ़ी दाढ़ी, कुर्ता और यूपी के ‘बाबू साहब’ वाली हनक चंद्रशेखर इन्हीं शब्दों में परिभाषित थे। चंद्रशेखर का ये रंग, उनके पीएम रहते हुए भी दिखा। वो ज्यादा दिन तक प्रधानमंत्री ना भी रहे, लेकिन उनका व्यक्तित्व ऐसा था कि पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ भी उनकी तारीफ करते नहीं थकते थे।

चंद्रशेखर के राजनीतिक जीवन के कई किस्से मशहूर हैं। इंदिरा गांधी से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी तक चंद्रशेखर सभी के प्रिय थे और सभी के लिए महत्वपूर्ण भी। चंद्रशेखर के जीवन का एक किस्सा पाकिस्तान और मालदीव से भी जुड़ा है। 1991 के उस साल चंद्रशेखर की मुलाकात पाकिस्तान के तब के वज़ीर-ए-आजम नवाज़ शरीफ से हुई थी। इस मुलाकात में चंद्रशेखर से नवाज शरीफ ने कश्मीर मांग लिया तो चंद्रशेखर ने उनकी मांग स्वीकार करते हुए उनके सामने एक शर्त रखी।

भारत के आठवें पीएम थे चंद्रशेखर

1991 की बात है….
1991 के उस साल चंद्रशेखर देश के पीएम थे और नवाज शरीफ पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम। दोनों इसी हैसियत से कॉमनवेल्थ देशों के एक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे थे। वरिष्ठ पत्रकार संतोष भारतीय ने अपनी किताब ‘वीपी सिंह, चंद्रशेखर, सोनिया गांधी और मैं’ में इस वाकये को बड़े विस्तार से लिखा है। किताब के मुताबिक, चंद्रशेखर इस सम्मेलन में अपना भाषण देने के बाद मंच से उतर ही रहे थे कि उनकी नजर वहां मौजूद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर पड़ी। चंद्रशेखर ने नवाज शरीफ से मुलाकात की, कुछ वक्त की औपचारिक गतिविधियों के बाद चंद्रशेखर ने कहा- आप बहुत बदमाशी करते हैं। नवाज शरीफ ने कहा- बदमाशी की वजह को दूर कर दीजिए। चंद्रशेखर ने जवाब में पूछा- बताइए, क्या वजह है।

‘एक शर्त है, बस उसे मान लीजिए’
नवाज शरीफ ने जवाब में कहा- हमें कश्मीर दे दीजिए, सारी बदमाशी खत्म हो जाएगी। चंद्रशेखर अपनी हाजिर जवाबी को मशहूर थे। उन्होंने कहा- ठीक है, आप ले जाइए कश्मीर। नवाज शरीफ मुस्कुराने लगे, कहा- चलिए बात हो जाए तब। चंद्रशेखर और वो अगले पल एक कमरे में बैठे। चंद्रशेखर ने अपनी एक शर्त बताई और कहा कि हिंदुस्तान पाकिस्तान को कश्मीर दे देगा, बस उसकी एक शर्त स्वीकार ली जाए। नवाज शरीफ कश्मीर के लिए कुछ भी करने को राजी थे। उन्होंने कहा- बताइए क्या शर्त होगी। चंद्रशेखर का जवाब था- आपको भारत के 15 करोड़ मुसलमान भी अपने साथ ले जाने होंगे।

नवाज शरीफ और पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी

नवाज शरीफ और पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी

दोनों देशों के बीच सीधी बात का इंतजाम
नवाज शरीफ के चेहरे का रंग उतर गया। अपनी बदहाली का रोना रोने वाले पाकिस्तान के लिए खुद को संभालना मुश्किल था। नवाज जान गए कि चंद्रशेखर की युवा तुर्क वाली छवि का असर क्या है। उन्होंने कहा- आप अपनी बात रोक दीजिए अब, मैं अपनी रोक देता हूं। नवाज शरीफ ने चंद्रशेखर से कहा कि दोनों मुल्कों को अपने मसलों पर बात करने के लिए कोई सीधा इंतजाम करना चाहिए।

हम एक कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने भारतीय डेलिगेशन के साथ चीन गए हुए थे। नवाज शरीफ भी पाकिस्तान का एक प्रतिनिधिमंडल लेकर उसी कॉन्फ्रेंस में आए थे। वो वहां मुझसे मिले तो उन्होंने मुझसे बाबू जी (चंद्रशेखर) के बारे में कई सारी बात कही और उनकी जमकर तारीफ भी की।

नीरज शेखर, पूर्व पीएम चंद्रशेखर के बेटे

पीएमओ में लगाई गई हॉटलाइन
नवाज शरीफ ने कहा कि दोनों देश अगर अपने पीएमओ में हॉटलाइन लगा लें तो किसी भी तरह की परेशानी की स्थिति में आसानी से एक दूसरे से बात कर सकेंगे। ये बात चंद्रशेखर को भी ठीक लगी और कुछ वक्त बाद पाकिस्तान से सीधी बात करने के लिए हॉटलाइन भी लगा दिया गया।

नीरज शेखर (फाइल फोटो)

नीरज शेखर (फाइल फोटो)

जब नीरज शेखर से नवाज ने की उनके पिता की तारीफ
पूर्व पीएम चंद्रशेखर के बेटे और पूर्व राज्यसभा के सांसद नीरज शेखर ने नवभारत टाइम्स से खास बातचीत में बताया कि नवाज शरीफ ने एक मुलाकात में उनसे उनके पिता की तारीफ करते हुए कई बातें कही थीं। नीरज शेखर ने बताया,’हम एक कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने भारतीय डेलिगेशन के साथ चीन गए हुए थे। नवाज शरीफ भी पाकिस्तान का एक प्रतिनिधिमंडल लेकर उसी कॉन्फ्रेंस में आए थे। वो वहां मुझसे मिले तो उन्होंने मुझसे बाबू जी (चंद्रशेखर) के बारे में कई सारी बात कही और उनकी जमकर तारीफ भी की।’ चंद्रशेखर भारतीय राजनीति में अपने सादेपन के लिए मशहूर थे। वर्तमान में राज्यसभा के उपसभापति और एक जमाने में चंद्रशेखर के मीडिया अडवाइजर रहे हरिवंश कहते हैं कि अगर चंद्रशेखर को थोड़ा और वक्त मिला होता तो वह देश की कई समस्याओं को सुलझा लेते। वो कश्मीर और राम मंदिर का हल चाहते थे, अगर वक्त रहता तो शायद अयोध्या का विषय और पहले ही सुलझ जाता।

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