कोरोना का कहर, पिछले 15 दिनों में 50 फीसदी कारोबार चौपट
नई दिल्ली
एक बार फिर से कोरोना का कहर तेजी से बढ़ रहा है। इसी के साथ दिल्ली समेत अनेक राज्यों ने कड़े प्रतिबंध लागू करना शुरू कर दिया है। इसका सीधा असर कारोबार पर पड़ना शुरू हो गया है। छोटे कारोबारियों के संगठन कैट का कहना है कि बीते 15 दिनों में कारोबार 50 फीसदी से भी ज्यादा घट गया है।
देश के वितरण केंद्रों में घटा कारोबार
कंफेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल का कहना है कि देश में कुल रिटेल व्यापार लगभग 150 लाख करोड़ रुपये का होता है। इसमें 50 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। संगठन ने विभिन्न राज्यों के 36 शहरों को वितरण केंद्र के रूप में चिन्हित किय है। वहां बीते 1 जनवरी से 15 जनवरी तक कोरोना के बढ़ते स्वरूप और स्थानीय प्रशासन द्वारा लगाई गई पाबंदियों का व्यापार पर व्यापक असर पड़ा है। इस गिरावट का मुख्य कारण कोरोना की तीसरी लहर से लोगों में घबराहट, पड़ोसी शहरों से वितरण केंद्र पर सामान खरीदने का न आना,व्यापारियों के पास पैसे की तंगी,उधार में बड़ी रकमों का फंसना और इसके साथ ही बिना व्यापारियों से सलाह के बेतरतीब तरीके से कोविड प्रतिबंध लगाना भी शामिल है।
किस क्षेत्र में कितनी गिरावट
कैट के मुताबिक कोरोना की वजह से इस समय एफएमसीजी में 35%, इलेक्ट्रॉनिक्स में 50% मोबाइल में 50% , दैनिक उपभोग की वस्तुओं में 35%, फुटवियर में 60% ज्वेलरी में 35%, खिलौनों में 65%, गिफ्ट आइटम्स में 70%, बिल्डर हार्डवेयर में 50%, सैनेटरीवेयर में 50% परिधान तथा कपड़े में 40%, कॉस्मेटिक्स में 30%, फर्नीचर में 50%, फर्निशिंग फैब्रिक्स में 50%, इलेक्ट्रिकल सामान में 40%, सूटकेस एवं लगेज में 50%, खाद्यान्न में 30%, रसोई उपकरणों में 45%, घड़ियों में 40%, कंप्यूटर एवं कंप्यूटर के सामान में 35%, कागज एवं स्टेशनरी में 40% तक की गिरावट आई है।
ऑड-ईवन निरर्थक प्रयास
कैट का कहना है कि दिल्ली में जो ऑड-ईवन लगा है, वह एक निरर्थक प्रयास साबित हुआ है। इसने सुचारू व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन को प्रतिबंधित कर दिया है। इस प्रकार के प्रतिबंधों के साथ साप्ताहिक लॉकडाउन ने व्यावसायिक गतिविधियों को या तो केवल दो दिन या एक सप्ताह में तीन दिनों के लिए के लिए ही व्यापार करने के लिए छोड़ा है। उनका कहना है कि पहले अन्य राज्यों से लगभग 5 लाख व्यापारी प्रतिदिन अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए दिल्ली आते थे। लेकिन कोविड प्रतिबंधों के कारण अब उन्होंने दिल्ली आना बंद कर दिया है। अब वे अन्य राज्यों से अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कर रहे हैं। इससे दिल्ली के व्यापार पर पड़ने वाला प्रतिकूल प्रभाव निकट भविष्य में दिखेगा।
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एक बार फिर से कोरोना का कहर तेजी से बढ़ रहा है। इसी के साथ दिल्ली समेत अनेक राज्यों ने कड़े प्रतिबंध लागू करना शुरू कर दिया है। इसका सीधा असर कारोबार पर पड़ना शुरू हो गया है। छोटे कारोबारियों के संगठन कैट का कहना है कि बीते 15 दिनों में कारोबार 50 फीसदी से भी ज्यादा घट गया है।
देश के वितरण केंद्रों में घटा कारोबार
किस क्षेत्र में कितनी गिरावट
कैट के मुताबिक कोरोना की वजह से इस समय एफएमसीजी में 35%, इलेक्ट्रॉनिक्स में 50% मोबाइल में 50% , दैनिक उपभोग की वस्तुओं में 35%, फुटवियर में 60% ज्वेलरी में 35%, खिलौनों में 65%, गिफ्ट आइटम्स में 70%, बिल्डर हार्डवेयर में 50%, सैनेटरीवेयर में 50% परिधान तथा कपड़े में 40%, कॉस्मेटिक्स में 30%, फर्नीचर में 50%, फर्निशिंग फैब्रिक्स में 50%, इलेक्ट्रिकल सामान में 40%, सूटकेस एवं लगेज में 50%, खाद्यान्न में 30%, रसोई उपकरणों में 45%, घड़ियों में 40%, कंप्यूटर एवं कंप्यूटर के सामान में 35%, कागज एवं स्टेशनरी में 40% तक की गिरावट आई है।
ऑड-ईवन निरर्थक प्रयास
कैट का कहना है कि दिल्ली में जो ऑड-ईवन लगा है, वह एक निरर्थक प्रयास साबित हुआ है। इसने सुचारू व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन को प्रतिबंधित कर दिया है। इस प्रकार के प्रतिबंधों के साथ साप्ताहिक लॉकडाउन ने व्यावसायिक गतिविधियों को या तो केवल दो दिन या एक सप्ताह में तीन दिनों के लिए के लिए ही व्यापार करने के लिए छोड़ा है। उनका कहना है कि पहले अन्य राज्यों से लगभग 5 लाख व्यापारी प्रतिदिन अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए दिल्ली आते थे। लेकिन कोविड प्रतिबंधों के कारण अब उन्होंने दिल्ली आना बंद कर दिया है। अब वे अन्य राज्यों से अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कर रहे हैं। इससे दिल्ली के व्यापार पर पड़ने वाला प्रतिकूल प्रभाव निकट भविष्य में दिखेगा।
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