क्रिप्टोकरेंसीज के समर्थन में उतरे इन्फोसिस के नंदन निलेकणी, जानिए क्या कहा

63

क्रिप्टोकरेंसीज के समर्थन में उतरे इन्फोसिस के नंदन निलेकणी, जानिए क्या कहा

हाइलाइट्स

  • देश में क्रिप्टोकरेंसीज का भविष्य अभी सुनिश्चित नहीं है
  • सरकार शीतकालीन सत्र में बिल लाने की तैयारी में है
  • नंदन निलेकणी ने क्रिप्टोकरेंसीज की वकालत की है
  • वित्तीय समावेश के लिए किया जा सकता है इस्तेमाल

नई दिल्ली
देश में बिटकॉइन (Bitcoin) जैसी क्रिप्टोकरेंसीज का भविष्य अभी सुनिश्चित नहीं है। सरकार संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में इस बारे में एक बिल लाने की तैयारी में है। इस बीच देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस (Infosys) के चेयरमैन नंदन निलेकणी (Nandan Nilekani) ने क्रिप्टोकरेंसीज की वकालत की है। उनका कहना है कि क्रिप्टो एसेट्स का इस्तेमाल देश में और ज्यादा वित्तीय समावेश (financial inclusion) के लिए किया जा सकता है।

निलेकणी ने Reuters Next Conference में कहा कि एसेट्स के रूप में क्रिप्टो की भूमिका है लेकिन उन्हें कायदे कानून मानने होंगे और यह सुनिश्चित करना होगा कि यह मनी लॉड्रिंग का जरिया न बने। उन्हें युवाओं को फाइनेंशियल मार्केट में लाने के लिए एंट्री पॉइंट्स के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। निलेकणी की बात इसलिए अहम है क्योंकि वह सरारों को टेक्नोलॉजी से संबंधित मुद्दों पर सलाह देते रहे हैं।

आईआईटी में 6 साल बाद लौटा 2 करोड़ प्लस का दौर, इस कंपनी ने दिया 2.05 करोड़ रुपये का ऑफर

सीतारमण ने क्या कहा
देश में आधार (Aadhaar) का श्रेय निलेकणी को ही दिया जाता है। वह 2009 तक आधार बनाने वाली संस्था UIDAI के चेयरमैन रहे थे। इस साल जुलाई में उन्हें एक समिति में शामिल किया गया था जो केंद्र को ई-कॉमर्स पर सलाह देगी। क्रिप्टो पर उनका बयान ऐसे समय आया है जब एक दिन पहले ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने क्रिप्टो से जुड़ा नया बिल लाने के संकेत दिए थे।

क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर सरकार इस समय दुविधा में नजर आ रही है और उसका आखिरी फैसला क्या होगा, इसका पता तो संसद में विधेयक पेश किए जाने के बाद ही पता चल पाएगा। अभी क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर अभी कोई सरकारी गाइडलाइन या नियम-कानून नहीं हैं। पहले खबर आई थी कि सरकार बिटकॉइन सहित सभी क्रिप्टोकरेंसीज पर बैन लगा सकती है। हालांकि बिल में तकनीक को जारी रखने की बात कही गई है।

GDP के शानदार आंकड़ों से देश के जॉब मार्केट का संबंध क्यों नहीं दिख रहा है?

कितने लोगों के पास है क्रिप्टो
इसके अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। इंडस्ट्री का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसीज पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाना संभव नहीं है और बिटकॉइन, ईथर और डॉगकॉइन जैसी करेंसीज को रियायत मिल सकती है। वर्चुअल करेंसी को रेगुलेट करने पर सरकार की एससी गर्ग समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इसके अलावा सरकार के पास कई मंत्रालयों की एक संयुक्त समिति की रिपोर्ट भी है। इंडस्ट्री के सूत्रों की मानें तो देश में 10 करोड़ से अधिक लोगों के पास क्रिप्टोकरेंसी है।

राजनीति की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – राजनीति
News