गरीबों का घर रहे आबाद, कोरोना की दूसरी लहर में किसान धर्मजय सिंह ने रखा ख्याल, करोड़ों खर्च के बाद नहीं बची जान तो रो रहा गांव

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गरीबों का घर रहे आबाद, कोरोना की दूसरी लहर में किसान धर्मजय सिंह ने रखा ख्याल, करोड़ों खर्च के बाद नहीं बची जान तो रो रहा गांव

रीवा
एमपी किसान धर्मजय सिंह (Farmer Dharmjay Singh Spends Eight Crores On Covid Treatment) कोरोना की दूसरी लहर के दौरान संक्रमित हो गए थे। कोरोना की वजह से फेफड़ा 100 फीसदी संक्रमित हो गया था। मंगलवार की रात उनका निधन हो गया है। शुक्रवार को उनका शव गांव पहुंचा है। इसके बाद पूरा गांव रो रहा है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान धर्मजय सिंह ने गरीबों को आबाद रखने के लिए खूब मेहनत की थी। वह हर दिन अपनी गाड़ी में राशन के पैकेट लेकर बांटने निकलते थे।


राशन बांटने के दौरान ही धर्मजय सिंह कोरोना से संक्रमित हो गए थे। दूसरी लहर के दौरान जनसेवा की तस्वीरें अब सामने आई हैं। उन्होंने अपने घर के कमरे को गोदाम बना दिया था। इसमें गरीबों को देने के लिए राशन के पैकेट थे। राशन के पैकेट को अपने सहयोगियों के साथ लेकर किसान धर्मजय सिंह बांटने निकल जाते थे। कोरोना संकट के दौरान गरीबों का कामकाज ठप हो गया था।

किसी को भूखा नहीं रहने दिया
इस दौरान धर्मजय सिंह ने पूरी कोशिश की कोई गरीब भूखा नहीं रहे। इसलिए आसपास के इलाकों में वह हर दिन करीब हजार से 12 सौ पैकेट बांटते थे। इस दौरान गरीब लोगों उन्हें दुआ भी देते थे। गांव के लोग बातते हैं कि राशन बांटने के दौरान ही वह कोरोना से संक्रमित हो गए थे। इसके बाद उन्हें रीवा के संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

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पूरा गांव है गमगीन
धर्मजय सिंह की जान बचाने के लिए परिवार के लोगों ने सब कुछ दांव पर लगा दिया। गांव के लोगों और रिश्तेदारों ने भी मदद की। चेन्नई के अपोलो अस्पताल में वह रिकवर भी कर रहे थे। परिवार के लोगों को उम्मीद थी कि धर्मजय सिंह ठीक होकर घर जाएंगे। मंगलवार की रात उनका बीपी डाउन हो गया। इसके बाद ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई। शुक्रवार को शव गांव पहुंचा तो पूरा गांव का माहौल गमगीन था।

गांव के प्रमोद सिंह सेंगर ने बताया कि वह अप्रैल में बीमार हुए थे। 18 मई को एयर एंबुलेंस के जरिए उन्हें चेन्नई ले जाया गया। इलाज के दौरान उनकी सेहत में सुधार था। दिसंबर में उनकी बीपी लो होने लगा था। इसके बाद तबीयत बिगड़ने लगी। मंगलवार की रात उनका निधन हो गया है।

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कौन हैं धर्मजय सिंह
दरअसल, किसान धर्मजय सिंह विंध्य क्षेत्र के प्रगतिशील किसानों में अपना नाम रखते हैं। उनके पास तकरीबन 200 एकड़ की भूमि है, जिसमें वह स्ट्रॉबेरी और गुलाब की खेती करते थे। खेती में अलग-अलग प्रयोगों के चलते उन्होंने काफी विस्तार किया था। इसकी वजह से उन्हें राष्ट्रपति के हाथों सम्मान भी प्राप्त हुआ है।

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