गाजीपुर फूल मंडी: कहीं कामयाब हो जाती साजिश तो… 8 फुट गहरे गड्ढे में ब्‍लास्‍ट कराया फिर भी 500 मीटर दूर तक गूंजी आवाज

79

गाजीपुर फूल मंडी: कहीं कामयाब हो जाती साजिश तो… 8 फुट गहरे गड्ढे में ब्‍लास्‍ट कराया फिर भी 500 मीटर दूर तक गूंजी आवाज

हाइलाइट्स

  • मकर संक्रांति पर देश को दहलाने की आतंकी साजिश नाकाम
  • बम डिस्पोजल स्क्वॉड टीम और इक्विपमेंट के साथ पहुंची NSG
  • NSG अधिकारियों ने IED को गहरे गड्ढे में डालकर नाकाम किया

नई दिल्ली
गणतंत्र दिवस से पहले राजधानी के भीड़-भाड़ वाले गाजीपुर मंडी के गेट पर इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) यानी जुगाड़ू विस्फोटक यंत्र मिलने से सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर आ गई है। विस्फोटक इतना शक्तिशाली था, जिसको सुरक्षित तरीके से आठ फुट गहरे गड्डे में विस्फोट कराने पर भी 500 मीटर के दायरे तक कान फोड़ू आवाज गूंज उठी। इससे आसमान में काले धुएं का बड़ा गुबार उठ गया। पुलिस अफसरों का दावा है कि अगर यह विस्फोट मंडी के भीतर हो जाता तो जान-माल का बड़ा नुकसान हो सकता था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को मामले की जांच सौंपी गई है, जो विस्फोटक अधिनियम के तहत केस दर्ज करने जा रही है।

NSG टीम ने कंट्रोल्‍ड ब्‍लास्‍ट किया
पुलिस के आला अफसरों ने बताया कि लोकल पुलिस को लावारिस बैग के भीतर जब तार से लिपटे डिवाइस होने का आभास हुआ तो तुरंत स्पेशल सेल और नैशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) को बुला लिया गया। गाजीपुर की मंडी को खाली कराया गया। इसके बाद बम डिस्पोजल की टीम ने बैग को एक डिवाइस के जरिए कंटेनर में रखा। इसे गाजीपुर मंडी के भीतर आबादी से करीब 100 मीटर दूर एक खाली मैदान पर ले जाया गया, जहां पहले जेसीबी से करीब आठ फुट गहरा गड्डा खोदा गया। इसके बाद विस्फोटक को गड्डे के भीतर डालकर कंट्रोल्ड ब्लास्ट करा कर जान-माल का भारी नुकसान होने से बचा लिया गया।

कामयाम होती साजिश तो…
करीब तीन घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद गड्डे में सुरक्षित विस्फोट कराने के बावजूद उसकी आवाज 500 मीटर के दायरे में गूंज उठी। आसमान में काले धुएं का गुबार बन गया। अगर यह पब्लिक के बीच फट जाता तो इससे जान-माल का बहुत बड़ा नुकसान हो सकता था। अफसरों ने बताया कि विस्फोटक डेढ़ से दो किलोग्राम के बीच था। शुरुआती जांच में इतना ही कहा जा सकता है कि यह आरडीएक्स या अमोनियम नाइट्रेट का हो सकता है। लेकिन निश्चित तौर पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। एनएसजी और फरेंसिक साइंस लैब की टीम ने सैंपल उठाए हैं, जिनकी रिपोर्ट के बाद सब साफ हो पाएगा।

घटना की सीसीटीवी न होता तो ये हत्या महज दुर्घटना बनकर रह जाती, दिल्ली पुलिस ने पूरी साजिश का किया पर्दाफाश
रेकी के बाद प्लांट किया टाइमर बम
पुलिस के आला अफसरों ने बताया कि शुरुआती जांच में यह भी सामने आया कि विस्फोटक में टाइमर लगा था। इसे पता चलता है कि इसे मोबाइल या घड़ी के जरिए एक निश्चित समय पर ब्लास्ट करने की साजिश थी। अगर शुरुआती जांच में पता चलता है कि यह आरडीएक्स था तो फिर जांच की दिशा अलग तरफ ही जाएगी। अगर अमोनियम नाइट्रेट का होना पुख्ता हो गया तो तफ्तीश का एंगल बदल जाएगा। अफसरों को आशंका है कि विस्फोटक को ऐसी जगह रखा गया था, जहां सीसीटीवी कैमरों का फोकस नहीं था। इससे जाहिर होता है कि पहले इलाके की अच्छी तरह से रेकी की गई, उसके बाद विस्फोटक को रखा गया।

NSG-Ghazipur

दिल्ली की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News

Source link