गोल्‍ड रिंग के लिए डकैती के दौरान तोड़ दी थी उंगली, 2 साल बाद FIR

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गोल्‍ड रिंग के लिए डकैती के दौरान तोड़ दी थी उंगली, 2 साल बाद FIR

हाइलाइट्स

  • जनवरी 2020 में हुई थी वारदात, पार्किंग में पांच लड़कों ने घेरा
  • बीच वाली उंगली गोल्‍ड रिंग निकालने की कोशिश में टूट गई
  • कमिश्‍नर से लेकर विजिलें तक को मेल भेजे पर FIR नहीं
  • कड़कड़डूमा कोर्ट में गुहार लगाने के बाद पुलिस ने दर्ज किया केस

नई दिल्ली
दो साल पहले की बात है। ईस्ट लोनी रोड स्थित एमआईजी फ्लैट्स निवासी युवक को पांच बदमाशों ने उनकी बिल्डिंग के नीचे ही घेर लिया। एक बदमाश ने उनके हाथ की बीच वाली उंगली से गोल्ड रिंग निकालने की कोशिश की, जो नहीं निकल रही थी। इसलिए मरोड़ कर उसे निकाला, जिससे उंगली टूट गई। एक बदमाश ने जेब से 4100 रुपये निकाल लिए। मुंह भींचने वाले बदमाश की उंगली काट दी तो उसने हाथ हटा लिया। पीड़ित शोर मचाने लगे तो बदमाश फरार हो गए। आरोप है कि नॉर्थ ईस्ट जिले के ज्योति नगर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। पीड़ित ने कड़कड़डूमा कोर्ट में गुहार लगाई, जिसके आदेश पर मुकदमा दर्ज हुआ है।

जनवरी 2020 की वारदात
प्रशांत शर्मा (29) परिवार समेत ज्योति नगर थाना इलाके के ईस्ट लोनी रोड स्थित एमआईजी फ्लैट्स में रहते हैं। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि वारदात 7 जनवरी 2020 की शाम करीब 7 बजे की है। वह मार्केट से सामान लेने के लिए निकले थे। अपनी बिल्डिंग से उतरकर पार्किंग की तरफ जाने लगे तो तभी पांच लड़कों ने उन्हें घेरकर वारदात को अंजाम दिया। आरोपियों ने शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी और फरार हो गए। पीड़ित का दावा है कि वारदात में शामिल कुछ लड़के नशे में भी थे। पुलिस को कॉल कर वारदात की जानकारी दी गई। वह खुद ही एक प्राइवेट क्लिनिक पर चले गए।

सबको शिकायत पर केस नहीं दर्ज हुआ
पीड़ित का दावा है कि पीसीआर क्लिनिक पर आई और जीटीबी अस्पताल ले गई। वहां पता चला कि उंगली में फ्रैक्चर है। ज्योति नगर पुलिस को 7 जनवरी 2020 को ही वाकया बयां कर दिया था। 9 जनवरी 2020 को हेड कॉन्स्टेबल ने बयान रिकॉर्ड भी किया। वह उन्हें एसएचओ के कमरे में लेकर गया था। एसएचओ को 10 जनवरी 2020 को पीडीएफ फॉर्मट में कंप्लेंट वॉट्सऐप की गई। इसके बाद 17 जनवरी 2020 को पुलिस कमिश्नर और डीसीपी नॉर्थ ईस्ट को भी शिकायत भेजी। विजिलेंस के स्पेशल सीपी और डीसीपी को भी मेल भेजे। लेकिन ज्योति नगर थाना पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया।

इसके बाद पीड़ित ने फरवरी 2020 को कड़कड़डूमा कोर्ट में गुहार लगाई। दो साल पीड़ित का पक्ष सुनने के दो साल बाद अदालत ने ज्योति नगर थाना पुलिस को आईपीसी 329 (प्रॉपर्टी लेने के दौरान जख्मी करने), 341 (जबरन रास्ता रोकने), 395 (डकैती करने), 397 (डकैती के दौरान घातक चोट पहुंचाना) और 34 (समान आशय) की धारा के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पीड़ित का कहना है कि वह आरोपियों को नहीं जानता है, लेकिन सामने आने पर पहचान सकता है।

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