झाड़ू लगाने की जिम्मेदारी में भी फेल MCD, 2 करोड़ लोगों को कर ही है शर्मिंदा: आप

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झाड़ू लगाने की जिम्मेदारी में भी फेल MCD, 2 करोड़ लोगों को कर ही है शर्मिंदा: आप

हाइलाइट्स

  • स्वच्छता रैंकिंग में तीनों MCD फिसड्डी, अपने सर्वे में भी ये हाल
  • सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली सफाई व्यवस्था को आड़े हाथों लिया
  • उन्होंने कहा एमसीडी 2 करोड़ लोगों को शर्मसार कर रही है

विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केंद्र सरकार की स्वच्छता रैंकिंग में बीजेपी शासित दिल्ली के तीनों नगर निगम फिसड्डी रहे हैं। ये टॉप-20 में भी जगह नहीं बना पाए हैं। देश के 48 नगर निगमों में उत्तर दिल्ली नगर निगम 45वें, पूर्वी दिल्ली नगर निगम 40वें और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम 31वें नंबर पर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार एक तरफ स्वास्थ्य-शिक्षा के क्षेत्र दिल्ली का नाम रोशन कर रही है। वहीं, बीजेपी के नेतृत्व वाली एमसीडी दिल्ली के 2 करोड़ों लोगों को शर्मसार कर रही है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता बताएं कि दिल्ली को बदनाम करने का ठेका बीजेपी ने क्यों ले रखा है। अगर उनसे नहीं संभल रहा, तो वे एमसीडी छोड़ दें।

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सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पूरे देश के सर्वेक्षण में मात्र 48 शहर हैं, जो 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों का सर्वेक्षण है। बीजेपी के अधीन आने वाले ईस्ट, साउथ और नॉर्थ दिल्ली नगर निगम हैं, जिनकी रेटिंग और रैंकिंग खुद केंद्र सरकार ने निकाली है। इनकी अपनी सरकार रैंकिंग के सर्वेक्षण करती है तो इनको इसकी सूचना आ जाती है कि इस हफ्ते में सर्वे होने वाला है। तब उन शौचालयों के जो इन्होंने स्वच्छ भारत के फंड से बनाए हैं, उनके ताले खोले जाते हैं। उनकी सफाई की जाती है। उस पर साफ-सफाई के लिए एक आदमी आ जाता है। उस सर्वे को कराया जाता है। एक हफ्ते के सर्वे होने के बाद दोबारा से उन टॉयलेट पर ताला लगाया जाता है। आप खुद जाकर देख सकते हैं कि ताला लगा हुआ है और धूल जम रही है, क्योंकि इनके पास उन शौचालयों के लिए आदमी नहीं है। जिस तरीके से उनके अंदर घटिया मटीरियल लगाकर पैसा खाया गया है अगर वह चले तो इनकी पोल खुल जाएगी। इसलिए पूरे साल उन पर ताला लगाया जाता है।
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उन्होंने कहा, विभिन्न विभागों से लोगों को झाड़ू मारने के लिए लगाया जाता है, ताकि उस हफ्ते दिल्ली सुंदर दिखे। उसके बावजूद सर्वेक्षण में चीटिंग करते हैं। सर्वेक्षण को साइन करने वाला आदमी और केंद्र सरकार इनकी है। इसके बावजूद इनका यह हाल है कि 48 शहरों के सर्वे में उत्तरी दिल्ली नगर निगम 45वें नंबर पर है। कोई भी आदमी एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड से बाहर निकलता है तो सबसे पहले शहर के अंदर साफ-सफाई देखता है। देश-विदेश से सैलानी और लोग यहां आते हैं। इसके अलावा सांसद, मंत्री आते हैं। ऐसे में दिल्ली की बदनामी दिल्ली नगर निगम कर रहा है। हमको इन्होंने इस लायक बना दिया है कि देश के सबसे गंदे शहरों के अंदर दिल्ली का नाम पिछले छह सालों से लगा रखा है। इनके अपने ही सर्वे में यह हाल है। इनकी बाकी की प्रॉपर्टी टैक्स, निर्माण को रेगुलेट करने, रेहड़ी-पटरी वालों को रेगुलेट करने, पार्किंग, कुत्तों-आवारा पशुओं, डेंगू की जिम्मेदारी को छोड़ दीजिए। यह अपनी झाड़ू लगाने की बेसिक जिम्मेदारी में भी फेल हैं।

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सौरभ ने कहा कि इनकी रिपोर्ट बहुत खराब है। जिसके कारण बताए गए हैं कि नॉर्थ एमसीडी कूड़े का निपटारा नहीं करती। सारे कूड़े को कूड़े के पहाड़ों पर जाकर जमा कर देते हैं। नॉर्थ निगम में आज भी खुले में शौच देखा जाता है। ईस्ट एमसीडी में कूड़ा अलग करने का कोई नामोनिशान नहीं है। इसके अलावा झाड़ू नहीं लगती है और कूड़ा जलाया जाता है। इनके सर्वे में यह कमियां लिखी आई हैं। ऐसे में अगर दिल्ली गंदी रहेगी तो दिल्ली के अंदर धूल प्रदूषण की जिम्मेदारी भी इनकी है।

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