ठंड और कोरोना बने बीमार बुजुर्गों के लिए डबल खतरा, लापरवाही से बिगड़ सकती है बात

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ठंड और कोरोना बने बीमार बुजुर्गों के लिए डबल खतरा, लापरवाही से बिगड़ सकती है बात

नई दिल्ली: राजधानी में कोरोना का ओमिक्रॉन वेरिएंट तेजी से फैल रहा है। ऊपर से कंपकंपी वाली सर्दी का सितम भी जारी है। युवाओं पर भले ही यह वेरिएंट माइल्ड असर कर रहा है और ठंड भी उनके लिए बड़ी परेशानी है। हालांकि बुजुर्ग और पहले से बीमार चल रहे कोमॉर्बिडिटीज के मरीजों के लिए कोरोना का नया वेरिएंट और मौसम डबल परेशानी का कारण बन सकता है। एक तो कोरोना का संक्रमण, ऊपर से सर्दी का सितम, इन बुजुर्ग मरीजों को अस्पताल पहुंचा सकता है। आने वाले कुछ दिनों में कोरोना की नई पीक आने की संभावना जताई जा रही है। पिछले साल अप्रैल में जिस प्रकार की अफरातफरी का महौल बना था, अगर इससे बचना है तो न केवल बुजुर्गों को अलर्ट रहने और लापरवाही से बचने की जरूरत है, बल्कि परिवार वालों को बड़ी जिम्मेदारी निभानी होगी।

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लापरवाही न बरतें, कोरोना अभी गया नहीं
हिंदूराव अस्पताल के कोविड एक्सपर्ट डॉ डीके दास ने कहा कि सबसे अहम बात यह है कि कोरोना का वेरिएंट कोई भी हो, यह खतरनाक है। पहली और आखिरी कोशिश यह होनी संक्रमण से बचा जाए। माइल्ड समझकर घूमते रहे तो संक्रमण फैलता रहेगा। अगर किसी को भी अभी सर्दी, जुकाम, फीवर, बॉडी पेन हो रहा है तो सबसे पहले खुद को आइसोलेट करे, जांच कराएं और पॉजिटिव आने पर लक्षण के अनुसार होम आइसोलेशन में रहें, अगर लक्षण ज्यादा हो तो अस्पताल जाएं। लेकिन यह हल्का है यह समझ कर घूमते न रहें। आपके लिए हल्का हो सकता है, लेकिन बुजुर्गों के लिए खतरनाक हो सकता है।

तो अस्पतालों में एडमिशन बढ़ेगा

डॉ दास ने कहा कि कोरोना कमजोर इम्यूनिटी वालों को ज्यादा परेशान करता है। डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, अस्थमा, कैंसर, एचआईवी, हार्ट की बीमारी वालों की इम्युनिटी पहले से ही कमजोर होती है। इनमें संक्रमण तेजी से फैलता है। अगर बीमार बुजुर्ग तक संक्रमण पहुंच गया तो अस्पतालों में एडमिशन की जरूरत पड़ सकती है और अस्पतालों पर प्रेशर भी बढ़ सकता है। एक अनुमान के अनुसार दिल्ली में 10 लाख से ज्यादा बुजुर्ग बीमार की संख्या है।

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बुजुर्ग अपना इलाज जारी रखें
प्राइमस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के जेरिएट्रिक विभाग के एचओडी डॉ विजय कुमार ने कहा कि पहले से बीमार मरीजों के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि अपना इलाज जारी रखें। जो भी दवा चल रही है, चाहे डायबिटीज की हो या ब्लड प्रेशर कंट्रोल की, उसे लेते रहें। अपनी बीमारी को कंट्रोल में रखें। अगर बीमारी बढ़ती है तो संक्रमण के बीच उन्हें इलाज के लिए अस्पताल जाना पड़ सकता है और अस्पताल में उन्हें संक्रमण हो सकता है।

जरूरी हो तभी अस्पताल जाएं
डॉ विजय ने कहा कि महामारी फिर बढ़ रही है। इस समय घर सबसे सुरक्षित है। उन्होंने बताया कि 84 साल के बुजुर्ग एक दिन पहले ओपीडी में केवल फॉलोअप के लिए पहुंच गए। अभी इसकी जरूरत नहीं है। अगर बीमारी कंट्रोल में है, कोई दिक्कत नहीं है, तो फॉलोअप के लिए अस्पताल न जाएं। अस्पताल तभी जाएं जब परेशानी बढ़ गई हो, कोशिश करें कि अपने डॉक्टर से फोन पर बात कर लें।

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परिवार वालों की जिम्मेदारी
डॉ विजय ने कहा कि बुजुर्ग का खयाल रखने की जिम्मेदारी परिवार की है। सबसे पहले बीमार बुजर्ग का ज्यादा ध्यान रखना होगा। उन्हें घर के एक कमरे में आइसोलेट करके रखें। घर के अंदर भी फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करें। सर्जिकल मास्क पहनें और जब भी उनसे मिलें तो एन 95 मास्क का इस्तेमाल करें। बुजुर्गों का मूवमेंट कम होता है, वो संक्रमण का सोर्स नहीं होते। संक्रमण का सोर्स जो लोग घर से बाहर जाते हैं। उन्हें सबसे ज्यादा कोविड गाइडलाइंस का पालन करना चाहिए ताकि बुजुर्ग तक संक्रमण न पहुंचे।

ठंड में संक्रमण का खतरा अधिक

डॉ दास ने कहा कि सर्दी में लोग घर के अंदर ज्यादा रहते हैं। संक्रमण इंडोर में ज्यादा तेजी से फैलता है। ठंड में रेसप्रेट्री का मिकोजा प्रभावित हो जाता है और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। जब ड्राई ठंड होती है या जब रूम हीटर का इस्तेमाल किया जाता है तो इससे रेसप्रेट्री वाला मिकोजा डैमेज हो जाता है। मिकोजा एक खास प्रकार को प्रोटेक्शन का लेयर होता है, जो शरीर के सभी अंगों में होता है। इसलिए ठंड में संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है।

इन बातों पर रखें ध्यान

  • अपनी बीमारी से संबंधित दवा समय पर लेते रहें
  • डायबिटीज हो या ब्लड प्रेशर, इस अनकंट्रोल न होने दें
  • इस समय मार्निंग वॉक जाने से बचें, संक्रमण और सर्दी दोनों का खतरा है
  • ब्लड प्रेशर के मरीज घर पर बैठे रहने से बेहतर है कि आप कमरे के अंदर योगा, प्राणायाम, स्ट्रेचिंग करें
  • हर साल इंफ्लूएंजा का वैक्सीन जरूर लगाएं, सर्दी से पहले सितंबर में यह वैक्सीन लगाना चाहिए, यह हर साल लेना होता है
  • निमोनिया की वैक्सीन 60 साल से ऊपर के बुजुर्ग जरूर लें, यह एक बार लेनी होती है
  • सर्दी से बचने के लिए गर्म कपड़ों से शरीर को ढ़क कर रखें

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