डेंगू का कोहराम : 433 पहुंचा डेंगू का आंकड़ा, चार दिन में दूसरी मौत, विधायक भी आए चपेट में

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डेंगू का कोहराम : 433 पहुंचा डेंगू का आंकड़ा, चार दिन में दूसरी मौत, विधायक भी आए चपेट में

शहर में डेंगू ने मचाया कोहराम।

जबलपुर. मध्य प्रदेश में जहां फिलहाल कोरोना की रफ्तार धीमी है, तो वहीं डेंगू ने यहां के कई जिलों में कोहराम मचा रखा है। आलम ये है कि, सूबे के जबलपुर में ही सिर्फ चार दिनों के भीतर डेंगू से दूसरी मौत हो गई है। वहीं, सरकारी आंकड़ों के अनुसार शहर में अब तक डेंगू के 433 मामले सामने आ चुके हैं। जबकि, बीते 24 घंटों के दौरान ही शहर में 18 नए केस सामने आ चुके हैं।

आपको बता दं कि, शहर के घमापुर में रहने वाले एक युवक की बुधवार को मौत हो गई है। उसके प्लेटिलेट्स घटकर 18 हजार पर आ गए थे। युवक की हालत इतनी नाजुक थी कि, उसे वेंटीलेटर पर रखा गया था। हालांकि, एलायजा टेस्ट की आड़ में सरकारी विभाग के रिकॉर्ड में एक भी मौत नहीं हुई है। शहर में डेंगू की स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि, विधायक अजय विश्नोई भी उसकी चपेट में आ चुके हैं। फिलहाल, उनकी हालत में सुधार होने पर वो अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं।

 

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लगातार बिगड़ती गई तबियत

बता दें कि, शहर के घमापुर में रहने वाले 39 वर्षीय नरेंद्र सिंह पटेल कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। जिनका उपचार घंटाघर के समीप स्थित डॉ. रजा अस्पताल में चल रहा था। इस दौरान नरेंद्र की हालत बिगड़ने लगी। हालत गंभीर होने पर परिजन उन्हें निजी अस्पताल ले आए। वहां, तबियत न संभलने पर उन्हें वेंटीलेटर पर रखना पड़ा। बावजूद उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और बुधवार रात को उनकी मौत हो गई।

चार दिन में दूसरी मौत

शहर में डेंगू जानलेवा होता जा रहा है। चार दिन के अंदर ये दूसरी मौत सामने आई। इससे पूर्व 12 सितंबर को पुलिस आरक्षक ऊषा तिवारी की आशीष हास्पिटल में उपचार के दौरान डेंगू से मौत हो गई थी। बुधवार को शहर के मेट्रो हास्पिटल में डेंगू से पीडि़त तीन और पुलिस जवानों को भर्ती कराया गया। अब तक 90 से अधिक पुलिसकर्मी डेंगू की चपेट में आ चुके हैं। बुधवार 15 सितंबर की रात 9 बजे आई आखिरी रिपोर्ट में डेंगू के कुल 18 मरीज सामने आ चुके थे। इसके बाद मरीजों की कुल संख्या 433 पर पहुंच गई है।

डेंगू के साथ वायरल ने भी शहर को जकड़ा

एक तरफ तो कोरोना का खतरा शहर में बढ़ता जा रहा है, तो वहीं डेंगू के साथ साथ वायरल बुखार ने भी यहां के लोगों को बुरी तरह से जकड़ रखा है। अस्पतालों में दर्ज आंकड़ों के अनुसार, रोजाना यहां 500 से अधिक लोग वायरल बुखार के चलते अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। 15 सितंबर को मलेरिया विभाग ने शहर के 31 हजार 320 घरों का सर्वे किया, इसमें 6284 घरों में लार्वा की जांच की गई। 56 घरों में 67 में लार्वा की पुष्टि भी हुई। वहीं, सर्वे में 764 लोग बुखार से पीड़ित मिले। सभी की आरडी किट से जांच की गई। शहर में डेंगू को लेकर समय पर फागिंग और कीटनाशक दवाओं का छिड़काव न होने से इसे तरह के हालात देखे जा रहे हैं।

 

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