नहीं रही गुलाबो… नम आंखों से देश की सबसे बुजुर्ग भालू को अंतिम विदाई, बिना नहाए नहीं खाती थी खाना

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नहीं रही गुलाबो… नम आंखों से देश की सबसे बुजुर्ग भालू को अंतिम विदाई, बिना नहाए नहीं खाती थी खाना

हाइलाइट्स

  • भोपाल स्थित वन विहार में सबसे बुजुर्ग भालू गुलाबो की मौत
  • 40 साल की उम्र में मादा भालू गुलाबो का हुआ है निधन
  • सोमवार को वन विहार में गुलाबो का अंतिम संस्कार
  • वन विहार के अधिकारियों के अनुसार भालू की औसत आयू 25 साल

भोपाल
देश की सबसे बुजुर्ग मादा भालू गुलाबो (Gulabo No More) नहीं रही। 40 साल की उम्र में गुलाबो की मौत हो गई है। सोमवार को भोपाल स्थित वन विहार में उसमें अंतिम विदाई दी गई है। इस दौरान सबकी आंखें नम दी। गुलाबो की देखभाल करने वाले बताते हैं कि वह समय का बहुत पाबंद थी। बिना नहाए खाना नहीं खाती थी। 2006 में कलंदरों से रेस्क्यू कर उसे भोपाल स्थित वन विहार में लाया गया था।

गुलाबो भोपाल स्थित वन विहार में प्रमुख आकर्षण का केंद्र थी। बच्चे गुलाबो को देखकर प्रफ्फुलित होते थे। वह ज्यादातर अपने बाड़े में ही उछल-कूद करते रहती थी। इसे देख बच्चे काफी उत्साहित रहते थे। अब वन विहार में बच्चों को गुलाबो नजर नहीं आएगी। सोमवार को वनविहार के अधिकारियों ने उसे मार्मिक विदाई दी है।

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वन विहार के सहायक निदेशक अशोक कुमार जैन ने कहा कि मदारियों से 2006 में गुलाबो को रेस्क्यू किया गया था। वे लोग इसे तंग रस्सी पर चलने या ढोल बजाने पर डांस के लिए कहते थे। उस वक्त इसके शरीर पर चोट के कई निशान थे। लंबे समय तक गुलाबो ने दर्द को सहन किया है। मादा भालू का नाम गुलाबो वन विहार में ही पड़ा था। वन विहार में जब गुलाबो आई थी तो वह शिकार करने की हालत में नहीं थी। इसलिए उसे जंगल में नहीं छोड़ा गया था।

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ऐसे भालू की औसत आयू 25 वर्ष होती है। भोपाल वन विहार के अधिकारियों का मानना है कि देश के किसी भी चिड़ियाघर या पार्क में 40 वर्ष तक किसी दूसरे भालू के जीवित रहने की जानकारी नहीं है। इसके साथ ही गुलाबो ने वन विहार में आने के बाद कभी किसी बच्चे को जन्म नहीं दिया है। अभी वन विहार में 20 भालू बचे हैं।

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बीमार में थी गुलाबो

वन विहार में गुलाबो लंबी समय से बीमार चल रही थी। गुलाबो की आंखों में मोतियाबिंद हो गया था। वह समय की बहुत पाबंद थी। खाने में तरबूज और खजूर बहुत पसंद था। सुबह उठने के बाद वह बाड़े में घूमती, इसके बाद पौंड में नहाती थी। खाना खाने के बाद गुलाबो हमेशा हाउसिंग में चली जाती थी। फिर दोपहर में वह निकलती थी।

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