बिहार में एनआरसी के बाद परिवार नियोजन दिवस पर रार

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बिहार में एनआरसी के बाद परिवार नियोजन दिवस पर रार

हाइलाइट्स

  • बिहार में हर महीने की 21 तारीख को परिवार नियोजन दिवस
  • हर महीने की 9 तारीख को स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं की काउंसलिंग
  • जनसंख्या नियंत्रण कानून के लिए आधार तैयार कर रही बीजेपी : आरजेडी
  • परिवार नियोजन दिवस मनाए जाने के फैसले का जेडीयू ने किया स्वागत

पटना।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि परिवार नियोजन सेवाओं को सुलभ बनाने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है। इससे अनचाहे गर्भ के मामले, मातृत्व मृत्यु दर, नवजात मृत्यु दर व प्रसव संबंधी मामलों में कमी लायी जा सकती है। उन्होंने कहा कि आम लोगों तक नियोजन सेवाओं की आसान पहुंच से असुरक्षित गर्भपात के मामलों में कमी आयेगी।

मंगल पाण्डेय ने बताया कि इसी तरह प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत हर महीने के 9 तारीख को सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं की काउंसलिंग का इंतजाम सुनिश्चित कराया जायेगा। एएनसी जांच के लिये आने वाली महिला व उनके परिजन को नियोजन संबंधी उपायों के प्रति जागरूक करते हुए उनका पंजीकरण किया जायेगा। मातृत्व व शिशु मृत्यु दर में गिरावट, एचआईवी संक्रमण से बचाव, महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ सामाजिक व आर्थिक विकास को तेज किया जा सकता है। लेकिन बिहार सरकार के इस कार्यक्रम पर अब राजनीति शुरू हो गई है।

जनसंख्या नियंत्रण कानून के लिए आधार तैयार कर रही बीजेपी : आरजेडी
आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर महीने परिवार नियोजन दिवस मनाए जाने पर कहा कि बीजेपी अपना एजेंडा लागू करना चाहती हो। मृत्युंजय तिवारी ने कहा, जिस प्रकार बीजेपी के दबाव में नीतीश सरकार चोर दरवाजे से एनआरसी लागू करना चाहती है। ठीक उसी प्रकार स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिवार नियोजन दिवस हर महीने मना कर चोर दरवाजे से जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करना चाहती है। आरजेडी नेता का कहना है कि बिहार में लोगों को स्वास्थ्य सुविधा तो मिल नहीं रहे लेकिन बीजेपी स्वास्थ्य विभाग के जरिए अपना एजेंडा सेट करने की तैयारी में लगी है।

आरजेडी के पूर्व विधायक और प्रदेश प्रवक्ता विजय प्रकाश का कहना है कि जिस प्रकार से सीमांचल के इलाके में नीतीश सरकार चोरी छिपे एनआरसी लागू करने जा रही है। उसी प्रकार परिवार नियोजन की आड़ में बीजेपी जनसंख्या नियंत्रण कानून के लिए आधार तैयार कर रही है। बीजेपी जनसंख्या नियंत्रण को लेकर अपना नियम और अपना कानून बनाने की कोशिश कर रही है। इसी के तहत हर महीने परिवार नियोजन दिवस मनाने का कार्यक्रम तय किया गया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी और आरएसएस अपने साल के सपने को पूरा करना चाहती हैं। विजय प्रकाश ने कहा कि नीतीश कुमार ऐसे शख्स हैं जिन्हें जिधर मिठाई मिलेगा उधर चले जाएंगे। बिहार सरकार के पास हिम्मत नहीं है कि वह एनआरसी लागू कर सके लेकिन बीजेपी के दबाव में नीतीश कुमार कुछ भी कर सकते हैं। अब नीतीश कुमार के ऊपर बिहार की जनता को विश्वास नहीं है क्योंकि जनता दल यूनाइटेड अब आरएसएस का ही विंग बन चुका है।

हर चुनाव के पहले विवादास्पद कार्यक्रम चलाती है बीजेपी : कांग्रेस
कांग्रेसी नेता राजेश सिंह राठौर का कहना है कि हर चुनाव के पहले बीजेपी मुस्लिम कॉरिडोर, दंगा, पाकिस्तान, जनसंख्या नियंत्रण और परिवार नियोजन की बात करती हैं। उत्तर प्रदेश चुनाव के पहले बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे हर महीने बिहार में परिवार नियोजन कार्यक्रम चलाने की घोषणा की है। कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा कि मंगल पांडे अगर वह अपने तमाम कार्यकर्ताओं को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह बना दें तो जनसंख्या नियंत्रण का जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी के समय से जनसंख्या नियंत्रण के लिए अनेक ऐसे कार्यक्रम चलाए गए जो आज भी लागू है। कांग्रेस के उन्ही कार्यक्रमों की वजह से ही भारत की जनसंख्या को नियंत्रण में माना जाता है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से भारत की जनसंख्या बढ़नी चाहिए थी वह इसलिए नहीं बढी कि स्वर्गीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा चलाई गई योजना सफल रही।

परिवार नियोजन दिवस मनाए जाने के फैसला का स्वागत : जेडीयू
जेडीयू ने हर महीने परिवार नियोजन दिवस मनाने का स्वागत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी जागरूकता के जरिए ही जनसंख्या नियंत्रण की बात कही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा अब हर महीने परिवार नियोजन दिवस मनाए जाने का फैसला निश्चित तौर पर लोगों में जनसंख्या नियंत्रण के लिए जागरूक करने का काम करेगा। जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि बढ़ती हुई जनसंख्या पर नियंत्रण पाना निश्चित तौर पर बेहद जरूरी है। लेकिन इसके नियंत्रण के लिए कानून थोपने के बजाए लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है जो बिहार सरकार कर रही है।

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