बुंदेलखंड की धरोहर निहारने को आने लगे विदेशी मेहमान, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा | Foreign guests started coming to see the heritage of Bundelkhand | Patrika News

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बुंदेलखंड की धरोहर निहारने को आने लगे विदेशी मेहमान, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा | Foreign guests started coming to see the heritage of Bundelkhand | Patrika News

झांसी. बुंदेलखंड के दर्शनीय स्थलों को देखने के लिए दो साल बाद विदेशी मेहमानों का दोबारा आना शुरू हो गया है। कोरोना काल के कारण पिछले दो साल से विदेशी पर्यटकों को आना बंद हो गया था। कोरोना काल से पहले विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो, ओरछा के अलावा झांसी, बरुआसागर, देवगढ़, चंदेरी के दर्शनीय स्थलों को देखने के लिए पंद्रह जुलाई से पंद्रह सितंबर तक स्पेनिश और इटेलियन ग्रुप भारत आते थे। इसी तरह अक्तूबर से फरवरी तक अमेरिकन, रसियन, ब्रिटिश, ताइवान, मैक्सिको, चाइना, जापान, कोरिया के ग्रुप आते थे।

हर साल 20 हजार से 25 हजार विदेशी पर्यटक आते थे। यह ग्रुप पहले हवाई जहाज से नई दिल्ली आते थे और फिर आगरा घूमने के बाद शताब्दी एक्सप्रेस और गतिमान एक्सप्रेस से झांसी आते थे। इसके बाद रेलवे स्टेशन से उनको टूरिस्ट बसें दर्शनीय स्थलों पर तक ले जातीं थीं। मगर, कोरोना की आहट के साथ ही साल 2020 के शुरूआत से ही विदेशी पर्यटकों ने बुंदेलखंड में आना बंद कर दिया था। अब विदेशी मेहमानों ने दोबारा भारत में आना शुरू कर दिया है। अभी फ्री इंडीविजुअल टूरिस्ट ग्रुप (एक से पांच की संख्या में विदेशी) आ रहे हैं।

इस तरह आ रहे हैं विदेशी

अभी चार्टर्ड फ्लाइट्स से गोवा समेत देश के कई पर्यटन स्थलों पर विदेशी पर्यटकों का आना शुरू हो गया है। शुरुआत में फ्री इंडीविजुअल टूरिस्ट ग्रुप (एक से पांच की संख्या में विदेशी) आएंगे। जबकि पचास से अधिक संख्या वाले बड़े समूह को आने में अभी एक साल का वक्त और लग सकता है। बुंदेलखंड के पर्यटन उद्योग को हर साल विदेशी पर्यटकों से 50 करोड़ से अधिक का कारोबार होता था। इसमें होटल, रेस्टोरेंट, ट्रेवल्स, टूर ऑपरेटर व अन्य कारोबारी शामिल हैं।

झांसी से खजुराहो की दूरी 180 किलोमीटर

इसके साथ ही इस काम में एजेंट, गाइड, ड्राइवर समेत एक हजार लोग जुड़े थे। कोरोना काल में इनमें अधिकांश का रोजगार छिन गया था। कंपनियों ने कह रखा है कि दोबारा काम शुरू होने पर ही उनको बुलाया जाएगा। झांसी से खजुराहो की दूरी 180 किलोमीटर है। विदेशी पर्यटकों को यह दूरी बस से तय करनी पड़ती है। अभी तक इस मार्ग की सड़क छोटी होने के कारण सफर तय करने में पांच से छह घंटे लग जाते थे, लेकिन अब यह मार्ग फोरलेन हो गया है। इससे सफर तीन से चार घंटे में ही पूरा हो जाएगा।



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