बॉयफ्रेंड के लिए ऐसी थी राधिका मदान की ‘शिद्दत’, हर ऐक्‍ट्रेस नहीं कर सकती ऐसा काम!

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बॉयफ्रेंड के लिए ऐसी थी राधिका मदान की ‘शिद्दत’, हर ऐक्‍ट्रेस नहीं कर सकती ऐसा काम!

ऐक्ट्रेस राधिका मदान (Radhika Madan) बॉलिवुड की सबसे टैलंटेड ऐक्‍ट्रेसेस में से एक हैं। उन्‍होंने अपने दम पर कम समय में ही फिल्‍म इंडस्‍ट्री में खास मुकाम बनाया है। ‘मर्द को दर्द नहीं होता’, ‘पटाखा’, ‘अंग्रेजी मीडियम’ जैसी फिल्मों में अपनी ऐक्‍टिंग तारीफें बटोरने वाली राधिका इन दिनों अपनी नई फिल्म ‘शिद्दत’ को लेकर चर्चा में हैं। ऐक्‍ट्रेस ने नवभारत टाइम्‍स से खास बातचीत में कई मुद्दों पर खुलकर बात की। पेश हैं बातचीत के अंश:

‘शिद्दत’ काफी गहरी प्रेम कहानी लग रही है। निजी जिंदगी में आपके लिए प्यार के क्या मायने है? आप शिद्दत वाले प्यार में यकीन रखती हैं या समझदारी वाले?

‘नहीं, नहीं, प्यार के मामले में तो मैं पूरी दिल हूं यार। मैं प्यार करती हूं तो पूरी शिद्दत से करती हूं वरना नहीं करती हूं। मेरा प्यार या तो जीरो होता है या तो हंड्रेड। बीच का नापने-तोलने वाला प्यार मुझे समझ नहीं आता है। जो नाप-तोल के हो, वह मेरे लिए प्यार है ही नहीं। इस मामले में मैं थोड़ी पुराने ख्यालों वाली हूं पर मुझे अच्छा लगता है ऐसे प्यार करना। वहीं, फिल्म में मेरा किरदार कार्तिका बिल्‍कुल अलग है। वह दिमाग से सोचती है, प्रैक्टिकल है। प्यार जैसी सिंपल चीज को कॉम्प्लिकेट करती है क्योंकि आज के जमाने में हमारी एक लिस्ट होती है कि ये होना चाहिए, वो होना चाहिए तो वह ज्यादा सोचती है। यही चीज मुझे बहुत पसंद आई कि ये किरदार मुझसे बिल्‍कुल अलग है, इसलिए इसे करने में बहुत मजा आया।’

कभी प्यार में आपने किसी के लिए कुछ बहुत ही खास चीज की है या किसी ने आपके लिए कुछ ऐसा किया हो?
‘हां, मैं जब भी रिलेशनशिप में रही हूं, मैंने कोशिश की है कि मैं सारे बंधन तोड़ सकूं। जैसे, जब मैं टीवी शो कर रही थी, तब मैं एक लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में थी और तब मेरे शूटिंग शेड्यूल बहुत लंबे होते थे, 16 घंटे-18 घंटे, तो मुझे याद है कि मेरे बॉयफ्रेंड का बर्थडे था। मैंने अपना शूट खत्म किया। 11 बजे के करीब पैकिंग की। 1 बजे रात की फ्लाइट ली और 3 बजे वहां पर पहुंची। वहां मैंने सिर्फ उनको बर्थडे विश किया, गले लगाया और एक घंटे में मैंने वापस मुंबई की फ्लाइट ली और सेट पर गई तो मैं दो दिन तक लगातार जागती रही थी। सिर्फ उनको बर्थडे विश करने के लिए, एक बार गले लगाने के लिए।’


आपकी पिछली फिल्म ‘अंग्रेजी मीडियम’ थिअटर्स में रिलीज ही हुई थी कि लॉकडाउन लग गया। फिर ‘शिद्दत’ भी थिअटर के बजाय ओटीटी पर आ रही है तो इस बात की कहीं कोई निराशा है?

‘बिल्‍कुल नहीं। मैं बहुत शुक्रगुजार हूं कि ‘अंग्रेजी मीडियम’ ओटीटी पर भी आई क्योंकि आखिर तो हम फिल्में इसीलिए बनाते हैं कि वह लोगों तक पहुंचे। ओटीटी की जो पहुंच है, वह बहुत ज्यादा है। ओटीटी पर आने के बाद अंग्रेजी मीडियम के लिए जितना प्यार मुझे मिला, उसने मेरी जिंदगी बदल दी। हां, ‘शिद्दत’ भी हमने थिअटर के लिए शूट की थी लेकिन मैं खुश हूं कि हम उसे ओटीटी पर ला पा रहे हैं। देखिए, हमारा काम लोगों का मनोरंजन करना है और हम खुशनसीब हैं कि हमारा काम लोगों तक आ रहा है। बाकी किस मीडियम के जरिए आ रहा है, वह इतना मायने नहीं रखता है।’

‘अंग्रेजी मीडियम’ से ‘शिद्दत’ तक का ये जो वक्त है, मतलब कोविड महामारी का ये डेढ़ साल, वह आपके लिए क्या बदलाव लेकर आया? आपने कैसे हैंडल किया?
‘इस महामारी ने मुझे बहुत कुछ सिखाया। पहले मैंने अपने काम को अपनी जिंदगी बनाया हुआ था। मेरी प्राथमिकता मेरा काम था लेकिन जब कोविड आया, मैं पहला मौका मिलते ही घर गई। अपने परिवारवालों के साथ वक्त बिताया। मुझे एहसास हुआ कि मेरे लिए अपने परिवार से बढ़कर कुछ नहीं है। काम बहुत बाद में है। अपनों की सेहत सबसे अहम है। इसने मुझे छोटी-छोटी चीजों के लिए शुक्रगुजार होना सिखाया कि भई, आपकी प्लेट में खाना है, सिर पर छत है, परिवार ठीक है, ये बहुत बड़ी बात है। इस महामारी ने एक रीसेट बटन दबा दिया और मेरी जिंदगी की प्राथमिकताएं ही बदल दी हैं।


अपनी अगली फिल्म ‘कुत्ते’ में आप नसीरुद्दीन शाह, तबू, कोंकणा सेन शर्मा जैसे दिग्गज कलाकारों के साथ काम कर रही हैं। इसे लेकर कुछ नर्वसनेस है? फिल्म को लेकर इन ऐक्टर्स से मुलाकात हुई क्या आपकी?
‘अभी ऐक्टर्स के साथ तो मुलाकात नहीं हुई है लेकिन मेरी आसमान (डायरेक्टर) के साथ रीडिंग्स हुई हैं। मैं बहुत ज्यादा एक्साइटेड हूं लेकिन थोड़ी नर्वसनेस होती है, जब आप ऐसे दिग्गज लोगों के साथ काम करते हैं। वैसे जब मैं सेट पर जाऊंगी तो कैरक्टर में होऊंगी तो मुझे इतना नहीं महसूस होगा लेकिन अभी मैं सोचूं, जब आप ये नाम ले रहे हैं तो काफी नर्वस होने वाली बात तो है। हालांकि, मैं एक्साइटेड ज्यादा हूं। मेरे लिए यह भी नसीब की बात है कि मेरे पास यह स्क्रिप्ट आई और मैं ऐसे दिग्गज लोगों के साथ काम कर रही हूं। मैं उम्मीद करती हूं कि जितनी खूबसूरत स्क्रिप्ट लिखी गई है, उतनी खूबसूरती से मैं किरदार निभा पाऊं।’

‘शिद्दत’ में आप तैराकी भी कर रही हैं। उसके लिए आपने खास ट्रेनिंग भी ली थी लेकिन ट्रेलर में उसकी कुछ खास झलक नहीं दिखी। आपके किरदार का यह पहलू फिल्म में कितना अहम है?
‘यह फिल्म एक लव स्टोरी है तो मेरा तैराक होना इतना अहम नहीं है। यह एक साइड ट्रैक है लेकिन मेरा मानना है कि साइड ट्रैक को भी आपको उतनी ही तवज्जो देनी चाहिए। चाहे वह एक सीन के लिए हो या दो सीन के लिए। आपको ट्रेनिंग पूरे दिलोजान से करनी चाहिए तो मैं रोज चेंबूर जाती थी स्विमिंग सीखने क्योंकि मुझे स्विमिंग का एस भी नहीं आता था। मैं रोज दो से तीन घंटे तैराकी करती थी। बाकी मेरे कोच ने उस बॉडी लैंग्वेज पकड़ने में बहुत मदद की।





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