ब्राइडल ड्रेस में फैट टैक्स आखिर क्यों?

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ब्राइडल ड्रेस में फैट टैक्स आखिर क्यों?

सदियों से लड़कियों के लिए हमारे समाज ने खूबसूरती के मापदंड तय कर रखे हैं, जिसमें अगर लड़की थोड़ी भी अलग हो तो उस पर स्लिम होने का इतना दबाव बना दिया जाता है कि पूछिए मत।

यही नहीं कर्वी या प्लस साइज लड़की की अगर शादी है और उसे अपना ब्राइडल ड्रेस बनवाना है तो उसके लिए अतिरिक्त शुल्क यानी फैट टैक्स बड़ा चर्चित मुद्दा रहा है। पिछले दिनों मुंबई जैसे शहरों में बड़े ब्रांड्स के प्लस साइज दुल्हनों से फैट टैक्स वसूलने की सोशल मीडिया पर काफी चर्चा रही।

बहस का मुद्दा : यह है कि जब प्लस साइज होने पर ड्रेस के लिए जो फैशन ब्रांड अतिरिक्त शुल्क वसूलते हैं, तो स्लिम साइज ड्रेस पर जब उन्हें ऑल्टर कराया जाता है तो कपड़ा कम होने पर पैसा कम क्यों नहीं किया जाता?
निर्धारित साइज के बाद ही अधिक पैसा :
छोटे शहरों में देखने में आया है कि एक निर्धारित साइज के बाद वे प्लस साइज से अतिरिक्त शुल्क वसूलते हैं, जबकि बड़े शहरों में स्मॉल और मीडियम साइज के बाद ही अतिरिक्त शुल्क वसूलने लगते हैं। जयपुर की फैशन डिजाइनर क्षितिजा राणा बताती हैं कि ऐसा नहीं है कि उनके यहां प्लस साइज होने पर अतिरिक्त शुल्क लिया जाता है। 34 से लेकर 48 साइज तक ब्राइडल ड्रेस पर एक ही शुल्क लिया जाता है। 52 साइज के बाद वे अतिरिक्त शुल्क लेती हैं। इंदौर की फैशन डिजाइनर नीति ङ्क्षसघल कहती हैं कि उनके यहां अतिरिक्त शुल्क नहीं वसूला जाता। वैसे अभी तक उन्होंने 44 साइज तक के ही ड्रेस डिजाइन किए हैं, लेकिन वे ऐसा नहीं कहती हैं कि सभी फैशन हाउस प्लस साइज में अतिरिक्त शुल्क नहीं वसूलते हैं।
इसलिए महिलाएं भी होना चाहती हैं स्लिम
फैशन डिजाइनर क्षितिजा राणा ने एक और पक्ष इस दौरान रखा। उन्होंने बताया कि ज्यादातर 34 से 40 साइज काफी कॉमन होता है, जो हर ब्रांड में उपलब्ध होता है। उन कपड़ों में फिट आने के लिए भी महिलाएं स्लिम होना चाहती हैं।
क्या है फैट टैक्स :
फैट टैक्स ‘प्लस-साइज़’ और ‘रेगुलर-साइज़’ कपड़ों के बीच की राशि का अंतर है। उदाहरण के लिए, यदि आप एक प्लस साइज महिला हैं और आप अपनी स्लिम दोस्त की तुलना में टी-शर्ट या किसी भी कपड़े के लिए अधिक भुगतान करते हैं, तो आप अनिवार्य रूप से एक फैट टैक्स चुका रही हैं।
प्लस साइज दुल्हन के लिए टिप्स
– ऑर्गेंजा और नेट फैब्रिक को न पहनें
– साड़ी का पल्लू पिनअप करने के बजाय खुला छोड़ें
– हॉरिजोंटल और चौड़े बॉर्डर वाली साडिय़ां न पहनें
– वर्टिकल स्ट्राइप्स व ड्रायग्नल पैटर्न ट्राई करें
– गहरे रंगों के लहंगे पहन सकती हैं, जिसमें मेजेंटा पिंक, रस्ट ऑरेंज, पर्पल, रेड, कॉफी ब्राउन, ग्रीन और वाइन जैसे रंग शामिल हो सकते हैं।
– दुपट्टे को ऐसे ड्रेप करें जिसमें मिडरीफ छिप जाए।






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