महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति तोड़ने पर भड़के पाक मंत्री, बोले- अनपढ़ों का झुंड देश के लिए खतरनाक
इस्लामाबाद
पाकिस्तान में गैर इस्लामी मजहबों के ऊपर कट्टरपंथियों के हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे। ताजा घटनाक्रम में लाहौर के किले में स्थित महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति को एक धार्मिक कट्टरपंथी ने तोड़ डाला। बताया जा रहा है कि इस इस घटना को अंजाम देने वाला शख्स प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) से जुड़ा हुआ है। अब इस घटना को लेकर प्रधानमंत्री इमरान खान के मंत्री ने भी गुस्सा जाहिर किया है।
इमरान के मंत्री ने कहा- यह शर्मनाक
पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने मूर्ति को तोड़ते कट्टरपंथी के एक वीडियो को रिट्वीट करते हुए अपनी भड़ास निकाली है। उन्होंने लिखा कि शर्मनाक, अनपढ़ों का यह झुंड दुनिया में पाकिस्तान की छवि के लिए वाकई खतरनाक है। फवाद हुसैन को इमरान खान का करीबी नेता माना जाता है। वे कई बार अपने बड़बोले बयानों को लेकर भी आलोचनाओं का शिकार होते रहे हैं।
मूर्ति पर यह तीसरी बार हमला
बताया जा रहा है कि मशहूर लाहौर किले में स्थापित महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति पर यह तीसरा हमला था। इससे पहले यह मूर्ति दो बार कट्टरपंथियों के हमले का शिकार हो चुकी है। इन कट्टरपंथियों की दलील है कि इस्लाम में बूत की पूजा हराम है। ऐसे में किसी सिख या हिंदू धर्म के महापुरुष की प्रतिमा को एक इस्लामी देश में कैसे स्थापित किया जा सकता है।
वायरल वीडियो में क्या दिखा
सामने आए सोशल मीडिया वीडियोज में दिखाया गया है कि संदिग्ध हमलावर ने हाथ से ही मूर्ति पर हमला किया और इसके पैर और दूसरे हिस्से तोड़ दिए। हालांकि, जब तक वह ज्यादा नुकसान पहुंचाता, दूसरे लोग आ गए और उसे रोक दिया गया। हमलावर ने रणजीत सिंह के खिलाफ नारे भी लगाए। कांस्य से बनी इस 9 फीट की मूर्ति में रणजीत सिंह घोड़े पर बैठे हैं और उनके हाथ में तलवार है। वह सिखों के परिधान में बैठे दिखते हैं। इस मूर्ति को जून 2019 में लगाया गया था।
पहले भी दो बार हो चुके हैं हमले
इससे पहले पिछले साल दिसंबर में भी एक शख्स ने मूर्ति पर हमला किया था। उसने मूर्ति का हाथ तोड़ दिया था। वह और नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा था। उसे भी लोगों ने पकड़ लिया था। इसके अलावा एक बार और भीड़ ने मूर्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की थी।
कौन थे महाराजा रणजीत सिंह
महाराजा रणजीत सिंह को शेर-ए-पंजाब भी कहा जाता है। वे पंजाब सूबे के राजा थे। महाराजा रणजीत सिंह ऐसे व्यक्ति थे, जिनसे अंग्रेज भी डरते थे। रणजीत सिंह का जन्म सन् 1780 में गुजरांवाला (अब पाकिस्तान) संधावालिया महाराजा महा सिंह के घर हुआ था। उन दिनों पंजाब पर सिखों और अफगानों का राज चलता था जिन्होंने पूरे इलाके को कई मिसलों में बांट रखा था। रणजीत के पिता महा सिंह सुकरचकिया मिसल के कमांडर थे। जिसके बाद उन्होंने सिखों को एकजुट किया और खुद के राज्य की स्थापना की।
फवाद चौधरी और महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति पर हमला करता कट्टरपंथी
पाकिस्तान में गैर इस्लामी मजहबों के ऊपर कट्टरपंथियों के हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे। ताजा घटनाक्रम में लाहौर के किले में स्थित महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति को एक धार्मिक कट्टरपंथी ने तोड़ डाला। बताया जा रहा है कि इस इस घटना को अंजाम देने वाला शख्स प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) से जुड़ा हुआ है। अब इस घटना को लेकर प्रधानमंत्री इमरान खान के मंत्री ने भी गुस्सा जाहिर किया है।
पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने मूर्ति को तोड़ते कट्टरपंथी के एक वीडियो को रिट्वीट करते हुए अपनी भड़ास निकाली है। उन्होंने लिखा कि शर्मनाक, अनपढ़ों का यह झुंड दुनिया में पाकिस्तान की छवि के लिए वाकई खतरनाक है। फवाद हुसैन को इमरान खान का करीबी नेता माना जाता है। वे कई बार अपने बड़बोले बयानों को लेकर भी आलोचनाओं का शिकार होते रहे हैं।
मूर्ति पर यह तीसरी बार हमला
बताया जा रहा है कि मशहूर लाहौर किले में स्थापित महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति पर यह तीसरा हमला था। इससे पहले यह मूर्ति दो बार कट्टरपंथियों के हमले का शिकार हो चुकी है। इन कट्टरपंथियों की दलील है कि इस्लाम में बूत की पूजा हराम है। ऐसे में किसी सिख या हिंदू धर्म के महापुरुष की प्रतिमा को एक इस्लामी देश में कैसे स्थापित किया जा सकता है।
वायरल वीडियो में क्या दिखा
सामने आए सोशल मीडिया वीडियोज में दिखाया गया है कि संदिग्ध हमलावर ने हाथ से ही मूर्ति पर हमला किया और इसके पैर और दूसरे हिस्से तोड़ दिए। हालांकि, जब तक वह ज्यादा नुकसान पहुंचाता, दूसरे लोग आ गए और उसे रोक दिया गया। हमलावर ने रणजीत सिंह के खिलाफ नारे भी लगाए। कांस्य से बनी इस 9 फीट की मूर्ति में रणजीत सिंह घोड़े पर बैठे हैं और उनके हाथ में तलवार है। वह सिखों के परिधान में बैठे दिखते हैं। इस मूर्ति को जून 2019 में लगाया गया था।
पहले भी दो बार हो चुके हैं हमले
इससे पहले पिछले साल दिसंबर में भी एक शख्स ने मूर्ति पर हमला किया था। उसने मूर्ति का हाथ तोड़ दिया था। वह और नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा था। उसे भी लोगों ने पकड़ लिया था। इसके अलावा एक बार और भीड़ ने मूर्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की थी।
कौन थे महाराजा रणजीत सिंह
महाराजा रणजीत सिंह को शेर-ए-पंजाब भी कहा जाता है। वे पंजाब सूबे के राजा थे। महाराजा रणजीत सिंह ऐसे व्यक्ति थे, जिनसे अंग्रेज भी डरते थे। रणजीत सिंह का जन्म सन् 1780 में गुजरांवाला (अब पाकिस्तान) संधावालिया महाराजा महा सिंह के घर हुआ था। उन दिनों पंजाब पर सिखों और अफगानों का राज चलता था जिन्होंने पूरे इलाके को कई मिसलों में बांट रखा था। रणजीत के पिता महा सिंह सुकरचकिया मिसल के कमांडर थे। जिसके बाद उन्होंने सिखों को एकजुट किया और खुद के राज्य की स्थापना की।
फवाद चौधरी और महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति पर हमला करता कट्टरपंथी