मैं हिंदू विरोधी नहीं, न ही मैंने कभी भगवा आतंकवाद कहा, दिग्विजय ने हिंदुत्व को लेकर फिर सावरकर पर उठाई अंगुली

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मैं हिंदू विरोधी नहीं, न ही मैंने कभी भगवा आतंकवाद कहा, दिग्विजय ने हिंदुत्व को लेकर फिर सावरकर पर उठाई अंगुली

भोपाल
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh News) ने बुधवार को कहा कि उन्होंने कभी हिंदू या भगवा आतंकवाद (Digvijay Singh on Bhagwa atankwad) शब्द का इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने दावा किया के वे हमेशा संघीय आतंकवाद कहते रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह न हिन्दू विरोधी थे, न हिन्दू विरोधी हैं और न हिन्दू विरोधी रहेंगे। इसके अलावा दिग्विजय ने फिर हिंदुत्व के लिए वीर सावरकर (Veer Savarkar ) को कटघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक लहचान दिलाने के लिए सावरकर ने ही हिंदुत्व शब्द का ईजाद किया था।

बुधवार को भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिग्विजय ने कहा कि उन्होंने कभी भगवा या हिंदू आतंकवाद नहीं वे हमेशा संघीय आतंकवाद कहते रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने भगवा आतंकवाद कहे जाने पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने यह भी कहा कि आज देश में एक समुदाय विशेष को खलनायक बनाने का एक माहौल बनाया जा रहा है।

दिग्विजय ने कहा,‘मैं कट्टरपंथी विचारधारा के खिलाफ था, हूं और रहूंगा, क्योंकि ये विचारधारा हमारे सनातन धर्म और हिंदू धर्म के विरोध में है। इसलिए मुझे कोई चिंता नहीं है कि कोई मुझे हिंदू विरोधी कहे, कुछ भी कहे। मैं स्पष्ट बता दूं कि दिग्विजय सिंह न हिंदू विरोधी (Digvijay not anti-hindu) था, न है और न कभी रहेगा। दिग्विजय ने कहा कि वे आचरण, कर्म और हर तरीके से धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं, लेकिन इसका कभी राजनीतिक उपयोग नहीं करते। उनके लिए धर्म राजनीतिक हथियार नहीं है, आस्था है और हमेशा रहेगा।

उन्होंने दावा किया कि धार्मिक पुस्तकों में हिंदुत्व (Digvijay Singh on Hindutva) जैसा कोई शब्द नहीं है। इसे राजनीतिक पहचान देने के लिए स्वतंत्रता सेनानी वी डी सावरकर ने गढ़ा था। सावरकर ने अपनी किताब में लिखा है कि भारत में उसी धर्म के लोगों को रहने का अधिकार है जिस धर्म की शुरुआत भारत में हुई हो। जो बाहर का धर्म है, वो विदेशी है। सावरकर ने हिन्दुत्व को एक राजनीतिक पहचान देने के लिए ‘हिन्दुत्व’ का ईजाद किया। दिग्विजय ने बताया कि खुद सावरकर ने अपनी किताब में लिखा है कि हिंदू धर्म का हिन्दुत्व से कोई लेना देना नहीं है।

दिग्विजय ने इस दौरान व्यक्तिगत सवालों के भी जवाब दिए। उन्होंने कहा कि कई बार बताया जाता है कि उनके पिताजी हिंदू महासभा में थे, लेकिन यह गलत है। उन्होंने खुद के कभी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का हिस्सा होने से भी इनकार किया।

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