यूपी में अब किन्नरों के लिए भी सरकारी सुविधाएं, योगी ने बनाया कल्याण बोर्ड

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यूपी में अब किन्नरों के लिए भी सरकारी सुविधाएं, योगी ने बनाया कल्याण बोर्ड

योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश किन्नर कल्याण बोर्ड (Kinnar Kalyan Board) का गठन किया है। 23 सदस्यीय इस बोर्ड में कम से कम छह सदस्य ट्रांसजेंडर समुदाय (Transgender Community) से भी होंगे।

लखनऊ. Kinnar Kalyan Board in UP formed. उत्तर प्रदेश में किन्नर (Transgenders) यानी ट्रांसजेंडर को सरकारी सुविधाएं मुहैया कराने और उनके कल्याण के लिए एक अलग बोर्ड ही काम करेगा। योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश किन्नर कल्याण बोर्ड (Kinnar Kalyan Board) का गठन किया है। 23 सदस्यीय इस बोर्ड में कम से कम छह सदस्य ट्रांसजेंडर समुदाय (Transgender Community) से भी होंगे। यह बोर्ड किन्नरों की शिक्षा, रोजगार, आवास और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के लिए काम करेगा। बोर्ड के अध्यक्ष प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री होंगे, जबकि उपाध्यक्ष किन्नर समुदाय से ही होगा। यूपी सरकार ने किन्नर कल्याण बोर्ड का गठन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद किया है। इससे पहले बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, झारखंड भी यह बोर्ड गठित कर चुका है। राज्य में करीब 1.5 लाख किन्नर।

यह होंगे सदस्य-

समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव बोर्ड के संयोजक होंगे। इसके अतिरिक्त महिला कल्याण, वित्त, गृह, महिला एवं बाल विकास, चिकित्सा, ग्राम्य विकास, न्याय विभाग, नगर विकास, बेसिक तथा माध्यमिक व उच्च शिक्षा के अपर मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव, लखनऊ के पुलिस आयुक्त, किन्नर समुदाय के पांच प्रतिनिधि व उनके लिए काम करने वाले एनजीओ के दो प्रतिनिधि बोर्ड के सदस्य बनाए गए हैं। साथ ही 5 किन्नर व एनजीओ के प्रतिनिधियों को मंत्री नामित करेंगे। गैर-आधिकारिक सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्षों का होगा। बोर्ड का सदस्य सचिव, निदेशक समाज कल्याण होगा। इस बोर्ड के लिए तीन महीनों में बैठक करना अनिवार्य होगा। विभागीय प्रमुख सचिव के रवीन्द्र नायक ने बताया कि सभी के नामित होते ही बोर्ड की बैठक होगी।

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जिला स्तर पर भी बनेगी 13 सदस्यीय समिति-
जिला स्तर पर भी 13 सदस्यीय समिति बनेगी। इस समिति की प्रतिमाह बैठक होगी। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बनने वाली समिति में सीएमओ, एसीएमओ, एसएसपी, निकाय अध्यक्ष, जिला प्रोबेशन अधिकारी, बीएसए, जिला कार्यक्रम अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी शामिल होंगे। इन सभी द्वारा नामित मनोवैज्ञानिक, किन्नर समुदाय के दो प्रतिनिधि सदस्य व जिला समाज कल्याण अधिकारी सदस्य सचिव होंगे। किन्नरों को पहचान पत्र मिलेंगे। उनके मनोवैज्ञानिक परामर्श के लिए भी केंद्र भी बनेंगे।



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