रंग में नहीं थे ये हिंदुस्तानी, वरना तय था श्रीलंका का वनडे सीरीज में सूपड़ा साफ

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रंग में नहीं थे ये हिंदुस्तानी, वरना तय था श्रीलंका का वनडे सीरीज में सूपड़ा साफ

आर प्रेमदासा स्टेडियम में खेले गए तीसरे और आखिरी मैच को जीतते ही श्रीलंका ने अपनी इज्जत बचा ली। शुरुआती दो वनडे गंवाकर मेजबान टीम पहले ही सीरीज गंवा चुकी थी, लेकिन शुक्रवार रात वर्षाबाधित इस मुकाबले में पहले गेंदबाजी अच्छी की फिर बल्लेबाजों ने आसानी से लक्ष्य साध लिया। टॉस जीतकर टीम इंडिया 225 रन पर सिमटी। इस मैच में भारत के लिए पांच डेब्यूटेंट समेत छह नए खिलाड़ी मैदान पर उतरे थे। बावजूद इसके श्रीलंका का सूपड़ा साफ नहीं कर पाए।

​शिखर धवन: बैटिंग और कप्तानी दोनों में फ्लॉप

सीरीज के पहले मैच में शिखर धवन ने नाबाद अर्धशतकीय पारी खेली थी। मगर इसके बाद वह पूरी तरह बेरंग नजर आए। दूसरे वनडे में फेल होने के बाद तीसरे मैच में भी उनके बल्ले से रन नहीं निकले। 11 गेंद में 13 रन बनाकर वह चलते बने। तीसरे मैच में धवन की कप्तानी भी प्रभावी नहीं रही। पहले तो छह नए खिलाड़ियों की प्लेइंग इलेवन में एंट्री का फैसला सवालों में रहा। बाद में अपने गेंदबाजों का भी वह सही उपयोग नहीं कर पाए। बारिश के बाद विरोधी स्पिनर्स ने भारतीय गेंदबाजों की लंका लगाई थी, लेकिन गब्बर ने अपने फिरकी गेंदबाजों का सही इस्तेमाल नहीं किया।

​मनीष पांडे: पूरी वनडे सीरीज में फ्लॉप रहे

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कप्तान और कोच की उम्मीदों पर मनीष पांडे ने लगातार तीसरी बार पानी फेरा। श्रृंखला के तीन मैच में उनके बल्ले से महज 74 रन ही निकले। हर बार उन्हें अच्छी शुरुआत भी मिली, जिस पर बड़ा स्कोर नहीं खड़ा कर पाए। मध्यक्रम में ऋषभ पंत, केएल राहुल, सूर्यकुमार यादव जैसे खिलाडियों से उनकी सीधी टक्कर है। इस प्रदर्शन के आधार पर शायद पांडे ने खुद को रेस में काफी पीछे ढकेल दिया।

​हार्दिक पंड्या: गेंद और बल्ले दोनों से फ्लॉप

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एक वक्त हार्दिक पंड्या की ऑलराउंड क्षमता से उनकी तुलना कपिल देव से होती थी, लेकिन अब वह धार कुंद पड़ती जा रही है। इस सीरीज में न वह बल्ले से चमके और न ही गेंदबाजी में वह बात नजर आई। पीठ की सर्जरी के बाद लंबे समय से वह गेंदबाजी से भी दूर हैं। आईपीएल में भी सिर्फ बल्ला चलाते हैं। युवा टीम के साथ उन्होंने गेंदबाजी में भी हाथ जरूर आजमाए, लेकिन पूरी तरह फिट नहीं दिख रहे। तीसरे वनडे में 17 गेंद में 19 रन बनाकर चलते बने। गेंदबाजी में लगभग नौ की इकॉनमी से रन लुटाकर सिर्फ एक विकेट लिया।

नीतिश राणा: मौके पर चौका नहीं जमा पाए

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कोलकाता नाइटराइडर्स की ओर से लगातार अच्छा प्रदर्शन का उपहार उन्हें टीम इंडिया में एंट्री के रूप में मिला। डेब्यू में सातवें पोजिशन पर तब बल्लेबाजी करने आए जब उनके सामने हीरो बनने का अच्छा मौका था। टीम मुश्किल में थी। भरपूर ओवर भी पड़े हुए थे, लेकिन राणा 14 गेंद में सिर्फ सात रन ही बना पाए। धवन ने गेंदबाजी भी दी, लेकिन यह पार्ट टाइम स्पिनर दो ओवर में कोई छाप नहीं छोड़ पाया।



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