लखीमपुर घटना के विरोध में आज किसानों का रेल रोको आंदोलन, दिल्ली आने-जाने वाली कई यात्री ट्रेनों पर पड़ेगा असर

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लखीमपुर घटना के विरोध में आज किसानों का रेल रोको आंदोलन, दिल्ली आने-जाने वाली कई यात्री ट्रेनों पर पड़ेगा असर

नई दिल्ली
किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चे ने रविवार की शाम को एक अहम बैठक के बाद यह साफ कर दिया कि लखीमपुर खीरी में हुई किसानों की हत्या के विरोध में उनकी सभी मांगें पूरी होने तक उनका आंदोलन पहले से अपने तय कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ता रहेगा। उसी के तहत सोमवार 18 अक्टूबर को देशभर में सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक शांतिपूर्ण तरीके से रेल रोको आंदोलन के आयोजन का प्रोग्राम भी तय शेड्यूल के अनुसार जारी रहेगा। ऐसे में सोमवार को सुबह से लेकर शाम तक दिल्ली से आने-जाने वाली सैकड़ों यात्री ट्रेनों का परिचालन प्रभावित रह सकता है।

हालांकि, नॉर्दर्न रेलवे की तरफ से रविवार की शाम तक ट्रेनों के कैंसिलेशन, रूट डायवर्जन और रूट के शॉर्ट टर्मिनेशन के संबंध में औपचारिक तौर पर कोई जानकारी शेयर नहीं की गई थी, लेकिन माना जा रहा है कि नॉर्दर्न रेलवे के पांचों डिविजनों (दिल्ली, अंबाला, फिरोजपुर, मुरादाबाद और लखनऊ) में ट्रेनों का शेड्यूल प्रभावित हो सकता है। इससे पहले 27 सितंबर को भी जब किसानों ने भारत बंद का आह्वान किया था, उस दिन भी जगह-जगह किसानों के रेलवे ट्रैक पर बैठ जाने के कारण रेल सेवाओं पर काफी असर पड़ा था।

इन रूट पर प्रभावित रहेंगी रेल सेवाएं
रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि जिन रेलवे स्टेशनों और उनके आस-पास के रेल सेक्शंस पर रेल सेवाएं ज्यादा प्रभावित होने की आशंका है, उनमें दिल्ली से रोहतक, पानीपत, सोनीपत, कुरुक्षेत्र, कैथल, बहादुरगढ़, अंबाला, जालंधर, लुधियाना, चंडीगढ़, अमृतसर, जम्मू, मेरठ, गाजियाबाद, शामली, सहारनपुर, मुरादाबाद समेत कुछ अन्य सेक्शंस प्रमुख हैं। इन रूटों पर इससे पहले भी कई बार अलग-अलग जगहों पर किसान रेलवे ट्रैक जाम कर चुके हैं।

किसानों ने दिया शांतिपूर्ण आंदोलन का आश्वासन
किसान संगठनों ने शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करने और रेल संपत्ति को नुकसान न पहुंचाने का आश्वासन दिया है, लेकिन फिर भी सुरक्षा के मद्देनजर आरपीएफ और जीआरपी को अलर्ट कर दिया गया है। कुछ संवेदनशील जगहों पर पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती भी की जा रही है। रेलवे के स्टाफ को भी अलर्ट पर रखा गया है। इस दौरान कई ट्रेनें रास्ते में अटक सकती हैं। ऐसे में यात्रियों को ज्यादा दिक्कत ना हो, इसके लिए ट्रेनों को नजदीकी स्टेशनों पर ही रोक लेने की योजना है, ताकि वहां से यात्री चाहें, तो सड़क मार्ग से आगे जा सकें। ऐसे स्टेशनों पर यात्रियों के खाने-पीने और मेडिकल सुविधाओं का इंतजाम रखने के लिए भी संबंधित क्षेत्रों के अधिकारियों को अलर्ट किया गया है।

हालांकि, एनसीआर के क्षेत्रों से कामकाज के सिलसिल में पैसेंजर ट्रेनों से आने-जाने वाले ज्यादातर लोग सुबह 10 बजे तक दिल्ली पहुंच जाते हैं और शाम 5 बजे के बाद ही यहां से निकलते हैं, लेकिन पहले भी देखा गया है कि कई जगहों पर किसान सुबह से ही रेलवे ट्रैक्स पर जम गए थे। ऐसे में अनारक्षित पैसेंजर ट्रेनों से यात्रा करने वाले दैनिक यात्रियों को भी सोमवार को अपने काम पर आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

सांकेतिक तस्वीर

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