विजय माल्या अवमानना मामला: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- काफी समय इंतजार किया, अब और नहीं

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विजय माल्या अवमानना मामला: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- काफी समय इंतजार किया, अब और नहीं

नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि उसने काफी समय तक इंतजार किया है और अब वह भगोड़े व्यवसायी विजय माल्या के खिलाफ अवमानना मामले में ‘‘और इंतजार’’ नहीं कर सकता है। न्यायालय ने कहा कि मामले में सजा के पहलू पर अंतिम सुनवाई अगले वर्ष 18 जनवरी को की जाएगी। शीर्ष अदालत ने कहा कि माल्या के खिलाफ अवमानना मामले में वह और इंतजार नहीं कर सकती, जो अपनी बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़े 9,000 करोड़ रुपये से अधिक के बैंक कर्ज चूक मामले में आरोपी हैं।

न्यायमूर्ति यूयू ललित, न्यायमूर्ति एस. आर. भट और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि माल्या, जो वर्तमान में ब्रिटेन में है, को 2017 में अवमानना का दोषी ठहराया गया था और उसे दी जाने वाली सजा पर उनका पक्ष सुनने के लिए मामले को सूचीबद्ध किया जाना था। पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत ने ‘‘काफी लंबा इंतजार’’ किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले वर्ष विजय माल्या (65) की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उन्होंने न्यायालय के नौ मई, 2017 के फैसले पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया था। इस मामले मे न्यायालय ने उसे न्यायिक आदेशों का उल्लंघन करके अपनी संतान को चार करोड़ अमेरिकी डॉलर हस्तांतरित करने के लिए अवमानना का दोषी ठहराया था।

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शीर्ष अदालत ने कहा कि उसके समक्ष पेश एक कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, ब्रिटेन में प्रत्यर्पण की कार्यवाही अंतिम दौर में है और इसमें माल्या के लिए ‘‘अपील के लिए सभी मौके समाप्त हो चुके हैं।’’

इस कार्यालय ज्ञापन पर विदेश मंत्रालय के उप सचिव (प्रत्यर्पण) के हस्ताक्षर हैं।

माल्या दलीलें पेश करने को स्वतंत्र
पीठ ने कहा कि 30 नवंबर के कार्यालय ज्ञापन में ब्रिटेन में लंबित कार्यवाही का भी उल्लेख किया गया है, जिसे ‘‘गोपनीय’’ बताया गया है और इसलिए कोई विवरण प्रकट नहीं किया जा रहा है।

पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा, ‘‘हम करना यह चाहते हैं, हम इस मामले को निस्तारण के लिए जनवरी के दूसरे सप्ताह में सूचीबद्ध करेंगे क्योंकि हमने काफी लंबा इंतजार किया है, हम अब और इंतजार नहीं कर सकते। इस मामले का किसी न किसी चरण पर निपटारा होना है और प्रक्रिया समाप्त होनी चाहिए।’’

पीठ ने कहा कि माल्या दलीलें पेश करने को स्वतंत्र हैं और यदि किसी कारण से वह न्यायालय में पेश नहीं हो सकते हैं, तो वकील उनकी ओर से दलीलें पेश कर सकते हैं।

पीठ ने कहा कि वह मामले को जनवरी में निस्तारित करने के लिए सूचीबद्ध करेगा और उस समय, यदि माल्या व्यक्तिगत रूप से हिस्सा लेना चाहते हैं, तो वह यहां प्रत्यर्पण कार्यवाही के माध्यम से होगा और यदि वह नहीं होता है, तो पीठ उनके वकील की दलीलों पर सुनवाई करेगी।

2017 में अवमानना का दोषी ठहराया गया
पीठ ने कहा कि माल्या को 2017 में अवमानना का दोषी ठहराया गया था, लेकिन कुछ कार्यवाही के कारण जो उस समय पर ब्रिटेन में अदालतों में चल रही थी, शीर्ष अदालत द्वारा निर्देशों के बावजूद उनकी यहां पेशी नहीं हो सकी थी।

शीर्ष अदालत ने वरिष्ठ अधिवक्ता जयदीप गुप्ता से मामले में न्याय मित्र के रूप में सहायता करने का अनुरोध किया। पीठ ने कहा, ‘‘मामले पर अंतिम सुनवाई 18 जनवरी, 2022 को की जाएगी।’’

पीठ ने कहा कि उसके सामने पेश किया गया कार्यालय ज्ञापन कुछ कार्यवाही को संदर्भित करता है, जिन्हें गोपनीय बताया गया है। पीठ ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि ये वही कार्यवाही हैं जिनका उल्लेख पिछले साल नवंबर के आदेश में किया गया था।

जब मामले पर सुनवाई अपराह्न दो बजे शुरू हुई तो केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि उन्हें अभी विदेश मंत्रालय से एक संदेश मिला है। इस पत्र को उस पीठ के समक्ष रखा गया, जिसने इसका अवलोकन किया।

दोपहर भोजन अवकाश से पहले जब मामले की सुनवाई की गई, तो शीर्ष अदालत ने कहा कि वह अवमानना मामले पर सुनवाई जारी रखना चाहती है और सजा पर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करना चाहती है।

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पीठ ने कहा, ‘‘हम एक आदेश पारित करना चाहते हैं कि हम मामले को सजा पर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेंगे क्योंकि (माल्या के) वकील का पेश होना जारी है। इसलिए, सजा पर अधिवक्ता को सुनने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। हम इस पर आगे बढ़ेंगे।’’

पूर्वाह्न में केंद्र की ओर से पेश अधिवक्ता रजत नायर ने पीठ को बताया था कि इस मामले को देख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता एक अन्य अदालत में बहस कर रहे हैं।

नायर ने शीर्ष अदालत से कहा, ‘‘उनके (मेहता) पास निर्देश हैं। वह पहले ही विदेश मंत्रालय (विदेश मंत्रालय) में संबंधित अधिकारियों से बात कर चुके हैं। अगर इस मामले को कल या उसके अगले दिन लिया जा सकता है, तो वह दलील पेश करेंगे।’’ पीठ ने इसके बाद कहा था कि वह दिन में अपराह्न दो बजे मामले की सुनवाई करेगी।

माल्या को ब्रिटेन से प्रत्यर्पित करने के प्रयास जारी
इस साल 18 जनवरी को केंद्र ने शीर्ष अदालत को बताया कि सरकार माल्या को ब्रिटेन से प्रत्यर्पित करने के लिए सभी प्रयास कर रही है, लेकिन मामले में कुछ कानूनी मुद्दों के कारण प्रक्रिया में देरी हो रही है।

मेहता ने कहा था कि विदेश मंत्रालय ने ब्रिटेन सरकार के समक्ष प्रत्यर्पण का मुद्दा उठाया है और केंद्र माल्या के प्रत्यर्पण के लिए सभी गंभीर प्रयास कर रहा है।

माल्या मार्च 2016 से ब्रिटेन में है। वह स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस द्वारा तामील कराये गए एक प्रत्यर्पण वारंट मामले में जमानत पर है।

शीर्ष अदालत ने पिछले साल दो नवंबर को केंद्र से भारत में माल्या के प्रत्यर्पण पर ब्रिटेन में लंबित गोपनीय कानूनी कार्यवाही पर छह सप्ताह में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था।

केंद्र ने पिछले साल पांच अक्टूबर को शीर्ष अदालत को बताया था कि माल्या को भारत में तब तक प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता, जब तक कि ब्रिटेन में एक अलग ‘‘गुप्त’’ कानूनी प्रक्रिया का समाधान नहीं हो जाता, जो न्यायिक और गोपनीय प्रकृति का है।’’

केंद्र ने पिछले साल अक्टूबर में कहा था कि उसे ब्रिटेन में माल्या के खिलाफ चल रही गुप्त कार्यवाही की जानकारी नहीं है, क्योंकि भारत सरकार इस प्रक्रिया में पक्षकार नहीं है।

केंद्र ने पहले माल्या के खिलाफ नौ फरवरी, 2017 से शुरू होकर पिछले साल 14 मई को ब्रिटेन में प्रत्यर्पण के खिलाफ उसकी अपील खारिज होने तक की प्रत्यर्पण कार्यवाही का विवरण दिया था और कहा था कि ब्रिटेन में उसकी अपील के सभी मौके समाप्त हो गए हैं।



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