शिवराज सरकार से नाराज हैं 35 हजार चयनित शिक्षक, चलाएंगे वादा खिलाफी अभियान
बरसते पानी में शिक्षकों का धरना, कई जिलों से आए शिक्षकों ने मांगी सरकार से जल्द से जल्द नियुक्ति….।
भोपाल। 2018 से शिक्षा विभाग में अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे 35 हजार से अधिक चयनित शिक्षकों को एक बार फिर आश्वासन मिला है। मंगलवार को सभी जिलों से बड़ी संख्या में आए शिक्षकों ने नीलम पार्क पर धरना दिया। इन शिक्षकों का कहना है कि कोरोना की दो लहरों में कई शिक्षकों ने दम तोड़ दिया, कई परिवार उजड़ गए। ऐसे में नियुक्ति नहीं मिलने से हजारों परिवारों के घर का चूल्हा नहीं जल पा रहा है। ऐसी स्थित में क्या सरकार तीसरी लहर का इंतजार कर रही है।
शिवराज सरकार ने तीन साल पहले शिक्षकों की भर्ती (teacher recruitment varg 1 and varg 2) निकाली थी। प्रदेशभर में 30 हजार से अधिक शिक्षकों का चयन हो चुका है। उनका डाक्यूमेंट वैरीफिकेशन (document verification) भी हो गया है। कोरोनाकाल में धीरे-धीरे नियुक्ति को टालने से नाराज शिक्षकों के सब्र का बांध टूट गया। यह शिक्षक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से कई बार मिल चुके हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा था।
मंगलवार को भी डीपीआई के अधिकारियों की ओर से 15 अगस्त तक ज्वाइनिंग देने का आश्वासन दिया गया है। कहा गया है कि 10 अगस्त को ओबीसी आरक्षण को लेकर सुनवाई है, उसके बाद 15 अगस्त प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इधर, चयनित शिक्षक संघ मध्यप्रदेश की ने दो टूक कहा गया है कि अब कोई आश्वासन नहीं। जब तक नियुक्ति नहीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। संघ ने कहा है कि डीपीआई की ओर से 15 अगस्त तक ज्वाइनिंग नहीं देने पर 18 अगस्त एकादशी के दिन शिवराज सरकार के विरोध में वादा खिलाफी अभियान चलाया जाएगा।
चयनित शिक्षक संघ के पदाधिकारी भूतेश चंद्र ने बताया कि तीन साल पहले शिवराज सरकार ने ही यह नियुक्ति निकाली गई थी। इसके बाद कमलनाथ सरकार में परीक्षा हुई। रिजल्ट आने के बाद फिर शिवराज सरकार में नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हुई तो कोरोनाकाल में परिवहन सेवा बंद होने का हवाला देकर नियुक्ति प्रक्रिया रोक दी गई। इसके बाद प्रक्रिया को इतनी धीरे बढ़ाया जा रहा है जिससे इस शिक्षण सत्र में भी नियुक्त को टाला जा सके।
भूतेश चंद्र के मुताबिक हमारे शिक्षक साथी हर जिले में सीएम, शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन दे चुके हैं। सीएम और शिक्षा मंत्री हर बार आश्वासन दे देते हैं, लेकिन ज्वाइनिंग नहीं दी जा रही है। अब प्रदेशभर में स्कूल भी खुलने लगे हैं, लेकिन शिक्षकों की नियुक्ति क्या चुनाव से पहले की जाएगी।
- भाजपा कार्यालय पर लगे बैरिकेड्स
इससे पहले राजधानी में मंगलवार को चयनित शिक्षकों के धरने की खबर लगते ही भाजपा कार्यालय पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। सुबह से ही बैरिकेडिंग कर दी गई थी। क्योंकि 24 जुलाई को भी शिक्षकों ने भाजपा कार्यालय पर भी धरना दिया था और जल्द से जल्द नियुक्ति दिलाने की मांग की थी।
- शिक्षा मंत्री के बंगले से लौटाया
इससे पहले मंगलवार को सुबह जब चयनित शिक्षक श्यामला हिल्स स्थित शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के बंगले पर जमा होने लगे तो पुलिस प्रशासन ने सभी को यहां से हटा दिया और जबरदस्ती बसों में भरकर जहांगीराबाद स्थित नीलम पार्क भेज दिया। इन शिक्षकों का कहना था कि अब सिर्फ आश्वासन नहीं चलेगा, तारीख भी बताना होगा, तभी धरना खत्म होगा।
- अलग-अलग चौराहों पर रोका
वहीं अलग-अलग जिलों से आने वाली शिक्षकों की टुकड़ियों को भी राजधानी के अलग-अलग स्थानों पर ही रोक दिया गया। उन्हें श्यामला हिल्स की तरफ नहीं जाने दिया गया। यह सभी शिक्षक शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री निवास की तरफ कूच करने आए थे।
यह भी पढ़ेंः 30 हजार चयनित शिक्षकों का बड़ा आंदोलन
- नीलम पार्क में बैठे धरने पर
जहांगीराबाद स्थित नीलम पार्क में सभी शिक्षक एकत्र होते गए और यहां धरना शुरू हुआ। सभी ने शिवराज सरकार से जल्द से जल्द नियुक्ति देने की मांग की। इस दौरान जमकर नारबाजी भी हुई। इन शिक्षकों उच्च माध्यमिक शिक्षक वर्ग-1 और माध्यमिक शिक्षक वर्ग-2 के शिक्षक शामिल थे।
- शिक्षकों को नहीं मिल रही सही जानकारी
इन शिक्षकों का कहना है कि ऐसी क्या मजबूरी है कि उन्हें सही समय या ज्वाइनिंग की तारीख नहीं बताई जा रही है। शिक्षकों का कहना है कि तीन वर्षों से नियुक्ति के इंतजार में कई 60 से अधिक शिक्षकों का निधन हो गया है, परिवार उजड़ गए। वहीं कई शिक्षक ऐसे हैं जो गरीबी में खेतों में मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं।
एक नजर
- वर्ष 2018 में शिक्षक पात्रता परीक्षा का विज्ञापन निकाला गया था।
- जनवरी 2019 में पीईबी की तरफ से परीक्षा ली गई।
- प्रदेश के 30 हजार से अधिक का चयन हो गया।
- सत्यापन प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।
- नियुक्ति देने में विलंब किया जा रहा है।
यह भी पढ़ेंः मध्यप्रदेश / चयनित शिक्षक बोले- दो साल से कर रहे हैं इंतजार, ज्वाइनिंग कब देगी सरकार
बरसते पानी में शिक्षकों का धरना, कई जिलों से आए शिक्षकों ने मांगी सरकार से जल्द से जल्द नियुक्ति….।
भोपाल। 2018 से शिक्षा विभाग में अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे 35 हजार से अधिक चयनित शिक्षकों को एक बार फिर आश्वासन मिला है। मंगलवार को सभी जिलों से बड़ी संख्या में आए शिक्षकों ने नीलम पार्क पर धरना दिया। इन शिक्षकों का कहना है कि कोरोना की दो लहरों में कई शिक्षकों ने दम तोड़ दिया, कई परिवार उजड़ गए। ऐसे में नियुक्ति नहीं मिलने से हजारों परिवारों के घर का चूल्हा नहीं जल पा रहा है। ऐसी स्थित में क्या सरकार तीसरी लहर का इंतजार कर रही है।
शिवराज सरकार ने तीन साल पहले शिक्षकों की भर्ती (teacher recruitment varg 1 and varg 2) निकाली थी। प्रदेशभर में 30 हजार से अधिक शिक्षकों का चयन हो चुका है। उनका डाक्यूमेंट वैरीफिकेशन (document verification) भी हो गया है। कोरोनाकाल में धीरे-धीरे नियुक्ति को टालने से नाराज शिक्षकों के सब्र का बांध टूट गया। यह शिक्षक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से कई बार मिल चुके हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा था।
मंगलवार को भी डीपीआई के अधिकारियों की ओर से 15 अगस्त तक ज्वाइनिंग देने का आश्वासन दिया गया है। कहा गया है कि 10 अगस्त को ओबीसी आरक्षण को लेकर सुनवाई है, उसके बाद 15 अगस्त प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इधर, चयनित शिक्षक संघ मध्यप्रदेश की ने दो टूक कहा गया है कि अब कोई आश्वासन नहीं। जब तक नियुक्ति नहीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। संघ ने कहा है कि डीपीआई की ओर से 15 अगस्त तक ज्वाइनिंग नहीं देने पर 18 अगस्त एकादशी के दिन शिवराज सरकार के विरोध में वादा खिलाफी अभियान चलाया जाएगा।
चयनित शिक्षक संघ के पदाधिकारी भूतेश चंद्र ने बताया कि तीन साल पहले शिवराज सरकार ने ही यह नियुक्ति निकाली गई थी। इसके बाद कमलनाथ सरकार में परीक्षा हुई। रिजल्ट आने के बाद फिर शिवराज सरकार में नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हुई तो कोरोनाकाल में परिवहन सेवा बंद होने का हवाला देकर नियुक्ति प्रक्रिया रोक दी गई। इसके बाद प्रक्रिया को इतनी धीरे बढ़ाया जा रहा है जिससे इस शिक्षण सत्र में भी नियुक्त को टाला जा सके।
भूतेश चंद्र के मुताबिक हमारे शिक्षक साथी हर जिले में सीएम, शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन दे चुके हैं। सीएम और शिक्षा मंत्री हर बार आश्वासन दे देते हैं, लेकिन ज्वाइनिंग नहीं दी जा रही है। अब प्रदेशभर में स्कूल भी खुलने लगे हैं, लेकिन शिक्षकों की नियुक्ति क्या चुनाव से पहले की जाएगी।
- भाजपा कार्यालय पर लगे बैरिकेड्स
इससे पहले राजधानी में मंगलवार को चयनित शिक्षकों के धरने की खबर लगते ही भाजपा कार्यालय पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। सुबह से ही बैरिकेडिंग कर दी गई थी। क्योंकि 24 जुलाई को भी शिक्षकों ने भाजपा कार्यालय पर भी धरना दिया था और जल्द से जल्द नियुक्ति दिलाने की मांग की थी।
- शिक्षा मंत्री के बंगले से लौटाया
इससे पहले मंगलवार को सुबह जब चयनित शिक्षक श्यामला हिल्स स्थित शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के बंगले पर जमा होने लगे तो पुलिस प्रशासन ने सभी को यहां से हटा दिया और जबरदस्ती बसों में भरकर जहांगीराबाद स्थित नीलम पार्क भेज दिया। इन शिक्षकों का कहना था कि अब सिर्फ आश्वासन नहीं चलेगा, तारीख भी बताना होगा, तभी धरना खत्म होगा।
- अलग-अलग चौराहों पर रोका
वहीं अलग-अलग जिलों से आने वाली शिक्षकों की टुकड़ियों को भी राजधानी के अलग-अलग स्थानों पर ही रोक दिया गया। उन्हें श्यामला हिल्स की तरफ नहीं जाने दिया गया। यह सभी शिक्षक शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री निवास की तरफ कूच करने आए थे।
यह भी पढ़ेंः 30 हजार चयनित शिक्षकों का बड़ा आंदोलन
- नीलम पार्क में बैठे धरने पर
जहांगीराबाद स्थित नीलम पार्क में सभी शिक्षक एकत्र होते गए और यहां धरना शुरू हुआ। सभी ने शिवराज सरकार से जल्द से जल्द नियुक्ति देने की मांग की। इस दौरान जमकर नारबाजी भी हुई। इन शिक्षकों उच्च माध्यमिक शिक्षक वर्ग-1 और माध्यमिक शिक्षक वर्ग-2 के शिक्षक शामिल थे।
- शिक्षकों को नहीं मिल रही सही जानकारी
इन शिक्षकों का कहना है कि ऐसी क्या मजबूरी है कि उन्हें सही समय या ज्वाइनिंग की तारीख नहीं बताई जा रही है। शिक्षकों का कहना है कि तीन वर्षों से नियुक्ति के इंतजार में कई 60 से अधिक शिक्षकों का निधन हो गया है, परिवार उजड़ गए। वहीं कई शिक्षक ऐसे हैं जो गरीबी में खेतों में मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं।
एक नजर
- वर्ष 2018 में शिक्षक पात्रता परीक्षा का विज्ञापन निकाला गया था।
- जनवरी 2019 में पीईबी की तरफ से परीक्षा ली गई।
- प्रदेश के 30 हजार से अधिक का चयन हो गया।
- सत्यापन प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।
- नियुक्ति देने में विलंब किया जा रहा है।
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