10 दिनों में ही 1000 से ज्यादा पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित, ज्यादातर बिना लक्षण वाले
हाइलाइट्स
- ज्यादातर पुलिसकर्मी एसिंप्टोमैटिक हैं और उनमें गंभीर लक्षण नहीं हैं
- कोई भी पुलिसकर्मी अस्पताल/कोविड सेंट में भर्ती नहीं किया गया है
- रोहिणी और शाहदरा में दिल्ली पुलिस के दो कोविड केयर सेंटर बने हैं
विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
कोरोना की पिछली दो लहरों की तरह ही अब तीसरी लहर भी दिल्ली पुलिस के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण साबित होती जा रही है। ओमिक्रॉन की वजह से पुलिसकर्मी भी तेजी से संक्रमण की चपेट में आते जा रहे हैं, जिसने पुलिस कमिश्नर समेत दिल्ली पुलिस के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है। इसे देखते हुए पुलिसकर्मियों को भी कोविड प्रोटोकॉल के पालन से जुड़ी नई एसओपी का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही सीनियर अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि संक्रमण की चपेट में आए पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए किसी तरह की कोई दिक्कत का सामना न करना पड़े।
पुलिस मुख्यालय से सोमवार को सामने आई ताजा जानकारी के अनुसार, बीते 10 दिनों के अंदर ही कुल 1029 पुलिसकर्मी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। इनमें दिल्ली पुलिस के पीआरओ अडिशनल कमिश्नर चिन्मय बिश्वाल समेत कुछ अन्य सीनियर अधिकारी भी शामिल हैं। हालांकि, राहत की बात यह है कि ज्यादातर पुलिसकर्मी एसिंप्टोमैटिक हैं और उनमें गंभीर लक्षण नहीं हैं। इसलिए किसी को भी अस्पताल या कोविड केयर सेंटर में भर्ती कराने की नौबत अभी नहीं आई है। हालांकि, जिन पुलिसकर्मियों को कोई अन्य बीमारी है, उन्हें जरूर एहतियातन डॉक्टर से सलाह लेने के लिए कहा गया है। बाकी ज्यादातर पुलिसकर्मी होम आइसोलेशन में ही रहकर 5-7 दिन में ठीक होते जा रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने रोहिणी और शाहदरा में अपने खुद के दो कोविड केयर सेंटर तैयार कर रखे हैं, उनमें भी अभी तक किसी को भर्ती नहीं करना पड़ा है। हालांकि, तेजी से बढ़ते मामलों को लेकर पुलिस मुख्यालय के अधिकारी जरूर सतर्क हो गए हैं और डेली बेसिस पर पुलिस कमिश्नर को स्टेटस रिपोर्ट भेजी जा रही है। साथ ही निगरानी के मैकेनिज्म को भी मजबूत किया गया है।
एक तरफ पुलिस को नाइट कर्फ्यू और वीकेंड कर्फ्यू के दौरान यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी नियमों का उल्लंघन न करे, वहीं ड्यूटी के दौरान खुद को भी संक्रमण की चपेट में आने से बचाना है। खासकर फील्ड में तैनात पुलिसकर्मियों के लिए खतरा और ज्यादा है, क्योंकि उन्हें लगातार लोगों के बीच रहकर काम करना पड़ता है, लेकिन जब वह पुलिस थाने या अपने दफ्तर जाते हैं, तो उनके आस-पास के अन्य लोगों के भी संक्रमित होने का खतरा रहता है। इसे देखते हुए कोरोना से जुड़ी एसओपी में कुछ जरूरी सुधार करके पिछले हफ्ते एक नई एसओपी जारी की गई है, जिसके तहत पुलिसकर्मियों को ड्यूटी के दौरान अन्य लोगों से दूरी बनाकर रखने, मास्क लगाने, लगातार हाथों को सैनिटाइज करने, वर्चुअल तरीके से मीटिंग और ब्रीफिंग करने, शिकायतकर्ताओं से मिलते वक्त सावधानी बरतने, ड्यूटी के बाद गाड़ी और उसकी चाबी को सैनिटाइज करके हैंडओवर करने, दस्तावेजों को डिजिटल तरीके से स्कैन करने और ऑनलाइन प्रॉसिक्यूशन और वेरिफिकेशन पर जोर देने के लिए कहा गया है।
दिल्ली में फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोविड बूस्टर डोज लगनी शुरू हो गई है
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हाइलाइट्स
- ज्यादातर पुलिसकर्मी एसिंप्टोमैटिक हैं और उनमें गंभीर लक्षण नहीं हैं
- कोई भी पुलिसकर्मी अस्पताल/कोविड सेंट में भर्ती नहीं किया गया है
- रोहिणी और शाहदरा में दिल्ली पुलिस के दो कोविड केयर सेंटर बने हैं
कोरोना की पिछली दो लहरों की तरह ही अब तीसरी लहर भी दिल्ली पुलिस के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण साबित होती जा रही है। ओमिक्रॉन की वजह से पुलिसकर्मी भी तेजी से संक्रमण की चपेट में आते जा रहे हैं, जिसने पुलिस कमिश्नर समेत दिल्ली पुलिस के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है। इसे देखते हुए पुलिसकर्मियों को भी कोविड प्रोटोकॉल के पालन से जुड़ी नई एसओपी का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही सीनियर अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि संक्रमण की चपेट में आए पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए किसी तरह की कोई दिक्कत का सामना न करना पड़े।
पुलिस मुख्यालय से सोमवार को सामने आई ताजा जानकारी के अनुसार, बीते 10 दिनों के अंदर ही कुल 1029 पुलिसकर्मी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। इनमें दिल्ली पुलिस के पीआरओ अडिशनल कमिश्नर चिन्मय बिश्वाल समेत कुछ अन्य सीनियर अधिकारी भी शामिल हैं। हालांकि, राहत की बात यह है कि ज्यादातर पुलिसकर्मी एसिंप्टोमैटिक हैं और उनमें गंभीर लक्षण नहीं हैं। इसलिए किसी को भी अस्पताल या कोविड केयर सेंटर में भर्ती कराने की नौबत अभी नहीं आई है। हालांकि, जिन पुलिसकर्मियों को कोई अन्य बीमारी है, उन्हें जरूर एहतियातन डॉक्टर से सलाह लेने के लिए कहा गया है। बाकी ज्यादातर पुलिसकर्मी होम आइसोलेशन में ही रहकर 5-7 दिन में ठीक होते जा रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने रोहिणी और शाहदरा में अपने खुद के दो कोविड केयर सेंटर तैयार कर रखे हैं, उनमें भी अभी तक किसी को भर्ती नहीं करना पड़ा है। हालांकि, तेजी से बढ़ते मामलों को लेकर पुलिस मुख्यालय के अधिकारी जरूर सतर्क हो गए हैं और डेली बेसिस पर पुलिस कमिश्नर को स्टेटस रिपोर्ट भेजी जा रही है। साथ ही निगरानी के मैकेनिज्म को भी मजबूत किया गया है।
एक तरफ पुलिस को नाइट कर्फ्यू और वीकेंड कर्फ्यू के दौरान यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी नियमों का उल्लंघन न करे, वहीं ड्यूटी के दौरान खुद को भी संक्रमण की चपेट में आने से बचाना है। खासकर फील्ड में तैनात पुलिसकर्मियों के लिए खतरा और ज्यादा है, क्योंकि उन्हें लगातार लोगों के बीच रहकर काम करना पड़ता है, लेकिन जब वह पुलिस थाने या अपने दफ्तर जाते हैं, तो उनके आस-पास के अन्य लोगों के भी संक्रमित होने का खतरा रहता है। इसे देखते हुए कोरोना से जुड़ी एसओपी में कुछ जरूरी सुधार करके पिछले हफ्ते एक नई एसओपी जारी की गई है, जिसके तहत पुलिसकर्मियों को ड्यूटी के दौरान अन्य लोगों से दूरी बनाकर रखने, मास्क लगाने, लगातार हाथों को सैनिटाइज करने, वर्चुअल तरीके से मीटिंग और ब्रीफिंग करने, शिकायतकर्ताओं से मिलते वक्त सावधानी बरतने, ड्यूटी के बाद गाड़ी और उसकी चाबी को सैनिटाइज करके हैंडओवर करने, दस्तावेजों को डिजिटल तरीके से स्कैन करने और ऑनलाइन प्रॉसिक्यूशन और वेरिफिकेशन पर जोर देने के लिए कहा गया है।
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