12 साल की नन्ही सी उम्र में इतना बड़ा कारनामा करने वाला है ये लड़का

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गुजरात के एक बड़े हीरा कारोबारी के बेटे ने संन्यासी बनने का फैसला किया है। सूरत के मशहूर करोड़पति हीरा कारोबारी दीपेश शाह के बेटे भव्य सचवानी जैन भिक्षु बनेंगे। भव्य अभी 7वीं कक्षा में पढ़ाई कर रहे हैं। 12 साल के भव्य सचवानी खेलने-कूदने की उम्र में अपनी ऐशो-आराम भरी जिंदगी को त्याग कर संत बन गए हैं। गुरुवार (19-04-2018) को ही भव्य दीक्षा लेकर जैन मुनि बन जाएंगे। वह एक खास कार्यक्रम में दीक्षा लेंगे। भव्य को सूरत के उमरा स्थित जैन संघ में आचार्य रश्मिरत्नसूरी में दीक्षा मिलेगी। इस मौके पर 400 से 500 जैन मुनि और करीब सात हजार लोग वहां मौजूद रहेंगे।

खास बात यह है कि भव्य ने खुद ही दीक्षा लेने और संन्यासी बनने का फैसला किया है। उनका कहना है कि वो भगवान द्वारा बताए गए सत्य के रास्ते पर चलना चाहते हैं और घर-परिवार तथा ऐशो-आराम भरी जिंदगी का त्याग करना चाहते हैं। भव्य का कहना है कि भगवान द्वारा दिखाए गए सत्य के रास्ते को चुन कर मैं काफी खुश हूं। भव्य के इस फैसले से उनके माता-पिता भी काफी खुश नजर आ रहे हैं।

भव्य के पिता का कहना है कि उनके बेटे ने वही किया, जो उससे पहले उनकी बेटी ने 12 साल की उम्र में किया था। बता दें कि हीरा कारोबारी दीपक शाह को दो बेटे और एक बेटी है। भव्य की बहन ने भी 12 साल की उम्र में ही दीक्षा ली थी। इससे पहले मार्च के महीने में भव्य शाह की शानदार यात्रा भी निकाली गई थी। इस यात्रा में फरारी सहित कई लग्जरी गाड़ियां भी नजर आई थीं।

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हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब गुजरात में किसी कम उम्र के लड़के ने पारिवारिक सुख को छोड़कर संन्यासी बनने का फैसला किया हो। इससे पहले पिछले ही साल अहमदाबाद के रहने वाले वर्शिल शाह ने भी जैन मुनि बनने का फैसला किया था। पढ़ाई-लिखाई में अव्वल वर्शिल को बारहवीं की परीक्षा में 99.9 प्रतिशत मार्क्स भी आए थे। परीक्षा पास करने के बाद वर्शिल शाह ने जैन भिक्षु बनने की इच्छा प्रकट की। महज 17 साल की उम्र में सांसारिक मोह-माया को त्याग कर उन्होंने दीक्षा ले ली।

वहीं 24 साल के सीए मोक्षेष शाह भी हाल ही में अपनी करोड़ों की संपत्ति त्याग कर जैन भिक्षु बने हैं। वो अपने माता-पिता की एकलौती संतान हैं और शुरू में उन्होंने मोक्षेष के इस फैसले का विरोध भी किया लेकिन बाद में उन्हें बेटे की मर्जी के आगे झुकना पडा।