मध्य प्रदेश के छतरपुर जिला मुख्यालय से महज 12 किमी दूर ईशानगर थाना क्षेत्र में पनौठा गांव में रहने वाली बच्ची की सीरियल की नकल करते हुए जान चली गई. बता दें सोमवार को मोहल्ले और परिवार वाले बच्चों के साथ बैठकर घर में हॉरर सीरियल देख रही थी.
बच्ची सीरियल की नकल करते हुए सीरियल के सीन को कर रही थी उस सीन ने बच्ची की जान ले ली. सीरियल में जैसे ही फांसी के फंदे पर झूलने वाला सीन आया, तो बच्ची ने भी अपने कमरे में रस्सी का फंदा बनाया और उसमें अपना सिर डाल दिया. कुछ ही पलों बाद सीरियल का किरदार, स्टूल में पैर मारकर झूल गया, वैसा ही बच्ची ने किया.
सीरियल में चल रहे सीन तो कुछ ही पलों में बदल जाते है, लेकिन अगर असल जिन्दगी में कोई ऐसा करे तो यह एक हैरान कर देने वाली बात होती है बच्ची फंदे पर लटकी फड़फड़ा रही थी. उसके सामने बैठे नन्हें बच्चों ने सिर्फ उसे देखने के अलावा कुछ नही किया.
बच्ची के फंदे पर झूलते ही वहां मौजूद बच्चों की चीख सुनकर परिवार के लोग कमरे में आऐ. ऐसे माहौल को देकर परिवार वालों और आसपास के लोगों में अफरा-तफरी बच गई. जिसके बाद बच्ची के पिता भागीरथ अहिरवार ने आनन फानन में उसे जिला अस्पताल में पहुंचाया.
वहीं बच्ची के गर्दन की हड्डी टूट जाने की वजह से उसकी रास्ते में ही मौत हो गई थी. बच्ची के अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. बाद में डॉक्टर ने इसकी सूचना ईशानगर थाना प्रभारी मनीष मिश्रा को दी. थाना प्रभारी ने मृतिका का पंचनामा तैयार कर शव का पीएम कराया और शव को परिजनों को सौंप दिया.
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एक परिवार में सीरियल नकल की वजह से 12 साल की बच्ची की मौत हो गई. इसमें किस को दोष दिया जाए उस बच्ची को जो सीरियल को देखकर उसकी नकल कर रही थी, या फिर उसके परिवार वालों को जिनकों बच्ची की जरा सी भी सुध न थी, या फिर सीरियल को जो ऐसे सीन को दिखाते है कि लोग अपने पर उसकी नकल कर लेते है. ऐसा केवल बच्चों के साथ ही नही होता है बल्कि बड़े लोग भी सीरीयल या किसी भी फिल्म को फोलों करते हुए अपने को नुकसान पहुंचा लेते है.