देश में वहशीपना इतना बढ़ रहा है कि इससे दिव्यांग बच्चियां भी सेफ नहीं है। लेकिन मध्य प्रदेश में एक स्पेशल कोर्ट ने ऐसे ही एक मामलें बहुत जल्द सुनवाई करके एक उदहारण पेश किया है। आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला-
दरअसल मध्य प्रदेश में एक 80 साल एक व्यक्ति ने एक बहरी और गूंगी लड़की का शारीरिक शोषण किया। अब स्पेशल कोर्ट ने इस मामलें की सुनवाई मात्र दो महीने 21 में पूरी करके एक नजीर पेश की है। लड़की की उम्र मात्र 7 साल है।
80 वर्षीय व्यक्ति को 7 वर्षीय बहरी और गूंगी लड़की के साथ “अभद्र आचरण” के लिए 13 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।
इसके अलावा उस पर 15,000 रुपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया है।
सबसे दिलचस्प बात यह है कोर्ट ने इस मामलें में सजा बहुत जल्दी सुनाया है।
विशेष लोक अभियोजक जगदीश चौहान ने कहा कि विशेष सत्र न्यायाधीश नीमच विवेक कुमार ने POCSO अधिनियम के तहत दर्ज मामले में फैसला सुनाया।
यह घटना 19 अक्टूबर, 2019 को हुई थी।
शारीरिक रूप से अक्षम पीड़ित का बयान एक विशेष प्रशिक्षक के माध्यम से दर्ज किया गया था।
पीड़ित पक्पष की ओर से माता-पिता, भाई और अन्य गवाहों के बयान किए गए।
कोर्ट के समक्ष घटना का वीडियो भी चलाया गया। सभी पक्षों को सुनने और विचार करने के बाद गिरधारी लाल (80) को दोषी ठहराया।
यह भी पढ़ें: NSF ने शेयर की सूर्य की सतह की फोटो, लोगों ने ‘चिक्की’ बताकर लिए मजे
कोर्ट ने पीड़ित को मुआवजे के रूप में जुर्माने की राशि देने का आदेश दिया।
इसके अलावा, विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से, दोषी को सांसद पीड़ित मुआवजा योजना, 2015 के तहत उसके पुनर्वास के लिए अतिरिक्त मुआवजा प्रदान करने के लिए कहा गया था।