अगर आप भी रोज-रोज जंक फूड खाते हैं तो आपके के लिए ये मुसीबत का सिर दर्द बन सकता है और कई समस्याओं को जन्म दे सकता है। दरअसल, लंदन में रहने वाले एक 17 साल के लड़के की जंक फूड खाने से आंखों की रोशनी चली गई है। उसकी सुनने की शक्ति भी कम हो गई है। बता दें कि मुताबिक, लड़का पिछले 10 साल से लगातार फास्ट फूड खा रहा था। वह रोजाना ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर में चिप्स, बर्गर, पिज्जा, प्रोसेस्ड मीट और सॉस जैसी चीजें लेता था।
Irishpost.Com की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लंदन में रहने वाले एक 17 साल के लड़के की जंक फूड खाने से आंखों की रोशनी चली गई है। उसकी सुनने की शक्ति भी कम हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, लड़का पिछले 10 साल से लगातार फास्ट फूड खा रहा था। वह रोजाना ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर में चिप्स, बर्गर, पिज्जा, प्रोसेस्ड मीट और सॉस जैसी चीजें लेता था। ब्रिटेन में जंक फूड खाने से आंखों की रोशनी जाने का ये पहला मामला है।
युवक को है रेयर ईटिंग डिसऑर्डर
रिपोर्ट के मुताबिक, लड़के का इलाज करने वाले डॉक्टरों ने बताया कि उसे रेयर ईटिंग डिसऑर्डर (Rare Eating Disorder) है। मेडिकल साइंस में इसे अवॉइडेंट-रेसट्रिकटिव फूड इनटेक डिसऑर्डर (ARFID) कहते हैं। लड़के को प्राइमरी स्कूल के दिनों से ये बीमारी है। इस बीमारी की वजह से उसे सब्जियों और फलों से अरूचि हो जाती है. सिर्फ जंक फूड ही पसंद आता है।
रेयर ईटिंग डिसऑर्डर की वजह से लड़के के शरीर में कई जरूरी विटामिन की कमी हो गई थी, जो आगे चलकर न्यूट्रिशनल ऑप्टिक न्यूरोपैथी (NON) में बदल गई। आपको बता दें कि आमतौर पर न्यूट्रिशनल ऑप्टिक न्यूरोपैथी विकासशील देशों के बच्चों में पाई जाती है, क्योंकि यहां बच्चों को खाने में पूरा पोषण नहीं मिल पाता। लेकिन, पश्चिम देशों में इस न्यूरोपैथी का पाया जाना हैरान करता है।
बता दें कि डेनिस एटन के हवाले से रिपोर्ट ने लिखा, ‘लड़के के केस में नई चीज ये थी कि वह 10 साल से फास्ट फूड पर ही जिंदा था। उसने न फल खाया और न ही सब्जियां। साथ ही उसकी बीमारी का पता भी काफी देर बाद चला, तब तक उसकी आंखों की रोशनी जा चुकी थी।