एक गर्म चाय की प्याली हो, उससे न कोई बीमारी हो …

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वैज्ञानिकों का दावा है कि फ्लू से बचाव में चाय कारगर हो सकती है। इसमें ऐसा कंपाउंड पाया जाता है जो शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत कर सकता है। इधर स्तन कैंसर के रोकथाम की दिशा में वैज्ञानिकों को बड़ी कामयाबी मिली है।अमेरिका की वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि पेट में पाए जाने वाले खास तरह के माइक्रोब फ्लेवोनॉयड्स नामक कंपाउंड में विभाजन कर फ्लू के गंभीर संक्रमण से बचा सकते हैं। इस रणनीति से इंफ्लूएंजा वायरस से होने वाले गंभीर नुकसान को रोका जा सकता है। पेट में पाए जाने वाले ये माइक्रोब न सिर्फ खाना पचाने में मददगार होते हैं, बल्कि इनका प्रतिरक्षा तंत्र पर भी दूरगामी प्रभाव पड़ता है।

शोधकर्ता एश्ले स्टीड ने कहा कि फ्लेवोनॉयड्स को कई साल से रक्षात्मक गुण के लिए जाना जाता है। यह संक्रमणों से मुकाबले के लिए प्रतिरक्षा तंत्र को नियंत्रित करता है। फ्लेवोनॉयड्स सामान्य रूप से ब्लैक टी, रेड वाइन और ब्लूबेरी में पाया जाता है।

स्तन कैंसर को बढ़ने से रोकेगी नई दवा
स्तन कैंसर के रोकथाम की दिशा में वैज्ञानिकों को बड़ी कामयाबी मिली है। उन्होंने ऐसी दवा की पहचान की है जो स्तन कैंसर को बढ़ने से रोक सकती है। शोधकर्ताओं के अनुसार, इस तरह के मामले में एक खास मोलेक्यूल ईआरएक्स-11 ट्यूमर कोशिकाओं के एस्ट्रोजन रिसेप्टर पर मौजूद एक प्रोटीन को निशाना बनाता है। यह संभावित दवा उन रोगियों के लिए उम्मीद की नई किरण हो सकती है, जिनमें पारंपरिक उपचार का असर होना बंद हो जाता है। अमेरिका की टेक्सास यूनिवर्सिटी में भारतीय मूल के प्रोफेसर गणेश राज ने कहा कि एस्ट्रोजन रिसेप्टर के लिए यह मूल रूप से अलग तरह की दवा है। इन रोगियों में यह दवा बेहद प्रभावी हो सकती है। यह दवा चूहों पर आजमाई जा चुकी है, जिसके सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं।