सरकारी जमीन पर पक्का मकान, अब होगी कार्रवाई

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उत्तर प्रदेश: एंटी भूमाफिया अभियान में इस बार सरकारी जमीन पर पक्का मकान (किसी भी प्रकार का पक्का निर्माण करने वालों) बनाकर रहने वाले लोगों की कुंडली तैयार की जाएगी। इसके लिए प्रशासन ने सभी विभागों को ऐसे लोगों की डिटेल तैयार करके भेजने को कहा है, जिन्होंने सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा है। प्रशासन इस बार इनके खिलाफ  बड़ा एक्शन लेने जा रहा है।

सरकारी जमीन भी भूमाफियाओं के कब्जे में नहीं रहनी चाहिए- सीएम योगी 

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारियों के साथ हाल ही में बैठक की थी। बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा था कि एक इन सरकारी जमीन भी भूमाफियाओं के कब्जे में नहीं रहनी चाहिए। इसके लिए जिले वार सभी विभागों का एक्शन प्लान तैयार करने को कहा गया है। जिन विभागों को इसमें शामिल किया गया है इनमें नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, सिंचाई, पावर कॉरपोरेशन, नगर पंचयत से लेकर सभी ब्लाकों को इसमें शामिल किया गया है। इस बार गांव वार भी सूची तैयार होगी कि किसने कितनी सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा है। वैसे एंटी भूमाफिया के पहले चरण में सर्वे में कुल 251.59 हेक्टेयर सरकारी जमीन कब्जामुक्त कराई गई थी। उस दौरान इसमें नगर  निगम, नगर पंचायत, ब्लाक आदि कई विभाग शामिल नहीं थे। इस बार सरकार ने इन विभागों को भी शामिल करने को कहा है।

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अपर जिलाधिकारी प्रशासन एसपी गुप्ता ने बताया कि इस संबंध में जल्द ही सभी विभागों के साथ बैठक की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस समय 916.333 हेक्टेयर सरकारी जमीनों पर अस्थाई और 1309.966 हेक्टेयर जमीन पर स्थाई तौर पर कब्जा है। पहले चरण में 3667 शिकायतें जमीनों पर कब्जे की दर्ज की गई थी, जिसमें से 3435 का निस्ताण किया जा चुका है। पहले चरण की ही अभी 232 शिकायतों का निस्तारण नहीं हो पाया है7 अब इस चरणमें इन शिकायतों का निस्तारण किया जाएगा।

सिमट कर रह गया अभियान

पांचों तहसील क्षेत्र में अवैध कब्जेदारी में फंसी सरकारी स्वामित्व वाली 2226.29 हेक्टेयर जमीन को अवैध कब्जों से मुक्त कराने का अभियान कागजों पर सिमट कर रह गया है। बीते कुछ माह से अन्य काम काज की व्यस्तता के चलते पांचों तहसील क्षेत्रों में अवैध कब्जेदारी हटाने का कार्य हाशिए पर चल रहा है। स्थित ये है कि पूर्व में दर्ज की गई सूचनाएं व एंटी भू-माफिया पोर्टल पर दर्ज की गई सूचनाओं में समानता नहीं है। इससे सही स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है।

प्रशासन का दावा

एडीएम प्रशासन श्रीप्रकाश गुप्ता ने बताया कि सभी एसडीएम को निर्देश दिए गए हैं कि प्रदेश के भूलेख पोर्टल पर तहसील एडमिन लागिन के माध्यम से ग्राम पंचायत अचल संपत्ति रजिस्टर का वेब पेज विकसित किया गया है। कानूनगो राजस्व ग्रामवार अचल संपत्ति रजिस्टर का ङ्क्षप्रट लेखपाल को भौतिक सत्यापन व अतिक्रमण की स्थिति को दर्ज करने के लिए सौंपेंगे। लेखपाल द्वारा सत्यापित रिपोर्ट को वेब पेज पर दर्ज किया जाएगा।

ऑनलाइन शिकायत और निगरानी

एडीएम प्रशासन ने बताया कि जमीन पर अवैध कब्जा है या फिर कोई जबरदस्ती आपकी जमीन हड़पना चाहता है तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। यूपी शासन ने इसके लिए एंटी-भू माफिया पोर्टल के तौर पर खास व्यवस्था कर रखी है, जिसके जरिए आप ऐसी तमाम शिकायतों को डायरेक्ट जिम्मेदारों तक पहुंचा सकते हैं। जिस पर शासन की सीधी नजर भी है। जनसुनवाई पर की जाने वाली शिकायतों के साथ उसी पेज पर खास भू माफिया पर लगाम कसने के लिए लिंक दिया गया है, जिसके जरिए लोग अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

जान सकते हैं शिकायत का स्टेटस

अपनी जमीन को भू माफिया के कब्जे से छुड़ाने की चाह रखने वाले लोगों को इस पोर्टल पर शिकायत की निगरानी का भी मौका मिलेगा। उनकी शिकायत पर अब तक क्या कार्रवाई हुई है या जांच अब तक किस लेवल पर पहुंची है। वह इसका स्टेटस आसानी से जान सकेंगे। इतना ही नहीं अगर आपकी शिकायत पर काफी दिनों से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है तो इसमें आपको रिमाइंडर भेजने का भी ऑप्शन दिया गया है, जिसके जरिए आप अधिकारियों को याद दिला सकते हैं कि आपकी शिकायत उनके लेवल पर पेंडिंग पड़ी हुई है।

फीडबैक का भी है ऑप्शन

एंटी भू-माफिया पोर्टल पर शिकायत करने वाले पीडि़तों के लिए इस पोर्टल पर फीडबैक देने का भी ऑप्शन दिया गया है। इसके जरिए वह जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली को लेकर अपना फीडबैक भी दे सकते हैं। इतना ही नहीं अगर वह पोर्टल में कुछ सुधार चाहते हैं या फिर इस व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए उनके पास कोई सुझाव है तो भी वह इस पोर्टल के जरिए दे सकते हैं। फीडबैक के आधार पर सरकार आगे की कार्रवाई करेगी।