आप ने राज्यसभा के लिए किये 3 नाम पक्के: पढ़िए प्रत्याशियों के बारे में

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आम आदमी पार्टी ने अंततः राज्यसभा में भेजे जाने वाले प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए. संजय सिंह, एन. डी. गुप्ता एवं सुशील गुप्ता को राज्यसभा में भेजे जाने हेतु आम आदमी पार्टी ने चुना है. यह फैसला पार्टी की ‘पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी’ ने लिया है.
संजय सिंह, जोकि अरविन्द केजरीवाल के काफी करीबी रहे हैं, पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेजने का फैसला लिया है. लेकिन अन्य दो नाम चौंकाते हैं. एन. डी. गुप्ता, जोकि स्वयं एक चार्टेड अकाउंटेंट है, पार्टी और अरविंद केजरीवाल के साथ लंबे समय से जुड़े रहे हैं.
वहीँ, सुशील गुप्ता जो कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर 2013 में मोती नगर से चुनाव लड़े थे. पार्टी ने उन्हें भी राज्यसभा भेजने का निर्णय लिया है. आपको बता दें की उन्होंने पिछले महीने ही आम आदमी पार्टी की सदस्यता ली थी. पार्टी द्वारा उनका चयन कार्यकर्ताओं के लिए भी बेहद चौंकाने वाला फैसला था.

Arvind kejriwal -
यह जानना रोचक है की अरविंद केजरीवाल ने अपनी पार्टी के दो पॉपुलर नेता, कुमार विश्वास और आशुतोष को टिकट न देकर दो ऐसे व्यक्तियों को टिकट दिया जो कोई जाने पहचाने चहरे नहीं है.
आपको बता दें की दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों में 2015 में बहुमत पाने वाली आम आदमी पार्टी के द्वारा 3 नाम राज्यसभा भेजे जाने हैं और तीनो ही प्रत्याशियों का दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी का बहुमत होने की वजह से प्रत्याशियों का राज्यसभा जाना तय है. यह चुनाव 16 जनवरी 2018 को होना तय हुआ है.
हालाँकि कई राजनीतिक विश्लेशकों ने आम आदमी पार्टी द्वारा राज्यसभा भेजे जाने हेतु चुने व्यक्तियों के नाम पर हैरानी जताई, उनका कहना था की एन. डी. गुप्ता एवं सुशील गुप्ता कहीं भी राज्यसभा प्रत्याशियों की दौड़ में नहीं थे और दोनों ही नामो की आखिरी पड़ाव में एंट्री काफी चौंकाती है. आपको बता दें, की सूत्रों के मुताबिक आम आदमी पार्टी ने पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन और भारत के पूर्व मुख्य न्यायधीश टी.एस. ठाकुर को भी राज्यसभा की उम्मीदवारी की पेशकश की थी, जिसको उन्होंने ठुकरा दिया.
इससे पहले आम आदमी पार्टी और कुमार विश्वास के बीच भी राज्यसभा की सीट के लिए टकराव हुआ था और काफी मौकों पर कुमार विश्वास ने पार्टी और अरविन्द केजरीवाल से अपनी नाराजगी को आम किया था. अब देखना यह होगा की राज्यसभा में भेजे जा रहे तीनो ही व्यक्तियों की ऊपरी सदन में पार्टी और दिल्ली की जनता के प्रतिनिधि के तौर पर क्या भूमिका रहती है.