क्या आप जानते है अभिमन्यु, कर्ण और कौरव योद्धा से भी ज्यादा शक्तिशाली थे?

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महाभारत हिन्दू इतिहास का अब्भिन आंग है। महाभारत से हिन्दू धर्म का काफी भव्य इतिहास जुड़ा हुआ है जो यह दर्शाता है कि बुराई का हमेशा नाश होता है और सचाई की हमेशा जीत होती है। महाभारत हिन्दू धर्म के पवित्र ग्रंथो में से एक है। आज महभारत के एक ऐसे ही किस्से से आपको अवगत करना चाहेंगे। अभिमन्यु जब सुभद्रा के गर्भ में थे तभी चक्रव्यूह को भेदना सीख गए थे लेकिन बाद में उन्होंने चक्रव्यूह से बाहर निकलने की शिक्षा कभी नहीं ली। अभिमन्यु श्रीकृष्ण के भानजे थे। अभिमन्यु महाभारत के काफी कौशल युद्धा में से एक है। कर्ण और अन्य कौरव योद्धा अभिमन्यु का सामना क्यों नहीं कर सकते थे? क्या ये सच है? यह सवाल सबके जेहन में उठता है।

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क्या आप जानते थे कृतवर्मा को एक यादव के रूप में अभिमन्यु के सक्षम के बारे में पता था। कौरव पक्ष में कोई नहीं होगा जो की अभिमन्यु के एक योद्धा के रूप में पराजित कर पायेगा। अभिमन्यु को स्वयं कृष्ण के पुत्र ‘प्रद्युम्न’ ने प्रशिक्षित किया था। प्रद्युम्न को उन कुछ किरदारों में से एक माना जाता है, जो युद्ध में एक साथ साठ हजार विरोधियों से लड़ सकते हैं। अभिमन्यु ने बलराम का आभार व्यक्त किया और उनसे रौद्र नामक धनुष प्राप्त किया।

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अभिमन्यु को कवच पहनने का एक खास तरीका पता था जिससे इसे अभेद्य बनाया जा सकता है। अभिमन्यु कर्ण, द्रोण, सुयोधन और अश्वथामा और कौरव दल के बाकी लोगों की तुलना में अधिक तेज, मजबूत, होशियार और कुशल था। अगर छल का सहारा नहीं लिया जाता तो अभिमन्यु का मरना असम्भ था।

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