सलमान खान के खलनायक ने मोदी और शाह के लिए कहा वो तो हिन्दू ही नहीं हैं

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रचार और उनकी म्हणत के बूते आज देश के 19 राज्यों में भाजपा सरकार है. लेकिन इसके बावजूद विपक्ष और आम जन उनसे खुश नज़र नही आ रहे. ऐसा ही कुछ जाने-माने फिल्म अभिनेता प्रकाश राज के साथ भी है. एक कार्यक्रम के दौरान मेहमान बनकर पहुंचे प्रकाश ने कहा कि वह मानते हैं कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह हिंदू नहीं है. अपने बयान को सही ठहराते और पुख्ता करते हुए प्रकाश ने कहा कि जब मोदी सरकार का कोई मंत्री किसी एक धर्म का पूरी तरह से सफाया करने की बात कहता है और प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी के अध्यक्ष इन बातों पर चुप रहते हैं तो उनके हिंदू होने पर सवाल उठाने को कैसे गलत ठहराया जा सकता है.

इस कार्यक्रम में प्रकाश के साथ साउथ के और भी कई कलाकार जैसे कि फिल्म डायरेक्ट एसके शशिधरन, दलित एक्टिविस्ट कांचा इलाय्हा और एक्टर विशाल शामिल थे.

अभिनेता के नेता बनने में हर्ज ही क्या है

हैदराबाद में हुए एक कार्यक्रम में प्रकाश के साथ मौजूद साउथ की फिल्मों के अभिनेता विशाल रजनीकांत और कमल हासन का उदाहरण देते हुए ये सवाल किया गया कि दक्षिण के राज्यों में फिल्म कलाकारों के बीच राजनीति में आने की होड़ क्यों लगी है? और क्या विशाल भी राजनीतिक सफर की शुरुआत करने की तैयारी में हैं? इस पर विशाल ने कहा कि मैंने पहले एक बार कोशिश की थी और एक चुनाव के लिए नामांकन भरा था लेकिन जिस तरह से मेरे नॉमिनेशन को रिजेक्ट किया गया उसके बाद मैंने तय कर लिया कि मैं राजनीती में ज़रूर आउंगा. उन्होंने कहा जब देश में नेता एक्टिंग कर रहे हैं तो अभिनेता के राजनीति करने आने पर हर्ज नहीं होना चाहिए.

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नेता बने सभी अभिनेताओं की मंज़िल एक

विशाल ने कहा कि तमिलनाडु में होने वाले चुनाव राज्य के लिए गेमचेंजर साबित होने जा रहा है. उनके मुताबिक रजनीकांत और कमल हासन इस वक़्त सही दिशा में जा रहे हैं. इसी सवाल के जवाब में प्रकाश राज ने कहा कि रजनीकांत और कमल हासन के साथ विशाल को एक साथ राजनीतिक सफर पर निकलने की जरूरत है क्योंकि तीनों के सामने लक्ष्य एक ही है. प्रकाश की राय में तमिलनाडु में बदलाव की लहर है और ऐसे में कोई भी नेता जीत सकता है.

इसी सत्र के दौरान कांचा इलह्या ने कहा कि ट्रिपल तलाक मामला एक मुस्लिम महिला लेकर कोर्ट पहुंची और बीजेपी सरकार ने उसका समर्थन किया. लेकिन मंदिर में महिलाओं की एंट्री के मामले को जब एक हिंदू महिला लेकर कोर्ट जाती है तो यही बीजेपी चुप रहती है. आखिर बीजेपी हिंदू महिलाओं के अधिकार पर चुप क्यों है.