अमरनाथ गुफा
भारत के पवित्र धार्मिक स्थलों में माने जाना वाला अमरनाथ गुफा का रहस्य काफी अद्भुत है। यह भगवान शिव को समर्पित प्रमुख धार्मिक स्थल है। जो जम्मू-कश्मीर के पहलगांव जिले में लगभग 3800M की ऊँचाई पर स्थित है। यह गुफा 150M लंबी तथा 100ft ऊँची है।
इसे बाबा बर्फानी के नाम से भी जाना जाता है। माता पार्वती को जन्म – मरण के चक्र से हर युग में गुजरना पड़ता था। ओर शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या करनी पड़ती थी। इससे दुःखी होकर माता ने एक बार शिव से कह दिया कि वे भी अमर होना चाहती है ऐसा कहने पर भोलेनाथ ने माता को इस परम् गोपनीय ज्ञान देने के लिए एकान्त स्थान खोजने लगे।
रहस्य
अन्त में उन्होंने हिमालय में एक ऐसा स्थान खोज जो परम गोपनीय था। भगवान शिव माता पार्वती को इकेले में यह दिव्य ज्ञान देने चाहते थे। अंत सबसे पहले उन्होंने पहलगांव के पास नन्दीबैल को छोड़ा जिसे आज नन्दीघाटी कहते है। फिर उन्होंने ने अपने कुंडलों के रूप में अनन्तनाग को छोड़ा जिसे आज अनन्तनाग क्षेत्र कहते है। अमरनाथ गुफा से जोड़ी दूसरी कथा यह है कि यहाँ पर माता सती का कंठ गिरा था । जिसके कारण यह स्थान 51 शक्तिपीठों में भी गिना जाता है।
अमरनाथ गुफा की सबसे पहले खोज भृङ्गी ऋषी ने की थी। पर उन्होंने यह ज्ञान गोपनीय रखा। सन 1643 में जब मूंगा नाम का एक मुसलमान गड़रिया पहाड़ पर अपनी भेड़े चरा रहा था तब उसे एक साधु में एक अंगारे से भरी कटोरी दी । गडरिया उसे जब घर लाया तो वे अंगारे सोने में बदल गए।
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मुस्लिम गड़रिये जब उस साधु का धन्यवाद करने के लिए जब उस साधु से मिलने पहाड़ पर गया तो वह गायब था और वहां पर एक गुफा दिख रही थी। जब वह उस गुफा के अंदर गया तो उसने वहां पर एक रहस्यमयी बर्फ का शिवलिङ्ग देखा। और अपने गांव में आकर लोगो को बताया।
तब से ही बाबा बर्फानी की यात्रा शुरू हुई। अमरनाथ गुफा के दर्शन के लिए सैकड़ो भक्तों की भीड़ हर साल उमड़ पड़ती है। भक्तों के आँखों में अपने प्रभु के लिए असीम श्रद्धा होती है। जिसे लेकर वो अमरनाथ गुफा की यात्रा पर निकल पड़ते है।