अब एक भारतीय मामले पर सुनवाई करेगी अमेरिका की अदालत

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देश में होने वाले मुद्दों पर सुनवाई या तो स्थानीय अदालत करती है ,या हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट l बड़े से बड़े मामलों में निर्णय हमारी शीर्ष अदालत ने ही लिए है l

अगर आपको ये कहा जाए कि गुजरात के एक मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट करेगा ,तो ? इसमें कोई बड़ी बात नही है l लेकिन अगर आपसे कहा जाए कि ,सुप्रीम कोर्ट भारत का नहीं अमेरिका का होगा तो ?हो गए ना हैरान l

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क्या है पूरा मामला ?
दरअसल ,अमेरिका का सुप्रीम कोर्ट गुजरात में एक बिजली संयंत्र के खिलाफ भारतीय ग्रामीणों की एक अपील पर सुनवाई करने को सहमत हो गया हैl इस संयंत्र के कारण कथित तौर पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचा है और इसके लिए अमेरिका स्थित इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन (आईएफसी) कोष प्रदान कर रहा हैl गौरतलब है कि सु्प्रीम कोर्ट ने कल कहा ,कि ‘‘याचिका स्वीकार की जाती हैl

बुद्ध इस्माइल जाम कर रहे है मामले की अगुवाई
आपको बता दें कि इस मामले पर सुनवाई इसी वर्ष अक्टूबर से शुरू हो रहे अगले सत्र में की जाएगीl दरअसल कई किसानों और मछुआरों सहित ग्रामीणों की अगुवाई कर रहे बुद्ध इस्माइल जाम ने यह आरोप लगाया कि कोयले से चलने वाली टाटा मुंद्रा पावर प्लांट से व्यापक तौर पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचा हैl जिस से गाँव वालों को भी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है l उनका कहना है कि ,पर्यावरण हमारी माँ है और माँ को नुकसान  पहुँचता है तो तकलीफ हमें  होती है l

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निचली अदालत ने सुनवाई से कर दिया था इनकार
दरसल वाशिंगटन डीसी स्थित आईएफसी परियोजना के लिए अमेरिका 45 करोड़ अमेरिकी डॉलर की मदद कर रहा हैl आपकी जानकारी के लिए यह बता कि यह विश्व बैंक की आर्थिक शाखा हैl शीर्ष अदालत ने यह कहा कि वह तय करेगा कि क्या आईएफसी के पास ‘इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन इम्यूनिटी एक्ट’ 1945 के तहत छूट है या नहींl आपको बता दें कि निचली अदालतों ने उनकी याचिकाओं पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था l जिसके बाद जाम और अन्य याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया हैl अपनी इस याचिका में ग्रामीणों ने दलील दी है कि टाटा मुंद्रा बिजली संयंत्र, अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणीय मानकों का पालन करने में विफल रही हैl जिसके कारण पर्यावरण को नुक्सान पहुँच सकता है l