राम मंदिर बनाने पर हिंदू-मुसलमान दोनों हैं सहमत?

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शियाओं के धर्मगुरु मौलाना कल्बे सादिक ने राम जन्मभूमि विवाद पर रविवार को कहा कि बाबरी मस्जिद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला अगर मुसलमानों के हक में आए तो जमीन खुशी-खुशी हिंदुओं को दान में दे देना चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को शांतिपूर्वक स्वीकार करें।

उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि इस जमीन से हिंदू गहरी आस्था से जुड़े हैं। कल्बे सादिक का कहना है, कि सुप्रीम कोर्ट मंदिर-मस्जिद विवाद को देख रहा है और हमें देश के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर पूरा भरोसा है। सादिक ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला मुस्लिम समाज के खिलाफ आता है, तो मुस्लिम समुदाय को कोर्ट के फैसले को शांतिपूर्ण तरीके से मान लेना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कल्बे सादिक के बयान की तारीफ की। उन्होंने कहा कि यह बात कर मौलाना साहब ने सबका दिल जीत लिया है। हर्षवर्धन के मुताबिक भगवान श्रीराम न हिंदुओं के और न मुसलमानों के बल्कि वह तो भारत की आत्मा हैं। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को ऐतिहासिक दस्तावेजों के अनुवाद के लिए तीन महीने का समय दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई पांच दिसंबर को तय की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पहले वह दो मुख्य पक्षों को चुनेगा इसलिए सभी पक्ष अपने कागजात तैयार रखें।