धरती पर हम सब एक आम इंसान बनकर आये थे. लेकिन यहाँ आकर पहले हम मज़हब के नाम पर बंटे और फिर जातियों के नाम पर. मगर इन बंटवारों ने हमें फायदे से ज़्यादा नुक़सान दिया है. पर शायद अब समय आ गया है कि हम इन सब बंधनों और इन सब टैग्स से मुक्ति पा लें. ऎसी ही एक सीख हमे सेना के एक अफसर से मिल रही है.
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ विडियो
सोशल मीडिया पर कर्नल सौरभ सिंह शेखावत का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है. पैराशूट रेजिमेंट की 21वीं बटालियन में तैनात कर्नल सौरभ सिंह शेखावत ने इस विडियो में बताया है कि आर्मी में धर्म और जाती पर विवाद क्यों नहीं होता है. वीडियो को एक पूर्व भारतीय सैनिक रघु रमन ने पोस्ट किया है. उन्होंने वीडियो पोस्ट के साथ लिखा है- ”अगर आपको दिनभर में कुछ अच्छा सुनना है तो आपको कर्नल शेखावत की बात सुननी चाहिए, क्योंकि उन्होंने एक मिनट में ही वह सबक सिखा दिया जिसे हमारे सभी राजनेता मिलकर भी हमें नहीं सिखा सके.”
कर्नल शेखावत ने बतायी आपबीती
कर्नल सौरभ सिंह शेखावत ने वीडियो में बताया कि स्पेशल फोर्स में जाति बताने पर गंदे पानी में डुबकी लगाना पड़ता था. उन्होंने कहा- ‘आर्मी में आप काफी धर्मनिरपेक्ष सोसायटी में रहते हैं और आपको वहां एक यूनिट के तौर पर बिहेव करना होता है. जब मैंने स्पेशल फोर्स ज्वॉइन की थी तब मेरे एक सीनियर ने मुझसे सवाल किया था कि तुम्हारा धर्म और जाति क्या है, तब मैंने कहा कि मैं हिंदू राजपूत हूं. मेरा जवाब सुनने के बाद उन्होंने कहा कि जाओ जाकर उस गंदे पानी में डुबकी लगाकर आओ. मैंने उनकी बात मान ली और मैंने गंदे पानी में डुबकी लगा दी. डुबकी लगाते वक्त लगा कि मुझसे कोई गलती हुई होगी, मैंने कुछ गलत कहा होगा. जैसे ही मैं बाहर निकला तो उन्होंने फिर मेरी जाति के बारे में पूछा, तो मैंने कहा मेरी जाति स्पेशल फोर्स है और धर्म भी स्पेशल फोर्स है.’
यहाँ देखें कर्नल शेखावत का विडियो
If you had to listen to one man today. #OneTalkToday
Who – Col SS Shekhawat, CO 21 Special Forces, the most decorated serving officer.Why – In one minute he gives a lesson more powerful than all politicians put together @atahasnain53 @rwac48 @rajeev_mp @ragarwal @priyaramani pic.twitter.com/J08KCE0KGA
— Raghu Raman (@captraman) February 7, 2018
जिसके बाद सीनियर ने कहा- अब तुम्हें समझ में आई बात. तुम एक अफसर हो तो तुम्हारा धर्म वही होगा जो तुम्हारे जवानों का धर्म है. अगर तुम्हारे जवान हिंदू हैं तो तुम भी हिंदू हो, अगर वह सिख हैं तो तुम भी सिख हो, वह मुस्लिम हैं तो तुम भी मुस्लिम हो और अगर वह इसाई हैं तो तुम भी इसाई हो. एक ऑफिसर के तौर पर तुम सब कुछ हो. हमारी ऐसी ही धारणा है और अगर यह धारणा पूरे देश में भी लागू कर दी जाए तो बहुत सारी प्रॉब्लम्स का हल हो जाएगा.