कश्मीर पर शेहला रशीद के बयान को सेना ने बताया बकवास

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सरकार ने कश्मीर में धारा 370 को हटा दिया है इसको हटाने से पहले सरकार ने पूरे कश्मीर में संचार लाइनों को बंद कर दिया था। धीरे धीरे सरकार वहां संचार व्यवस्था शुरू कर रही है। इस बीच JNU की पूर्व छात्र नेता शेहला रशीद ने कश्मीर मुद्दे पर सेना के ऊपर आरोप लगा के कश्मीर में माहौल ख़राब करने की कोशिश की।

भारतीय सेना ने रविवार को जम्मू और कश्मीर के लोगों के आंदोलन के नेता शेहला रशीद के जम्मू और कश्मीर के हालात के आरोपों को खारिज कर दिया और उन्हें “निराधार” करार दिया।

जेएनयू की पूर्व छात्र नेता और जेनएनयूएसयू की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला रशीद ने रविवार को कश्मीर के हालत को लेकर 10 ट्वीट किए जिसमें उन्होंने दावा किया कि घाटी में मौजूदा हालात बहुत खराब है। लेकिन उनके दावों की हवा भारत सेना ने कुछ घंटों में निकाल दी। भारतीय सेना ने उनके दावों को खारिज किया है और उन्हें बेबुनियाद बताया है।

सेना ने कहा, “शेहला रशीद द्वारा लगाए गए आरोप बेबुनियाद और अस्वीकृत हैं। ऐसी असत्यापित और फर्जी खबरें असामाजिक तत्वों और संगठनों द्वारा फैलाई जा रही हैं।”

एक पोस्ट में शेहला ने लिखा, “सेना के जवान रात में घरों में घुस रहे हैं, लड़कों को उठा रहे हैं, घरों में तोड़फोड़ कर रहे हैं, जानबूझकर फर्श पर राशन फैला रहे हैं, चावल के साथ तेल मिला रहे हैं।”

Kashmir 1 -

रशीद ने यह भी दावा किया कि शोपियां में, चार लोगों को सेना के शिविर में पूछताछ के लिए बुलाया गया था।

रशीद के आरोपों की पोल जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने खोल दी। प्रशासन ने बताया कि घाटी में माहौल शांतिपूर्ण है। जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने रविवार को कहा कि 190 से अधिक प्राथमिक स्कूल श्रीनगर में आज फिर से खुलेंगे, इसके अलावा कश्मीर घाटी में सरकारी कार्यालयों की “पूर्ण कार्यक्षमता” बहाल की जाएगी।

योजना और विकास विभाग के प्रधान सचिव रोहित कंसल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, “हमारे पास अकेले श्रीनगर जिले के 190 से अधिक प्राथमिक विद्यालयों को फिर से खोलने की योजना है।”

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बता दें सोशल मीडिया पर यह खबर है कुछ वामपंथी कश्मीर में हिंसा भड़काने के लिए ऐसे ट्वीट कर रहें हैं। क्योकि धारा 370 हटे लगभग 10 दिन हो गए और अब तक कोई बड़ी हिंसा सामने नहीं आयी। कुछ लोग हैं जो ऐसे उलूल जुलूल बयान देकर कश्मीर का माहौल ख़राब करने की कोशिश कर रहें हैं। वैसे अगर देखा जाए तो शेहला रशीद का यह ट्वीट ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए। ऐसे लोग बयान देकर बस खबरों में रहना चाहते हैं ये बस सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं। जमीनी स्तर पर ऐसे लोग एक्टिव नहीं रहते हैं।