दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के खिलाफ पिछले साल जनवरी में चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज हुआ था. 8 जनवरी 2017 को केजरीवाल ने गोवा में चुनाव प्रचार रैलियों के दौरान कई भाषण दिए थे. सहायक रिटर्निंग ऑफिसर ने केजरीवाल द्वारा दिए गए भाषणों पर सख्त आपत्ति जताई थी. उन्होंने मापुसा पुलिस थाने में केजरीवाल के खिलाफ मामला दर्ज करवाया .
गोवा कोर्ट 8 फ़रवरी को इस चुनाव उल्लंघन मामले की सुनवाई करेगा.
केजरीवाल ने 8 जनवरी 2017 को चुनाव रैली के दौरान लोगों से कहा था कि कांग्रेस और बीजेपी से पैसे मिल रहे हो तो मना मत करिए, रख लीजिए लेकिन वोट ‘आप’ को ही दीजिएगा. केजरीवाल के इस बयान से चुनाव आयोग भड़क गया था. इसी कारण चुनाव आयोग ने सख्ती दिखाते हुये एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए थे. गोवा पुलिस ने चुनाव उल्लंघन के आरोप में केजरीवाल पर मामला दर्ज किया था. इस संबंध में मापुसा पुलिस इंस्पेक्टर राजेंद्र प्रभुदेसाई ने कहा था कि रिटर्निंग ऑफिसर गुरुदास देसाई की शिकायत पर केजरीवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी थी.
मुख्यमंत्री की मुश्किलें और भी हैं
फ़िलहाल चुनाव आयोग ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है. 70 में से 67 सीटें जीतकर दिल्ली के मुख्यमंत्री बने अरविंद केजरीवाल के लिए यह बड़ा झटका है. चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के विधायकों को अयोग्य करने की सिफारिश राष्ट्रपति से की थी. हालांकि, उम्मीद की जा रही थी कि केजरीवाल सरकार को हाईकोर्ट कोई रास्ता दिखा दे. चुनाव आयोग के इस फैसले के तुरंत बाद आम आदमी पार्टी ने अंतरिम राहत के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, मगर फिलहाल वहां से भी आम आदमी पार्टी को राहत नहीं मिली.
इस फैसले के बाद अरविंद केजरीवाल पर
लगातार हमले हो रहे हैं. कांग्रेस और बीजेपी ने केजरीवाल सरकार से इस्तीफे की भी मांग की है. वहीं आप नेता आशुतोष चुनाव आयोग पर बरसते नजर आए. आशुतोष ने ट्वीट के जरिये कहा कि ‘सेशन के दौरान रिपोर्टर के तौर पर चुनाव कवर करने वाला मेरे जैसा शख्स भी आज कह सकता है कि चुनाव आयोग कभी इतना नीचे नहीं गिरा. चुनाव आयोग को कभी ऐसा कदम लेने की नौबत नहीं आई .