Assam-Meghalaya Dispute: असम-मेघालय ने सुलझाया 50 साल पुराना विवाद, 36 वर्ग किलोमीटर विवादित जमीन आधी-आधी बंटेगी!

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Assam-Meghalaya Dispute: असम-मेघालय ने सुलझाया 50 साल पुराना विवाद, 36 वर्ग किलोमीटर विवादित जमीन आधी-आधी बंटेगी!

गुवाहाटी
असम और मेघालय ने अपने 50 साल पुराने सीमा विवाद (Assam-Meghalaya Dispute) को आंशिक तौर पर खत्म करने पर सहमति बना ली है। लगभग 36 स्क्वेयर किमी की विवादित जमीन को दोनों राज्य छह अलग-अलग जगहों पर विभाजित करने के लिए सैद्धांतिक रूप से तैयार हो गए हैं। छह बाकी जटिल क्षेत्रों में विवाद को अगले चरण में निपटाया जाएगा। दोनों राज्य इस बात पर सहमत हुए हैं कि 2011 तक मेघालय की ओर से जिन 12 इलाकों पर दावा किया गया था, यह फैसला सिर्फ उन्हीं इलाकों तक सीमित रहेगा। इसके अलावा मेघालय कोई और दावा नहीं कर सकता।

गुरुवार को अमित शाह से मिलेंगे दोनों मुख्यमंत्री

गुरुवार को इसको लेकर मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलेंगे। दोनों मुख्यमंत्री इन छह क्षेत्रों में सीमा विवाद को हल करने के लिए हुए अपने समझौते की सिफारिशें सौपेंगे। असम कैबिनेट की अध्यक्षता करने के बाद बुधवार को मुख्यमंत्री सरमा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों राज्य केंद्र को अपनी सिफारिशें सौंपेंगे और इस मामले को आगे बढ़ाने का आग्रह करेंगे।

छह इलाकों में सीमा विवाद के हल की सिफारिश करेंगे

उन्होंने कहा, ‘कैबिनेट में असम-मेघालय सीमा मुद्दे पर चर्चा हुई। दोनों राज्यों की क्षेत्रीय समितियों में आम सहमति बन गई है और मुख्यमंत्री स्तर पर भी सहमति बन गई है।’ शिलॉन्ग में मेघालय के मुख्यमंत्री संगमा ने कहा कि वह असम के अपने समकक्ष हिमंत बिस्व सरमा के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से गुरुवार को मिलेंगे और उन्हें छह इलाकों में सीमा विवाद के हल के लिए पूर्वोत्तर के दोनों राज्यों की सिफारिश सौंपेंगे।

लंबी बैठकों के बाद एक निष्कर्ष पर पहुंचे असम-मेघालय
संगमा ने बताया कि यह मुलाकात गुरुवार शाम नई दिल्ली में होगी। मेघालय कैबिनेट की एक बैठक की अध्यक्षता करने के बाद संगमा ने यह घोषणा की। बैठक में सीमा विवाद पर गठित तीन क्षेत्रीय समितियों की सिफारिशों को मंजूरी दी गई। उन्होंने कहा कि मेघालय की क्षेत्रीय समितियों और असम सरकार की सिफारिशें केंद्रीय गृह मंत्रालय को आगे की कार्रवाई के लिए दी जाएंगी।

मेघालय के सीएम ने कहा, जॉइंट सर्वे करवाना पड़ सकता है
संगमा ने कहा, ‘असम के मुख्यमंत्री और मैं गुरुवार की शाम दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री को रिपोर्ट सौंपेंगे। हम कम से कम एक साझा रिपोर्ट सौंपेंगे और तब मुझे लगता है कि भारत सरकार को कानून के मुताबिक आगे बढ़ना होगा।’ उन्होंने कहा कि चर्चा के बाद गृह मंत्रालय एक निष्कर्ष को अंतिम रूप देगा। उन्होंने कहा कि सीमांकन, संसदीय प्रक्रिया के बाद किया जाएगा। संगमा ने कहा, ‘भारतीय सर्वेक्षण विभाग को आना होगा। एक जॉइंट सर्वे करना पड़ सकता है और विधेयक भी पारित करना होगा।’

संगमा ने कहा, विवाद हल करना एक मुश्किल काम था
उन्होंने कहा कि दोनों राज्य सीमावर्ती इलाकों में गांवों पर सहमत हो गए हैं। नदियों और जंगलों समेत प्राकृतिक सीमाओं की पहचान कर ली गई है। मतभेद वाले छह स्थानों पर 36 गांव है जिनका कुल क्षेत्रफल 36.79 वर्ग किमी है। संगमा ने कहा कि सीमा विवाद 50 वर्षों से है और इसको हल करना मुश्किल काम है लेकिन दोनों राज्यों की कोशिशों के चलते हम एक समाधान पर पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने इस विवाद से जुड़े कई लोगों से परामर्श किया, कई बैठकें और कई दौरे किए। जैसा कि मैंने कहा, यह वास्तव में एक बहुत ही महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक क्षण है।’

(भाषा से इनपुट्स के साथ)



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