घुमंतू होने के फायदे।

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Benefits of roaming
घुमंतू होने के फायदे ।

जीवन जीने के ऐसे तो बहुत से रास्ते होते है मगर ज़िन्दगी को अगर अच्छे और दिलचस्प तरीको से जिया जाये तो ज़िन्दगी और भी ख़ूबसूरत हो जाती है। जीवन को जीने के सर्वश्रेष्ठ रास्तों में से एक है कि आप घूमते फिरते रहे। घुमंतू होना कोई मुश्किल काम नहीं है, न ही इसके लिए बार-बार घर छोड़ने की जरूरत है और न ही अपना मूल काम। बस अपनी प्रकृति में थोड़ा बदलाव कर लीजिये। बदलाव भी बस इतना सा हो कि नई-नई चीजों के देखने और समझने के प्रति सम्मान भाव हो। ऐसा हुआ तो आप घुमंतू हुए बिना रह नहीं सकते। आप किसी भी क्षेत्र से जुड़े हो, यात्राएं जरूरी है, क्योंकि वे आपकी उस सम्पदा में लगातार बढ़ोतरी करती है, जो आप लिए मूलभूत है और वह है- मानवीय भावना। ये आप को सिखाती है कि आप भी फूल, पौधों, पत्तियों की तरह ही प्रकृति का एक हिस्सा है।
हम अक्सर यह पाते है कि हमारे आस-पास हमसे अछूता है। ऐसी अनेक जगहें हैं, जहां हम सहजता से जा सकते थे, लेकिन नहीं गए। पर्यटन के लिए भी हम जहां गए, बस इस भाव से कि थोड़ा जाना और आना हो जाएं। घुमंतू होने का सही मतलब है- खुद को अनदेखे के प्रति समर्पित करना। खुद को उसी जगह के लिए कुछ देर छोड़ देना, नए अनुभवों के हवाले कर देना।। ऐसे अनुभव ताउम्र आपको अमीर बनाये रखते है।
महान क्रांतिकारी चे गवारा ने दुनिया को देखने का जो नजरियां पाया, वह घुमंतू होकर ही पाया। वह मोटर साइकिल पर पूरा लैटिन अमेरिका घूमे। भूख, गरीबी, बेबसी देखी और फिर खुद को एक लड़ाई में झोंक दिया। राजशाही के दौर पर भी गौर करे, तो वे राजा ज्यादा सफल हुए, जिन्होंने ज्यादा यात्राएं कीं। बुध और महावीर भी ज्ञान प्राप्ति के लिए घुमंतू बने। यहाँ तक कि गाँधी के संकल्प भी उनकी यात्राओं के बीच ही बने थे।