Bhagwant Mann: जाट सिख, मालवा से ताल्लुक…जानिए AAP ने भगवंत मान के चेहरे पर पंजाब में क्यों खेला दांव?

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Bhagwant Mann: जाट सिख, मालवा से ताल्लुक…जानिए AAP ने भगवंत मान के चेहरे पर पंजाब में क्यों खेला दांव?

चंडीगढ़
भगवंत मान का 1973 में संगरूर के सतोज गांव में जन्म हुआ था। मान ने अपने करियर की शुरुआत बतौर कॉमेडियन की। उनका राजनीतिक करियर 2011 में शुरू हुआ। भगवंत मान जिस सीट से सांसद हैं वह सीट मालवा क्षेत्र से आती है। पंजाब में कहा जाता है कि जिसने मालवा जीता उसकी ही सरकार पंजाब की सत्ता में आती है। आम आदमी पार्टी को 2017 के विधानसभा क्षेत्र में अच्छी सीटें मिली थीं। अब पार्टी का पूरा जोर इस इलाके पर है।

पंजाब की राजनीति में भगवंत मान का महत्व तब बढ़ गया जब उन्होंने पंजाब के अनुभवी नेता सुखदेव सिंह ढींडसा को हराया, जो उस समय शिरोमणि अकाली दल (SAD) का हिस्सा थे। केजरीवाल ने यूहीं भगवंत मान को आप का सीएम कैंडीडेट घोषित नहीं किया है, इसके पीछे उनका जीत का गणित है।

20 फीसदी जाट सिख
पंजाब में कुल मतदाताओं में करीब 20 फीसदी जाट सिख हैं। 2017 विधानसभा चुनाव में ‘आप’ ने जाट सिखों में पैठ बनाई है। 2017 के पंजाब विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस ने 117 सदस्यीय सदन में 77 सीटें जीतीं, जबकि शिरोमणि अकाली दल केवल 18 सीटें जीत सका। वहीं, आप 20 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

2014 में, जब देश की राजनीति में मोदी लहर चल रही थी। भगवंत मान ने संगरूर लोकसभा सीट जीती। कांग्रेस और अकाली उम्मीदवारों की मौजूदगी के बावजूद मान ने 2 लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की। उन्होंने 2019 में फिर से संगरूर सीट जीती।

मालवा का चुनावी गण‍ित
पंजाब में कुल 117 विधानसभा सीटें हैं। अकेले मालवा रीजन में ही 69 विधानसभा सीटे हैं। ऐसे में कहा जाता है क‍ि मालवा जीतने वाली पार्टी प्रदेश में सरकार बना लेती है। 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने क्षेत्र में 40 सीटें जीती थीं। दूसरे अहम क्षेत्र माझा और दोआब को माना जाता है। माझा में 25 विधानसभा सीटें हैं तो दोआब में 23 विधानसभा सीटें आती हैं। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने माझा की 22 सीटों और दोआब की 15 सीटों पर जीत हासिल की थी।

साल 2012 के चुनाव में अकाली दल ने मालवा क्षेत्र से 33 सीटें जीती थी। इसलिए उनकी सरकार सत्ता में आई थी। लेकिन साल 2017 के चुनाव में अकाली दल के खाते में महज आठ सीट ही मिली थी और वह दस साल बाद सत्ता से बाहर हो गए थे।

मालवा क्षेत्र में आप ने जीती थीं 20 सीटें
आम आदमी पार्टी ने 2017 में मालवा क्षेत्र में 20 सीटें जीती थीं, लेकिन माझा और दोआबा क्षेत्रों में यह छाप छोड़ने में विफल रही। क्या पार्टी इस सीजन में नया क्षेत्र हासिल कर पाएगी। दूसरे, किसान संघ, जिन्हें पार्टी का समर्थन करने की उम्मीद थी, अब स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ रहे हैं। सत्तारूढ़ कांग्रेस ने चन्नी को राज्य का पहला दलित मुख्यमंत्री भी बनाया है। क्या मान यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि उनकी पार्टी कांग्रेस, अकालियों, अमरिंदर-भाजपा और किसान पार्टी से चुनौती का सामना कर सकती है?

इसलिए अरविंद केजरीवाल का फोकस
अरविंद केजरीवाल के नेतृत्‍व वाली आप मालवा में इस बार भी पूरा दम झोंक रही है। इसका कारण है पिछला विधानसभा चुनाव। 2017 के विधासभा चुनाव में आप ने यहां से 20 सीटें जीती थीं। इस बार भी वह यहीं के बूते गणित बिगाड़ना चाहती है। आप ही नहीं शिरोमणि अकाली दल (SAD) भी यहां अपनी मौजूदगी को फिर मजबूत करना चाहती है। अकाली दल ने इस क्षेत्र से 2012 में 33 सीटें जीती थीं। लेकिन, 2017 में उसकी सीटें घटकर 8 रह गई थीं। इस तरह उसने सत्‍ता भी गंवा दी थी। 23 सीटों वाले दोआब क्षेत्र में पारंपरिक तौर पर अकाली दल की पकड़ रही है।

क्‍या कहता है ओपिनियन पोल?
ओपिनियन पोल में आप को इस क्षेत्र में बड़ी बढ़त मिलती दिख रही है। इस क्षेत्र की 38 से 39 सीटों पर आप को बढ़त मिलती दिख रही है। वहीं, कांग्रेस के खाते में 15 से 16 सीटें आती दिख रही हैं। टाइम्स नाउ नवभारत के सर्वे में अकाली केा 12 से 13 सीटों पर जीत मिलने का अनुमान जताया गया है। वहीं, भाजपा को एक और अन्य के खाते में एक सीटें जाती दिख रही हैं।

मालवा में आम आदमी पार्टी को 41.01 फीसदी वोट मिलता दिख रहा है। यहां पर दूसरे नंबर पर रही कांग्रेस को 31.48 फीसदी वोट मिलने के आसार हैं। अकाली के पक्ष में 20.58 फीसी, भाजपा को 3.2 फीसदी और अन्य को 3.73 फीसदी वोट मिल सकता है।

टाइम्स नाउ नवभारत के एक्जिट पोल सर्वे में पंजाब की 117 सीटों पर लोगों के रुझान लिए गए। इसमें पाया गया कि इस बार लोगों की पहली पसंद आम आदमी पार्टी बनने वाली है। पार्टी को 53 से 57 सीटें मिल सकती हैं। वहीं, सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी को 41 से 45 सीटों पर जीत मिलती दिख रही है।

पंजाब चुनाव का पूरा कार्यक्रम
कुल विधानसभा सीटें- 117
नोटिफिकेशन जारी होने की तारीख- 25 जनवरी
नामांकन की आखिरी तारीख- 1 फरवरी
नामांकन पत्रों की जांच- 2 फरवरी
नाम वापसी की अंतिम तारीख- 4 फरवरी
मतदान- 20 फरवरी
रिजल्ट- 10 मार्च

भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल



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