Bhind Spurious Liquor Case: जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में सामने आई पुलिस की लापरवाही, सीएम शिवराज ने एसपी और एडीजी से पूछा- आप क्या कर रहे थे

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Bhind Spurious Liquor Case: जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में सामने आई पुलिस की लापरवाही, सीएम शिवराज ने एसपी और एडीजी से पूछा- आप क्या कर रहे थे

भिंड: मध्य प्रदेश में भिंड के इंदुर्खी गांव में जहरीली शराब से हुई चार मौतों के मामले में पुलिस की लापरवाही पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने नाराजगी जताई है। सीएम ने एसपी शैलेंद्र सिंह को फटकार लगाई तो एडीजी से पूछा कि इतनी बड़ी घटना हो गई तो वे क्या कर रहे थे।

भिंड के रौन इलाके के इंदुर्खी गांव में जहरीली शराब पीने से गांव के ही 4 लोगों की मौत हो गई जबकि आधा दर्जन लोग अस्पताल में उपचार करवा रहे हैं। मामले को जब मीडिया ने उछाला तो भिंड एसपी ने आनन-फानन में दो टीआई को निलंबित करते हुए एसआईटी का गठन कर दिया, लेकिन इस दौरान भिंड एसपी ने बड़ी लापरवाही भी बरती। मृतकों में से एक के शव का पोस्टमार्टम तक नहीं कराया गया।

पुलिस की लापरवाही पर जब सवाल उठने लगे तो दो लोगों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ धारा 304, 34 और 49 ए के तहत मामला दर्ज कर लिया गया। दो मृतकों मनीष और रवि की मौत का कारण जहरीली शराब बता दिया गया, जबकि अभी तक दोनों की विसरा रिपोर्ट नहीं आई है। खास बात यह कि मनीष और रवि के साथ पप्पू की लाश का भी पोस्टमार्टम हुआ था, लेकिन पुलिस ने पप्पू की मौत को जहरीली शराब से होना नहीं माना है। गांव में हुई चौथी मौत को लेकर पुलिस अभी तक खाली हाथ है क्योंकि मृतक की बॉडी का पोस्टमार्टम तक नहीं हो सका।

इस पूरे घटनाक्रम के बारे में इंदुर्खी गांव के निवासी लाखन ने मीडिया के सामने खुलासा करते हुए भी बता दिया कि कैसे उसने अवैध शराब की फैक्ट्री पर काम किया और बदले में रुपए के साथ-साथ शराब के क्वार्टर भी मिले जिसे पीने से यह घटना हुई। इस मामले को लेकर गुरुवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भिंड के एसपी और चंबल क्षेत्र के एडीजी से पूछा कि आरोपियों को पहले क्यों नहीं पकड़ा गया। उन्होंने कहा कि जहरीली शराब को लेकर सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है। इसमें गंभीर कार्रवाई होनी चाहिए।



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