भोजपुरी एक महान भाषा है, तो फिर इसकी महत्तवता क्यों नहीं

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लोग कहते है की भोजपुरी बोलने वाले लोग अपने फेमस भोजन लिट्टी की तरह होते है बाहर से कठोर और अन्दर से नरम पर कोई भी  दोस्ती नहीं करना चाहता लेकिन जब दोस्ती हो जाती है उन्हें लिट्टी की तरह मज़ा आता है|

बात भोजपुरी भाषा की है,तो भारत के  कोने –कोने में है हर जगह पर भोजपुरी बोलने वाले लोग मिलगे कोई कंपनी में काम कर रहा होगा तो कोई जुट मिल में  तो कोई DM होगा तो कोई नेता है और इस भाषा को बोलने वाले लोगों ने देश को आज़ाद करने में भी महत्पूर्ण भूमिका निभाई फिर भी  इस भाषा को जो मान – सम्मान मिलाना चाहिए वो नहीं मिलता क्यों ?तो आइए आज हम आपको लगभग 4 करोड़ लोगों द्वारा बोले जाने वाली भोजपुरी भाषा के समृधि के बारे में बताएगे|

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राष्ट्रीय भाषा हिन्दी के बाद सबसे ज्यादा बोले जाने वाली  भाषा भोजपुरी है और इसका अपना समृद्ध साहित्य है दुःख इस बात का है कि आज शहर में या गांव में भी भोजपुरी बोलने वाले लोग भोजपुरी बोलने में शर्म करते है इसका प्रमुख  कारण है की आठवी अनासुची में न शामिल किया  जाना  समय समय पर इस भाषा को आठवी अनसूचि में शामिल करने के लिए मांग उठती रही है इसके लिए विभिन्न आंदोलन भी हुये लेकिन ये आंदोलन तुच्छ राजनीति का शिकार हो गए | संत कबीर दास 1297 के जन्मदिवस  को भोजपुरी दिवस के रूप में भारत में स्वीकार किया गया है और विश्व भोजपुरी दिवस के रूप में मनाया जाता है  |

भोजपुर से है भोजपुरी का सम्बन्ध  : इतिहासकारों  की  माने  तो इस भाषा का इतिहास 7वीं सदी से शुरू होता है 1000 से अधिक साल पुरानी है गुरु गोरख नाथ ने वर्ष 1100 में गोरख बानी लिखा था  जो की  भोजपुरी  भाषा  में  है | भोजपुरी भाषा का नामकरण बिहार के आरा शाहाबाद जिले में स्थित भोजपुर नामक गांव के नाम पर हुआ है पूर्ववर्ती आरा जिले के बक्सर सब डिविजन में  है भोजपुर नाम का एक बड़ा परगना है, जिसमें नया भोजपुर और पुराना भोजपुर दो गाँव हैं|मध्य काल में इस स्थान को मध्य प्रदेश के उज्जैन से आए भोजवंशी परमार राजाओं ने बसाया था |

उन्होंने अपनी इस राजधानी को अपने पूर्वज राजा भोज के नाम पर भोजपुर रखा था इसी कारण इसके पास बोली जाने वाली भाषा का नाम भोजपुरी पड़ गया  |भोजपुरी भाषा बिहार,उत्तर प्रदेश ,झारखण्ड के कई जिलो में बोली जाती है इसके प्रमुख बोलिया : आदर्श भोजपुरी : बिहार राज्य के आरा जिला और उत्तर प्रदेश के बलिया, गाजीपुर जिले के पूर्वी भाग और घाघरा सरयू एवं गंडक के दोआब में बोली जाती है : पश्चिमी भोजपुरी -: ये आजमगढ़ , बनारस , जौनपुर , गाजीपुर के पश्चिमी भाग और मिर्जापुर में बोली जाती है |

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 विश्व के सभी महाद्वीपों पर बोली जाती है भोजपुरी : इस भाषा को बोलने वाले,उसे जानने और समझने वालों का विस्तार विश्व के सभी महाद्वीपों पर है,इसका कारण ब्रिटिश राज के दौरान उत्तर भारत से अंग्रेजों द्वारा ले जाए गए मजदूर हैं,ये गए तो थे वहां मजदूरी करने लेकिन वहीं के होकर रह गए अब इनके वंशज जहाँ उनके पूर्वज गये थे वहीं बस गये हैं |

इनमें मारिसस ,सूरिनाम, गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, फिजी आदि देश प्रमुख हैं जहां भोजपुरी का बोलबाला या यूं कहें जलवा है  आपने  मारिसस के प्रधानमंत्री राम बेन गुलाम का नाम तो सुना ही होगा जिनका सम्बन्ध भोजपुर के हरिगाव से है|

स्थानीय लोगों  के  अनुसार नेता आते है भोजपुरी भाषा में भाषण की शुरुआत करते है ( रुआ सबे के प्रणाम बा )लेकिन उनसे पूछा जाए की उन्हाने भोजपुरी भाषा के लिए किया क्या? उन्होंने हमारे भोजपुर के लिए किया क्या ?हमारे जनप्रतिनिधि ने हमारे भाषा के लिए किया क्या?