विशेष राज्य के दर्जे से बिहार में पिछड़ापन दूर होगा: सीएम नीतीश

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Nitish kumar

लोकसभा चुनाव के ख़त्म हो जाने पर लगभग सभी सियासी पार्टियों के नेता जनता की विकास कार्यों के करने में जुट गए हैं। इधर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा, ‘’लोकसभा चुनाव में काम के आधार पर जनता ने हमें समर्थन दिया। वह अपने काम पर लग गए हैं और राज्य को विशेष राज्य का दर्जा अवश्य चाहिए।’’

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस दौरान केन्द्र सरकार की योजनाओं को बंद करने का सुझाव दिया। दरअसल, लोक संवाद के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय विषयों पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, ‘’वह बुनियादी विचार और सिद्धांत से कोई समझौता नहीं करते हैं। राम मंदिर का निर्माण का कोर्ट के फ़ैसले या लोगों की सहमति से हो। कॉमन सिविल कोड को थोपे जाने व धारा 370 हटाए जाने के पक्ष में नहीं है।’’

भाजपा द्वारा केन्द्रीय मंत्रिमंडल में जेडीयू कोटे से सिर्फ एक मंत्री शामिल किए पर जेडीयू के इन्कारनामे के बाद उत्पन्न हुई स्थितिओं पर सीएम ने कहा कि कोई कटुता नहीं है। जैसे पहले सौहार्द का संबंध था, वैसे आज भी है। उन्होंने इस बात से इन्कार किया कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल में जेडीयू के शामिल नहीं होने से विकास पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

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उन्होंने बिहार को विशेष श्रेणी के राज्य का दर्जा दिलाने के लिए अपनी मांग को दोहराया। उन्होंने कहा कि बिहार के हम पिछड़ेपन को दूर करने के लिए नीति आयोग की बैठक में शामिल होंगे और विशेष राज्य दिलाने की पूरी कोशिश करेंगे।

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