सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत बने भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ

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सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत बने भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ

24 दिसंबर को सरकार ने औपचारिक रूप से चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद की स्थापना की थी अब सरकार ने पहले चीफ ऑफ़ डिफेन्स का नाम भी घोषित कर दिया है। आपको बता दें कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ भारतीय थल सेना, भारतीय नौसेना या भारतीय वायु सेना का सबसे बड़ा अधिकारी होगा।

भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में नामित किया गया है। जनरल रावत को सेना प्रमुख के रूप में पूर्ण तीन साल का कार्यकाल पूरा करने के एक दिन बाद सेवा से सेवानिवृत्त होने से पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नामित किया गया था।

जनरल रावत चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद संभालने वाले पहले अधिकारी हैं। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ सेना से संबंधित मामलों पर सरकार सरकार के साथ एक ऐसी कड़ी के रूप में कार्य करेगा जो भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना के बीच बेहतर तालमेल पर ध्यान केंद्रित करेगा।

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जनरल बिपिन रावत इस पद के लिए सबसे आगे थे।

सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमला, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला, और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के पूर्व छात्र रह चुके जनरल बिपिन रावत गोरखा रेजिमेंट से हैं।जनरल रावत को 31 दिसंबर, 2016 को सेनाध्यक्ष नियुक्त किया गया था और उनका कार्यकाल 31 दिसम्बर को समाप्त हो रहा था, इससे पीला सरकार ने उन्हें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ घोषित कर दिया। वह अब चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में अपनी सेवा जारी रखेंगे।

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भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के नाम की घोषणा पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान की गई थी।

पीएम मोदी के स्वतंत्रता दिवस के आश्वासन ने एक लंबे समय से लंबित सेना की सिफारिश को पूरा किया। भारतीय सेना की मांग थी कि तीनो सेनाओं में सामंजस्य बनाये रखने के लिए संबंधित सभी मामलों पर सरकार को सलाह देने के लिए एक सूत्रीय सैन्य सलाहकार की नियुक्ति की जाए। सिफारिश पहली बार एक समिति द्वारा की गई थी जिसने 1999 के कारगिल संघर्ष के दौरान सेना के प्रदर्शन की जांच की थी।