उत्तर-प्रदेश: उपचुनाव में कहां लगा बीजेपी को झटका और कहां भाजपा ने हासिल की जीत

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उत्तर प्रदेश में आज हुए 11 जिलों के जिलापंचायत उपचुनाव में फिर से भाजपा का परचम लहराया। तो वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी को सिर्फ तीन जगहों पर ही जीत मिल सकी। गाजीपुर, मऊ, संतकबीरनगर, कौशाम्बी, मेरठ, औरैया, हाथरस, बुलंदशहर, रामपुर, लखीमपुर खीरी और फर्रुखाबाद में आज उपचुनाव हुए। इनमे से अधिकांश सीटों पर भाजपा और सपा के बड़े और दिग्गज नेताओं की साख दांव पर लगी थी। मेरठ, बुलंदशहर और हाथरस में तो जबरदस्त मुकाबला देखने को मिला। इन सीटों पर एक-एक वोट से जीत-हार का फैसला हुआ। रामपुर और लखीमपुर में वोटिंग नहीं हुई क्योंकि यहां पर जिला पंचायत अध्यक्ष को निर्विरोध चुन लिया गया।

गाजीपुर में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी श्रीमती आशा देवी ने सपा के ही बागी प्रत्याशी धर्मदेव यादव को 49 वोटों से हराया। यह सीट इसलिए भी चर्चित थी क्योंकि सपा प्रत्याशी आशा देवी की जीत के लिए यूपी के पूर्व पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश सिंह की साख दांव पर लगी थी। गाजीपुर सीट विधानसभा चुनाव में खाली हुई थी। यहां से जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ बिरेन्द्र यादव जंगीपुर सीट से विधायक चुन लिए गए थे। लिहाजा यहां की सीट खाली हो गई थी।

मऊ में भाजपा समर्थित उर्मिला जायसवाल ने सपा की श्रीमती अंशा यादव को 16 मतों से हराया। यहां पर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अंशा यादव के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया था। इसलिए यहां पर उपचुनाव कराया गया। श्रीमती अंशा यादव मऊ के सपा जिलाध्यक्ष की पत्नी हैं। चुनाव हारने के बाद तिलमिलाए सपा जिलाध्यक्ष धर्मप्रकाश यादव ने चार लोगों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।

संतकबीर नगर में हुए उपचुनाव में बीजेपी की मीना देवी ने सपा के प्रत्याशी और पूर्व सपा सांसद भालचंद यादव के बेटे प्रमोद यादव को 3 वोट से हराया। यहाँ पर भी सदस्यों ने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संतोष यादव के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था। कौशाम्बी में भाजपा प्रत्याशी अनामिका सिंह ने सपा की प्रत्याशी और सिराथू के पूर्व सपा विधायक वाचस्पति की पत्नी मधु वाचस्पति को 11 मतों से हराकर चुनान जीत गईं। औरैया में हुए उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी दीपू सिंह ने सपा प्रत्याशी सुधीर यादव को पाच मतों से हराकर सीट पर कब्जा जमाया। औरैया में भी सपा के जिला पंचायत अध्यक्ष राजबीर यादव के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था।

फर्रुखाबाद की बात करें तो यहां पर उम्मीदवारों को लेकर जिले में जबरदस्त चर्चा थी। यहाँ पर भाजपा के सांसद ने अपने ड्राइवर की पत्नी राजकुमारी कठेरिया को उम्मीदवार बनाया था। वहीं सपा के ब्लॉक प्रमुख डॉ सुबोध यादव ने अपनी नौकरानी ज्ञान देवी कठेरिया को प्रत्याशी बनाया था। सपा प्रत्याशी ज्ञान देवी कठेरिया ने 13 मतों से भाजपा प्रत्याशी को हराया।

सपा के दिग्गज नेता आजम खान के गढ़ रामपुर में बीजेपी की जीत हुई। यहां पर बीजेपी के चंद्रपाल पहले से ही निर्विरोध चुन लिए गए थे। लखीमपुर खीरी में भी बीजेपी समर्थित सुधा सिंह निर्विरोध जीत गई थी।

सबसे कड़ा मुकाबला मेरठ में देखने को मिली। यहां भाजपा प्रत्याशी कुलविंदर गुज्जर ने जीत हासिल की। उन्होंने बीजेपी की ही बागी प्रत्याशी सपना को महज एक वोट से पराजित किया। यही हाल हाथरस का भी रहा। यहां पर सपा की प्रत्याशी ओमवती यादव ने बसपा के प्रत्याशी और बसपा के पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय के भाई रामेश्वर उपाध्याय को एक वोट से हराया। बुलंदशहर सीट पर भी कड़ा मुकाबला देखने को मिला। यहां पर भाजपा प्रत्याशी प्रदीप सिरोही ने जीत हासिल की।  सिरोही ने महेंद्र भैया को एक मत से हराया।